गुजरात में महिलाएं ना तो केजरीवाल को जानती हैं और ना ही जेडआप के बारे में उन्हें कोई जानकारी है

कौन नेता कितना लोकप्रिय है या उसका किसी खास क्षेत्र में कितना प्रभाव है, मीडिया इसका अनुमान अक्सर चुनावी रैलियों और रोड शो में भाग लेने वाली भीड़ को देखकर लगाती रही है। ये बात भी किसी से छिपी नहीं है कि इसके लिए नेता अपनी पूरी ताकत झोंक देते हैं और कई नेताओं द्वारा तो रैलियों में लोगों को बुलाने के लिए तरह-तरह के तिकड़म आजमाए जाते हैं।

हालाँकि, समय-समय पर ऐसे वीडियो भी वायरल होते रहते हैं, जिसमें ऐसे ‘समर्थक’ अक्सर रैली, रोड शो और यहाँ तक ​​​​कि उस नेता के बारे में अनजान होते हैं, जिनके समर्थन में उन्हें जुटाया जाता है। ऐसा हाल ही में गुजरात में अपार भीड़ जुटाने का दावा करने वाले आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) द्वारा राजकोट में आयोजित रोड शो के साथ हुआ। अरविंद केजरीवाल ने 6 नवंबर, 2022 को गुजरात के राजकोट पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में एक रोड शो किया, जहाँ एक महीने से भी कम समय में चुनाव होने हैं।

स्थानीय निवासी केजरीवाल के बारे में काफी अनजान थे और कुछ को यह भी नहीं पता था कि वे किसके रोड शो में भाग ले रहे थे और क्यों। वे सिर्फ इसलिए आए क्योंकि उनके जान-पहचान या पड़ोस के AAP नेताओं ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा था। ‘बीबीसी गुजराती’ की ओर से शेयर किए गए एक वीडियो में, केजरीवाल के रोड शो में शामिल हुई राजकोट की कुछ महिलाओं से सवाल पूछे गए, जिसका उन्होंने बहुत ही रोचक तरीके से जवाब दिया।

जैसाकि सभी जानते हैं कि जितना धन आम आदमी पार्टी द्वारा चुनाव में लुटाया जाता है, शायद हो किसी पार्टी ने ऐसा किया हो। इसके कई कारण हैं, जिन पर कोई पार्टी तो नहीं जनता को चिंतन करना होगा। दिल्ली में हवा जहरीली हुई है और मुख्यमंत्री गुजरात में चुनाव प्रचार में मस्त है। खैर, इस पार्टी के समर्थन में जुट रहे-चाहे धन के लालच में या फ्री में-लोगों का कांग्रेस से भंग होता मोह भी जिम्मेवार है, जितनी कांग्रेस कमजोर होती जाएगी, आप मजबूत होती जाएगी। जिस दिन कांग्रेस मजबूत होना शुरू कर देगी, केजरीवाल पार्टी अपने आप कमजोर होती जाएगी। कांग्रेस के नए अध्यक्ष खड़गे को परिवार भक्ति को त्याग परिवार को चुनाव प्रचार से दूर रख, युवाओं जैसे सचिन पॉयलेट नेताओं को आगे लाना होगा। सचिन को राजस्थान का मुख्यमंत्री न बनाया जाना कांग्रेस की बहुत बड़ी भूल है। अव्वल तो कांग्रेस की भयंकर गलती सोनिया को और फिर राहुल को अध्यक्ष बनाना था, उस गलती को सुधारना होगा। तब से निरंतर कांग्रेस का ग्राफ गिर रहा है। कांग्रेस का बुद्धिजीवी उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जड़ को नहीं पकड़ पायी, जब उन्होंने कहा था, ‘जितनी जल्दी हो राहुल को अध्यक्ष बनाओ।’ परिणाम, भाजपा मजबूत हो गयी। और अब सोनिया से ज्यादा पार्टी को नुकसान राहुल और प्रियंका से हो रहा है। प्रमाण देख लो. राहुल के तेलंगाना में होते उप-चुनाव में पार्टी उम्मीदवार की जमानत जब्त। इस कटु सच्चाई को समझना होगा। जो शायद सोनिया गाँधी एवं परिवार भी नहीं चाहेगा, क्योकि केजरीवाल पार्टी के संस्थापक सदस्य सोनिया की सलाहकार समिति के सदस्य रहे हैं। इस पार्टी की समस्त हिन्दू विरोधी नीतियां वही हैं, जिन्हे सोनिया अंजाम नहीं दे पायी।

जब ‘बीबीसी गुजराती’ के रजनीश ने केजरीवाल के रोड शो में भाग लेने वाली एक टेम्पो पर महिलाओं के एक समूह से पूछा कि वो किस रैली में हिस्सा लेने आई हैं, तो उनके पास कुछ दिलचस्प और मनोरंजक जवाब थे। एक महिला हंसाबेन भरतभाई परमार ने बड़े गर्व से कहा कि ‘केजरीवाला’ राजकोट आए हैं । यह पूछे जाने पर कि केजरीवाल कौन हैं, उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता।

उन्होंने कहा, “ये तो मालूम नहीं कौन केसरीवाला, केजरीवाला… सवर्णवाला।” गुजराती में सवर्ण का मतलब झाड़ू होता है, जो आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह है। हालाँकि, जब उनसे जोर देकर केजरीवाल के बारे में पूछा गया तो, तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता।

एक अन्य महिला ने कहा कि वह ‘मितेशभाई’ की रैली में भाग ले रही हैं, जो उनका पड़ोसी है। उन्होंने कहा कि मितेशभाई उसे यह कहते हुए रैली में ले आए कि अगर वह इसमें शामिल होंगी, तो स्कूल की फीस माफ कर दी जाएगी, पानी का बिल, बिजली का शुल्क, सब मुफ्त हो जाएगा। यह पूछे जाने पर कि रैली किस पार्टी के लिए थी, उन्होंने कहा कि यह आम आदमी पार्टी की रैली थी, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि नेता कौन है। एक अन्य महिला द्वारा इशारा किए जाने के बाद महिला ने अरविंद केजरीवाल का नाम लिया।

यह पूछे जाने पर कि गुजरात का मुख्यमंत्री कौन है, महिला ने तुरंत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया। पत्रकार फिर दूसरी महिलाओं के समूह से यही सवाल करता है, सभी एक स्वर में नरेंद्र मोदी कहती हैं। जब उन्होंने पूछा कि भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री कौन हैं, तो हंसाबेन भरतभाई परमार जवाब देती हुई कहती हैं कि जब वे राजकोट से बाहर नहीं निकले हैं तो उन्हें कैसे पता चलेगा।

फिर पत्रकार पूछता है कि वे किसके रोड शो में भाग ले रहे हैं। दो महिलाओं ने कहा कि वह नाम नहीं जानती। जब उन्होंने पूछा कि क्या वे मुख्यमंत्री बदलना चाहते हैं, तो एक महिला ने कहा कि उन्हें AAP का झंडा दिया गया है, इसलिए इसका झंडा उठाया है।

केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी राज्य में चुनाव प्रचार के लिए भी शामिल किया है, जबकि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएँ बदस्तूर जारी है। इस वजह से दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुँच रही है। केजरीवाल लंबे समय से दिल्ली की सत्ता में हैं। इसके बावजूद दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी हर साल गैस चैंबर में बदल जाती है, जिससे साँस लेने में तकलीफ होती है।

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