*जब भगवान राम काल्पनिक थे* *तब दशहरा पर बधाई क्यों देते हैं कांग्रसी?* *कांग्रेस तीसरी बार सत्ता में आती तो फिर हिन्दुओं की सार्वजनिक* *पूजा भी प्रतिबंधित होती*

याद कीजिये, मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की पिछली सरकार की हिन्दू विरोधी नीतियों और कार्यक्रमों को। मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की सरकार ने भगवान राम के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया था, भगवान राम को काल्पनिक कहा था। सुप्रीम कोर्ट में एक हफलनामा दाखिल कर तत्कालीन कांग्रेस सरकार कही थी कि राम के भगवान होने का कोई प्रमाण नहीं है, इसलिए रामसेतु को तोड़ा जाना चाहिए। हमारे जैसे हजारों वीरों की वीरता से रामसेतु को तोड़ने में कांग्रेस को सफलता नहीं मिली थी।
मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी एक ऐसा बिल लाना चाह रही थी जिसमे दंगे के दौरान सिर्फ और सिर्फ हिन्दुओं को ही जवादेह ठहराया जा सकता था। उस बिल का नाम दंगा रोधी बिल था। इस बिल के खिलाफ विश्व हिन्दू परिषद और अन्य हिन्दू संगठनों ने आंदोलन चलाया था। अगर तीसरी बार भी कांग्रेस सत्ता में आ जाती तो फिर कांग्रेस दंगा रोधी बिल संसद से पास करा देती। हिन्दुओं के सार्वजनिक पूजन समारोह पर भी प्रतिबंध कांग्रेस लगा देती। फिर हिन्दू दोयल दर्जे के नागरिक हो जाते। हिन्दू आतंकवाद किस तरह से प्रत्यारोपित किया था, वह भी जगजाहिर है। राहुल गांधी ने अपने एक बयान में कहा था कि वह किसी प्रकार से हिन्दू नहीं हैं और न हिन्दुत्व में विश्वास करते हैं। अमेरिकी प्रतिनिधि से राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि देश को मुसलमानों से नहीं बल्कि हिन्दुओं से खतरा है।
आज दशहरे के अवसर पर कांग्रेसी बधाइयां दे रहे हैं। अगर राम भगवान नहीं थे तो फिर आज दशहरा के अवसर पर कांग्रेसी क्यों बधाइयां दे रहे हैं? कांग्रेस को बधाइयां देने का नैतिक अधिकार नहीं है।
कांग्रेस को राष्ट्रवादी जनता बार-बार लात मार रही है, केन्द्रीय और स्थानीय चुनावों मे बार-बार पराजित कर रही है। अब कांग्रेस को अपनी हिन्दू विरोधी नीति का दुष्परिणाम मिलने लगा है, हिन्दू जागरूक हो गये हैं।
इसीलिए राहुल गांधी कभी जनेउ दिखाने लगते हैं, अपने आप को ब्राम्हण कहने लगे हैं, मंदिर जाने पर ललाट पर चंदन लगाने का काम करता है, प्रियंका गांधी नवरात्रा का ब्रत रखने का एलान करती है, मंदिर भी जाकर आ जाती है। यह सब ढोंग इसलिए है कि तांकि राष्ट्रवादी जनता फिर से कांग्रेस को वोट करना शुरू करें।

हिन्दू होशियार, रंगबदलूओं और शिकारियों के प्रति कोई हमदर्दी नहीं होनी चाहिए, कोई सहानुभूति नहीं होनी चाहिए। हिन्दुत्व विरोधियों को हिन्दू पर्व-त्यौहारों पर दूर ही रखा जाना चाहिए। अगर दशहरा या फिर अन्य पर्व-त्यौहारों पर कांग्रेसी आपके बीच आते हैं तो फिर उनको राम भगवान नहीं है, उस करतूत को उन्हें याद जरूर कराइये। अगर कांग्रेस तीसरी बार भी सत्ता में आती तो निश्चित मानिये कि हिन्दुओं को सार्वजनिक पूजन समारोह आयोजित करने से वंचित कर दिया जाता।

आचार्य श्री विष्णुगुप्त
Mobile .. 9315206123
Date 14/10/2021

New Delhi

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