एडवांस्ड रोबोट असिस्टेड ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के माध्यम से घुटने का इलाज

वाराणसी : हाल ही में टेक्नोलॉजी और ट्रीटमेंट मॉड्यूल में तेजी से हुई प्रगति के साथ ही घुटने और कूल्हे से जुड़ी जटिल बीमारियों के उपचार में विशेषज्ञ अब मॉडर्न और आधुनिक रोबोट असिस्टेड प्रक्रिया करने लगे हैं, जिनमें ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की जरूरत होती है। उन्नत रोबोट असिस्टेड सर्जरी को अपनाए जाने का परिणाम ये रहा है कि पोस्ट-ऑपरेटिव कॉम्प्लिकेशंस में कमी आई है। इन एडवांस्ड रोबोट असिस्टेड ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के माध्यम से घुटने के रिप्लेसमेंट के पारंपरिक तरीके की जगह मरीजों को कई लाभ हो रहे हैं। मानवीय दृष्टि और वरिष्ठ डॉक्टर्स के अनुभव और रोबोट टेक्नोलॉजी से मरीज लाभान्वित हो रहे हैं। एडवांस्ड ट्रीटमेंट मॉड्यूल को लेकर विस्तार से जानकारी देते हुए मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल साकेत के सीनियर डायरेक्टर (आर्थोपेडिक्स) और हेड-ज्वाइंट रिकंस्ट्रक्शन (कूल्हे और घुटने) डॉ.रमनीक महाजन ने कहा, इस तरह की एडवांस्ड सर्जरी की जरूरत पिछले कुछ दशकों में रिप्लेसमेंट सर्जरी के लगातार बढ़ते मामलों के साथ बढ़ी है। अब तक तीन तरह के रोबोटिक सिस्टम हैं, जिन्हें रोबोट पर कंट्रोल की डिग्री के आधार पर समझा जा सकता है-ऑटोनॉमस (एक्टिव), हैंड्स ऑन (सेमी एक्टिव) और पैसिव. पैसिव सिस्टम्स स्वतंत्र रूप से सर्जरी नहीं करते, लेकिन इन्हें कम्प्यूटर असिस्टेड या नेविगेशन सिस्टम कहा जाता है और ये सर्जिकल टूल की स्थिति को लेकर गाइड करने में मदद करते हैं।
डॉ.महाजन ने आगे कहा, एक्टिव रोबोट्स कटिंग टूल पकड़ते हैं और स्वतंत्र रूप से बोन रिसेक्शन करते हैं जबकि सेमी एक्टिव रोबोट्स में दोनों सिद्धांत के साथ सर्जन बोन रिसेक्शन पर रोबोट सर्विलांस के माध्यम से ओवरऑल कंट्रोल बनाए रखता है, जो प्रीऑपरेटिव सर्जिकल प्लान से डायवर्जन को सीमित करने के लिए लाइव इंट्राऑपरेटिव फीडबैक देता है। आजकल इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। पारंपरिक सर्जरी में परंपरागत रूप से हर मरीज के लिए एक ही स्टैंडर्ड प्लान का उपयोग किया जाता था, लेकिन अब इंप्लांट पोजिशनिंग की टेक्निकलिटीज हर मरीज के मुताबिक अलग-अलग होती है और इसमें उपयोग किए जाने वाले इक्विपमेंट में भी समानता नहीं होती, लेकिन सर्जन को रोबोटिक आर्म रोगी के लिए एक ही मानक योजना होती थी, लेकिन अब प्रत्यारोपण स्थिति की तकनीक अलग-अलग रोगी के अनुसार अलग-अलग होती है और ऐसा करने के लिए मानक उपकरणों के उपयोग में समान सटीकता नहीं होती है, लेकिन सर्जन को रोबोटिक आर्म की ओर से सहायता मिल रही है जो टैक्टाइल और विजुअल फीडबैक से मार्गदर्शन करते हैं और इससे जरूरी मोबिलिटी में सहायता मिलती है।
डॉ. महाजन ने नए सेमी-ऑटोनोमस रोबोटिक सिस्टम ‘मकु’ के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी और कहा, मकु एक एडवांस्ड रोबोटिक सिस्टम है जिसे पूरी दुनिया में अपनाया जा रहा है जो मरीज के लिए टेलर पर्सनलाइज्ड प्लान बनाने में प्री सर्जरी सीटी स्कैन की स्कैन की सहायता से ऑप्टिमम इंप्लांट प्लेसमेंट में सहायता करता है। रिप्लेसमेंट सर्जरी की ये बारीकी मिसमैच और आउटलेयर से बचने में सहायता करती है। सर्जरी के दौरान रियल टाइम विजुअल सर्जन को घुटने के चारों ओर सॉफ्ट टिश्यू और लिगामेंट पर अधिक दबाव कम करने में सहायता करता है और दर्द से आजादी दिलाता है जबकि ये भी सुनिश्चित करता है कि मरीज ऑपरेशन के बाद अधिक नेचुरल मूवमेंट करेगा। ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट में रोबोटिक्स के उपयोग से अधिक सटीक बोन रिसेक्शन होता है, जबकि ये ब्लड लॉस में भी कमी लाता है और पारंपरिक ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट की तुलना में मरीज की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए तेजी से रिकवरी भी देखी जाती है।

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