निर्दोषों को फंसाना चाहती है ग्‍वालियर पुलिस

राजीव कुमार

शिवस्वरूप सिंह वैस पुत्र श्री सरदार सिंह वैस निवासी लधेड़ी ग्वालियर के निवासी हैं। गत दिनों दिनांक 13/12/2015 को पुष्पेन्द्र सिंह, धर्मेन्द्र, बल्ली यादव एवं अन्य उसके साथी गण ने आकर शिव स्वरूप सिंह के साले हरिहर सिंह की जमीन पर आकर गोलियां चलाई और आतंक फैलाकर जान से मारने की धमकी दी जिसकी रिपोर्ट शिव स्वरूप सिंह के साले हरिहर सिंह द्वारा थाना पुरानी छावनी पर की तदुपरांत पुलिस थाना पुरानी छावनी अपराध क्रमांक 38/15 धारा 336/294/34 भा0 द0 वि0 का मामला आरोपी पुष्पेन्द्र यादव, धर्मेन्द्र, बल्ली यादव के विरूद्ध कायम किया गया।

ज्ञात रहे कि 17/2/15 को लगभग 8 बजे रात में जब शिव स्वरूप सिंह जब अपने घर पर थे तो उनका छोटा भाई हनुमंत सिंह ग्राम कुण्डू (भूटाना) जिला सोनीपत में अपने करीबी मित्र राज सिंह के पास दिनांक 16/02/15 को गया हुआ था। आरोपी गणों को यह जानकारी होने पर कि हनुमंत सिंह इस समय घर पर नही हैं अचानक इन आरोपीगणों ने पुष्पेंद्र सिंह यादव, धमेंद्र निवासी ग्राम मालनपुर तथा बल्ली और नरेंद्र ने उनके घर पर धावा बोला और उनके उपर हमला कर दिया इतना ही नही इन आतंकियों ने उनके उपर गोली भी चलाई मगर वे बाल-बाल बच गये लेकिन इन आतंकियों के द्वारा चलाई गई गोली से अफरातफरी से उन्ही के कुछ लोगों को चोटें आ गई ।

शिव स्वरूप सिंह के घर पर हमला करने वाले इन उपद्रियों की संख्या 15 से 20 थी और पुलिस थाना ग्वालियर जानबूझकर शिव स्वरूप सिंह के पुत्र पवन एवं भीम को पुलिसिया गुण्डई से थाने में बैठाये हुये थी, राज्य मानवाधिकार मध्य प्रदेश के कान पकड़े जाने पर 27 फरवरी, 2015 को उनकी रिहाई हुई। मक्कार ग्वालियर पुलिस इनके उपर झूठा मामला कायम कर रही है जिसकी निष्पक्ष जांच किया जाना आवश्यक है क्योंकि किसी को लगातार 10 दिनों से जबरन थाने में बैठाना मानवाधिकार का सरासर उल्लंघन है जिसकी सजा ग्वालियर पुलिस को मिलनी ही चाहिये। ग्वालियर पुलिस अपने वर्दी के ताकत के दम पर किसी निर्दोष को बलपूर्वक थाना में बैठाया था जो इंसानियत के विरूद्ध कदम है इसलिये ऐसे मानवाधिकार का उल्लंघन करने वाले पुलिस के विरूद्ध कार्यवाही अति आवश्यक है ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति ऐसे मामलो में झूठा न फंसाया जा सके।

ज्ञात रहे कि उपरोक्त आरोपियों ने दिनांक 13/02/15 को शिव स्वरूप सिंह के साले की जमीन पर जो आतंक का नंगा नाच खेला था उसे आज भी उन भयावह दिनों को यादकर उनका पूरा परिवार सिहर जाता है। और तो और शिव स्वरूप सिंह के साले हरिहर द्वारा रिपोर्ट की गई और बाद में राजीनामे के नाम पर जबरन उनके घर में घुसकर गोलियां चलाई।
चिंता की बात यह है कि पुलिस थाना ग्वालियर भी आरोपियां के पक्ष में खड़ी है ऐसा किसलिये ग्वालियर पुलिस कर रही है यह किसी से छिपा नही है। अगर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच नही की गई तो पुलिस जांच की औपचारिकता पूराकर सिर्फ और सिर्फ लीपापोती करेगी और जांच जब तक पूरी नही हो जाती किसी को गिरफ्तार नही किया जाना चाहिये। ऐसा पीडि़त पक्ष ने अपने शिकायत में मांग की है।

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