कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

🚩‼️ओ३म्‼️🚩

🔥जन्म क्या है? मृत्यु क्या है ? पुनर्जन्म क्यों होता है ?

(१) प्रश्न :- पुनर्जन्म किसको कहते हैं ?

उत्तर :- जब जीवात्मा एक शरीर का त्याग करके किसी दूसरे शरीर में जाती है तो इस बार- बार जन्म लेने की क्रिया को पुनर्जन्म कहते हैं ।

(२) प्रश्न :- पुनर्जन्म क्यों होता है ?

उत्तर :- जब एक जन्म के अच्छे बुरे कर्मों के फल अधूरे रह जाते हैं तो उनको भोगने के लिए दूसरे जन्म आवश्यक है।

(३) प्रश्न :- अच्छे बुरे कर्मों का फल एक ही जन्म में क्यों नहीं मिल जाता? एक में ही सब निपट जाये तो कितना अच्छा हो?

उत्तर :- नहीं, कर्म अनेक प्रकार के होते हैं, सभी का एक दिन में भोग आ जाना संभव नहीं है।

(४) प्रश्न :- पुनर्जन्म को कैसे समझा जा सकता है?

उत्तर :- पुनर्जन्म को समझने के लिए जीवन और मृत्यु को समझना आवश्यक है और जीवन मृत्यु को समझने के लिए शरीर को समझना आवश्यक है।

(५) प्रश्न :- शरीर के बारे में समझाएँ?

उत्तर :- हमारे शरीर का निर्माण प्रकृति से हुआ है। जिसमें मूल प्रकृति ( सत्, रज और तम) से प्रथम बुद्धि तत्व का निर्माण हुआ है।

 *बुद्धि से अहंकार।*

अहंकार से पांच तंमात्राएं इनसे पांच महाभूत (आकाश, वायु, जल, अग्नि और पृथ्वी) जिनसे एक और शब्द, स्पर्श, रस, रूप और गंध. इनसे एक ओर पांच ज्ञानेन्द्रियाँ (चक्षु, जिह्वा, नासिका, त्वचा, श्रोत्र), तथा दूसरी और पांच कर्मेन्द्रियाँ ( हस्त, पाद, उपस्थ, पायु, वाक् )।

शरीर की रचना को दो भागों में बाँटा जाता है :-
(सूक्ष्म शरीर और स्थूल शरीर ) ।

(६) प्रश्न :- सूक्ष्म शरीर किसको बोलते हैं ?

 *उत्तर :-*  सूक्ष्म शरीर में बुद्धि, अहंकार, मन, ज्ञानेन्द्रियाँ। ये सूक्ष्म शरीर, आत्मा को सृष्टि के आरम्भ में जो मिलता है, वही एक ही सूक्ष्म शरीर, सृष्टि के अंत तक उस आत्मा के साथ पूरे एक सृष्टि काल तक रहता है।

(७) प्रश्न :- स्थूल शरीर किसको कहते हैं ?

उत्तर :- पंच कर्मेन्द्रियाँ (हस्त, पाद, उपस्थ, पायु, वाक्), ये समस्त पंचभौतिक बाहरी शरीर।

(८) प्रश्न :- जन्म क्या होता है ?

*उत्तर :-*  जीवात्मा का अपने कारणों ( सूक्ष्म शरीर ) के साथ किसी पंचभौतिक शरीर में आ जाना ही जन्म कहलाता है।

(९) प्रश्न :- मृत्यु क्या होती है ?

 *उत्तर :-*  जब जीवात्मा का अपने पंचभौतिक स्थूल शरीर से वियोग हो जाता है, तो उसे ही मृत्यु कहा जाता है। परन्तु मृत्यु केवल स्थूल शरीर की होती है, सूक्ष्म शरीर की नहीं। सूक्ष्म शरीर भी छूट गया तो वह मोक्ष कहलाएगा मृत्यु नहीं। मृत्यु केवल शरीर बदलने की प्रक्रिया है, जैसे मनुष्य कपड़े बदलता है, वैसे ही आत्मा, शरीर भी बदलता है।
*(10) शरीर भष्मान्तर के बाद, क्या आत्मा से सम्बन्ध बना रहता है?*
*उत्तर* :- नहीं, 

आत्मा से सम्बन्ध बताकर, धंधा करना, तर्पण आदि करना, कोरी मिथ्या है।
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