लो अच्छे संग तरे: प्रेरक बातें

वृक्ष ईश्वर द्वारा हमारे लिए दी गयी एक संजीवनी है।
क्या आप यह जानते हैं कि ईश्वर की दी गयी इसी संजीवनी के कारण ही हमारा जीवन और यह पर्यावरण इस पृथ्वी पर चल रहा है?
हमारे द्वारा सांस से छोड़ी जाने वाली कार्बन डाई ऑक्साइड को वृक्ष स्वयं के लिए रखकर हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, ईश्वर ने उन्हें ऐसा बनाया है कि इस कार्बन डाई-ऑक्साइड को ग्रहण करने और ऑक्सीजन को हमारे लिए छोड़ने में उन्हें कोई कष्टï या किसी तरह की परेशानी नही होती।
यहां हमारा विषय वृक्ष नही बल्कि मनुष्य है। यहां मनुष्य के लिए कहा गया है कि हमेशा एकजुट होकर रहना चाहिए। कभी किसी गलत व्यक्ति को अपना मित्र मत कहना। अच्छी संगत वाले व्यक्ति को ही अपना मित्र मानना और गर्व करना कि यह व्यक्ति मेरा मित्र है। जिस तरह एक पेड़ को हमें जीवन देने में और हमारे लिए ऑक्सीजन छोड़ने में सुख प्राप्त होता है वैसे ही मनुष्य को भी दूसरों की भलाई करने में सुख की अनुभूति होनी चाहिए तो दोनों में समानता स्थापित हो सकती है। लेकिन वृक्ष हमारा भला कर रहा है और वह खुश है, लेकिन मनुष्य अपना धर्म भूल गया वह दूसरों की खुशी में खुशी न होकर अपनी खुशी में खुश रहना चाहता है। जबकि हमेशा हमारे मन में दूसरों को दान देने की बात आनी चाहिए। वही अच्छे लोग कहलाते हैं और उन्हीं की संगत अच्छी संगत कहलाती है।
एक बार एक आचार्य जी अपने शिष्यों को पढ़ा रहे थे कि तभी एक आवाज सुनाई दी-‘अच्छे संगतरे लोÓ ‘अच्छे संगतरे लो’ तभी गुरूजी बोले बच्चो सुना आपने वह आदमी क्या कह रहा है?
शिष्य बोले-जी, मास्टर जी! वह व्यक्ति कह रहा है-अच्छे संग तरे। लेकिन वह अच्छे संतरे कहना चाहता है मैं अभी उसे जाकर समझाता हूं। आचार्य-नही! ठहरो वह व्यक्ति सही कह रहा है। अच्छे संग-तरे मतलब अच्छों की संगति करने से दुष्टï बुद्घि व्यक्ति भी तर जाते हैं। वह यही समझाना चाहता है कि अच्छे संगतरे। जिन्होंने अच्छे मनुष्य की संग ली वो तर जाते हैं उनका बेड़ा पार हो जाता है।
अच्छी संगत का रंग भी जल्द ही दीखता है। सबसे मीठा बोले, मीठा व्यवहार करे तो राह में आने वाले कांटे भी दूर होते जाएंगे। तू उन कांटों को फूल बना और अच्छी राह पर अपने साथ ले चल, तो एक दिन इस भव सागर से पार हो जाएगा, तब संसार का कोई भी व्यक्ति तुझे भव पार करने से रोक नही पाएगा। इसलिए अच्छों की संगति करने का और जीवन में अच्छे गुण धारण कर ईश्वर को हमेशा अपना साथी मानकर चलने से जीवन का कल्याण हो जाता है। अच्छे लोग अपने जीवन को ऐसे ही महान बनाते हैं। संसार के बड़े लोगों का ऐसे ही महान बना।

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