एक साथ 19 जिले बनाकर क्या सत्ता में वापस आ सकते हैं अशोक गहलोत ?

रमेश सर्राफ धमोरा

राजस्थान में 19 नए जिलों का गठन कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की राजनीति में मास्टर स्ट्रोक खेला है। वर्षों से राजस्थान में नए जिलों के गठन की मांग की जा रही थी। मगर किसी भी सरकार ने नए जिलों के गठन का जोखिम उठाना मुनासिब नहीं समझा था। चुनावी साल में एक साथ 19 नए जिले व तीन नए संभाग बनाकर अशोक गहलोत ने प्रदेश की जनता को बहुत बड़ा तोहफा दिया है। इससे आम आदमी की प्रशासन तक पहुंच आसान होगी और उनके सरकारी काम तेजी से निष्पादित होंगे। नए जिलों के गठन से गहलोत को राजनीतिक रूप से भी बड़ा लाभ मिलने वाला है। राजस्थान में अभी तक कुल 33 जिले ही थे। जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। राजस्थान से क्षेत्रफल व आबादी में छोटे कई प्रदेशों में जिलों की संख्या राजस्थान से अधिक थी। गहलोत ने नए जिलों का गठन कर भौगोलिक दृष्टि से भी प्रदेश में प्रशासन व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने का काम किया है।

राजस्थान का गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ था। उस समय प्रदेश में कुल 26 जिले थे। उसके 26 साल बाद 15 अप्रैल 1982 को भरतपुर से अलग होकर धौलपुर को प्रदेश का 27वां जिला बनाया गया था। 10 अप्रैल 1991 को कोटा से अलग होकर बारां को, जयपुर से अलग होकर दौसा को व उदयपुर से अलग होकर राजसमंद को एक साथ तीन नए जिले बनाए गए थे। उस समय राजस्थान में जिलों की संख्या बढ़कर 30 हो गई थी। 12 जुलाई 1994 को श्रीगंगानगर से अलग होकर हनुमानगढ़ को 31वां जिला बनाया गया था। 19 जुलाई 1997 को सवाई माधोपुर से अलग होकर करौली को 32वां जिला बनाया गया था। 26 जनवरी 2008 को प्रतापगढ़ को प्रदेश का 33वां जिला बनाया गया था।

उसके 15 साल बाद प्रदेश में एक साथ 19 नए जिलों का गठन एक नया इतिहास रचा गया है। जहां पिछले 72 वर्षों में प्रदेश में मात्र 7 नए जिलों का ही गठन हो पाया था। वहीं एक साथ 19 नए जिले बनाए गए हैं। जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड भी है। देश में अब उत्तर प्रदेश में 75 व मध्य प्रदेश में 52 जिलों के बाद तीसरे स्थान पर राजस्थान में 50 जिले हो गए हैं। राजस्थान में अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण, फलौदी, केकड़ी, कोटपूतली-बहरोड, खैरथल, नीमकाथाना, सलूंबर, सांचौर और शाहपुरा को नया जिला बनाया गया है। वहीं सीकर, पाली व बांसवाड़ा को नया संभाग बनाया गया है। अब राजस्थान में संभाग की संख्या भी 7 से बढ़कर 10 हो गई है। राजस्थान में जैसलमेर सबसे बड़ा जिला व दूदू सबसे छोटा जिला बन गया है। राजस्थान में 19 नए जिलों के गठन के कारण 18 पुराने जिलों की भौगोलिक सीमा भी बदल गई है।

राजस्थान में 2 महीने के बाद विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लग जाएगी। उससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार नई-नई योजनाओं को लांच कर नए कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण कर रहे हैं। प्रदेश में उन सभी परिवारों को विशेष राशन किट प्रदान किया जाएगा जो अभी तक राशन की दुकानों से निःशुल्क गेहूं प्राप्त कर रहे हैं। इस योजना का शुभारंभ आगामी 15 अगस्त से हो जाएगा। इसी तरह आगामी रक्षाबंधन से प्रदेश में महिलाओं को निशुल्क मोबाइल फोन वितरण का कार्य भी प्रारंभ हो जाएगा। जिन परिवारों को उज्ज्वला गैस कनेक्शन मिला हुआ है उनके गैस सब्सिडी की राशि मुख्यमंत्री ने उपभोक्ताओं के खाते में डाल दी है। जिससे उन परिवारों को महंगाई से राहत मिल सकेगी।

राजनीतिक रूप से भी मुख्यमंत्री गहलोत अधिकांश आयोग, निगम, बोर्ड का गठन कर चुके हैं। जिन सरकारी संस्थाओं में गैर सरकारी लोगों की नियुक्तियां की जानी हैं उसकी प्रक्रिया भी चल रही है। मुख्यमंत्री गहलोत ने हाल ही में 20 जिलों की जिला स्तरीय 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति में उपाध्यक्षों की नियुक्तियां की हैं। इसी तरह प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर वरिष्ठ कांग्रेसी जनों को पर्यवेक्षक लगा दिया गया है। जो उन विधानसभा क्षेत्रों में जाकर वहां के सभी कांग्रेस जनों को एक सूत्र में बांधकर पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में वोट डलवाने का काम करेंगे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दोनों पैर के अंगूठे पर चोट लगी हुई है तथा पिछले 2 महीनों से वह घर पर ही रह कर काम कर रहे हैं। पैर में चोट लगी होने के उपरांत भी मुख्यमंत्री पूरी तरह से सक्रिय बने हुए हैं। मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर ही कैबिनेट की मीटिंग कर विभिन्न योजनाओं का अनुमोदन कर उन्हें क्रियान्वयन करवा रहे हैं। प्रदेश में बड़े स्तर पर शहरी ओलंपिक खेलों का आयोजन प्रारंभ हो चुका है। जिनमें पूरे प्रदेश में लाखों लोग भाग ले रहे हैं।

प्रदेश में बनाए गए नए जिलों में पहले ही आईएएस और आईपीएस अफसरों को ओएसडी लगाया गया था। अब नए जिलों का नोटिफिकेशन जारी होते ही उनका पद कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक का हो गया है। नए बनाए गए सभी जिलों में शीघ्र ही जिला स्तर के कार्यालय प्रारंभ किए जाएंगे। नए जिला बनने वाले क्षेत्रों में हजारों नए सरकारी कर्मचारियों की नियुक्तियां होंगी। कई दर्जन जिला स्तरीय सरकारी कार्यालय खुलने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। प्रदेश में अभी और नए जिलों के गठन की मांग उठ रही है। इसको लेकर कई जगह धरने प्रदर्शन भी किए गए हैं। राजस्व मंत्री रामलाल जाट का कहना है कि राजस्थान में और नए जिले बनाए जाने की आवश्यकता है। इस बाबत उन्होंने मुख्यमंत्री से चर्चा भी की है। आने वाले समय में राजस्थान में और कई नए जिले बन सकते हैं।

राजस्थान में नए जिलों का गठन निश्चित तौर पर प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। वर्तमान में राजस्थान का क्षेत्रफल 342239 वर्ग किलोमीटर है। जो भारत के कुल क्षेत्रफल का 10.4 प्रतिशत है। जनसंख्या की दृष्टि से राजस्थान देश का सातवां प्रदेश है। राजस्थान की पाकिस्तान के साथ करीब 1070 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है। इस कारण राजस्थान सामरिक दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण प्रदेश है। यहां के सीमावर्ती क्षेत्रों में यदि और नये जिलों का गठन होता है तो राष्ट्र की सुरक्षा की दृष्टि से भी सही होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजनीतिक लाभ हानि की परवाह किए बगैर नए जिलों का गठन कर एक ऐतिहासिक पहल की है। जिसका लाभ प्रदेश की जनता को हमेशा मिलता रहेगा।

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