उत्कृष्ट शोधकर्ता डॉ आर्य से सम्मान हुआ सम्मानित : हरीवल्लभ आरसी

समारोह की अध्यक्षता कर रहे श्री हरि बल्लभसिंह आरसी ने कहा कि भारत की संस्कृति स्वतंत्रता प्रेमी संस्कृति है । इससे महान संस्कृति संसार में नहीं है। यही कारण है कि इसने अनेकों क्रांतिकारियों को पैदा कर विदेशी शासकों को यहां से उखाड़ फेंकने में सफलता प्राप्त की । उन्होंने कहा कि वीर सावरकर फाउंडेशन अपने महान क्रांतिकारियों और इतिहास नायकों को जिस प्रकार जन सामान्य के लिए पढ़ने पढ़ाने और उन्हें समझने में सहायता प्रदान कर रहा है उससे निश्चय ही उन्हें विश्वास है कि इतिहास में यह लोग अपने उचित स्थान को प्राप्त कर सकेंगे । श्री आरसी ने कहा कि डॉ राकेश कुमार आर्य को डॉक्टर श्री कृष्ण सिन्हा संस्थान की ओर से ‘ उत्कृष्ट शोधकर्ता ‘ का सम्मान देकर वह समझते हैं कि श्री आर्य की योग्यता के कारण सम्मान ही स्वयं में सम्मानित हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए जिससे कि मदन लाल धींगरा जैसे लोगों की बलिदानी परंपरा विलुप्त ना होने पाए।

अन्त में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए श्री प्रकाश मेहता ने कहा कि इस प्रकार के सम्मान समारोह या विचार गोष्ठियों के आयोजन से हमारी युवा पीढ़ी को अपने इतिहास को समझने का अवसर उपलब्ध होता है । उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इतिहास के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने का काम किया है उन्होंने अक्षम्य अपराध किया है। जिसे डॉ राकेश आर्य जी जैसे लोग अब सुधारने का कार्य कर रहे हैं , जो कि एक अभिनंदनीय कार्य है।

समारोह में भारी संख्या में पधारे नगर के गणमान्य व्यक्तियों के अलावा वीर सावरकर फाउंडेशन के अनेक पदाधिकारी एवं सदस्य जिनमें मुख्य रूप से सुरेंद्र यादव , कालि पदो गोप , एस सी बर्णवाल , जगदीश प्रसाद , महेंद्र मोहन साहू , हरप्रीत कौर , ललिता देवी , मीना चौधरी , नमिता सिन्हा , ज्योति कुमारी , सरिता सिंह , अंजना कुमारी , सीमा कौर , सीमा जायसवाल , सुरेश भालोटीया , लोकनाथ लोधा , धर्मचंद सावा , कमल अग्रवाल , पी के श्रीवास्तव , दीपक कुमार , शोभा देवी , रागिनी देवी , टी के महंती , अमरप्रीत सिंह , माया निगम , श्यामसुंदर मिश्र , सुनील दास एवं अन्य अनेक लोग सम्मिलित थे ।

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