पाकिस्तानी ‘सीमा’ ने क्यों लांघी सीमाएं _

आजकल सोशल मीडिया और यू-ट्यूब में राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अतिसंवेदनशील बिन्दु पर बड़ी चर्चा चल रही है कि पाकिस्तान में अपनी भूमि बेच कर लगभग दस लाख रुपये के सहारे एक युवती अपने चार नाबालिग बच्चों के साथ दुबई से नेपाल होते हुए नेपाल-भारत सीमा को लांघ कर भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने में सफल होकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के ग्रेटर नोएडा के एक गांव में क्यों आयी हैं ? क्या इसके पीछे इस क्षेत्र में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्माण होने वाले जेवर एयरपोर्ट एवं हजारों करोड़ो की आने वाली अन्य योजनाओं में रोड़ा डाल कर भारत में बढ़ते आर्थिक निवेश में बाधा उत्पन्न करने वाले तत्व तो सक्रिय नहीं?

वही सीमा के अनुसार भारत में आने का कारण संक्षेप में यह है कि मेरा पति गुलाम हैदर सऊदी अरब में नौकरी करता है और कुछ वर्षो से मेरा उससे कोई संबंध नहीं है, वह रबुपूरा गांव के निवासी एक अविवाहित हिन्दू युवक सचिन से पबजी (PUBG) गेम के माध्यम से 3-4 वर्षो से जुड़ी हुई है और उनमें इतना अधिक प्रेम हो गया कि वे दोनों अब अकेले नहीं रहना चाहते l इसलिए कुछ माह पूर्व नेपाल में मिले और वहां पशुपतिनाथ मंदिर में विवाह करके 6-7 दिन एक होटल में रहे थे l लेकिन इसका कोई प्रमाण अभी उन्होंने नहीं दिखाया है l

क्या यह रिवर्स लव जिहाद तो नहीं है l इस संदिग्ध मुस्लिम युवती सीमा की बातों से ऐसा प्रतीत होता है कि उसको कोई विशेष प्रशिक्षण दिया गया है जिससे वह भारत में उदार एवं दयावान हिन्दुओं को मोहित कर सके l यहां गांव में वह अच्छे प्रकार से साड़ी पहन कर, मांग में सिंदूर, माथे पर बिंदी एवं सिर पर पल्लू आदि लगा कर तुलसी की पूजा करते हुए दिखाई देती हैं l उसके आचार-विचार से ऐसा लगता है कि वह हिन्दू त्यौहारों को मनाने और इस्लामिक रिवाजों को छोड़ने के लिए पूर्णतः समर्पित होकर ‘हिन्दू’ धर्म में आस्था व्यक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है l

यह भी विचित्र है कि वह अपने पूर्व पति गुलाम हैदर के दो बच्चे जो उसकी पहली पत्नी के है, उन्हें भी साथ लेकर आई है l चार बच्चों को अवैध रूप से भारत में लाया जाना अपने आप में एक बड़ा संकट भरा अभियान है l कोई साधारण पुरुष भी ऐसा तब तक नहीं करेगा जब तक उसे कोई विशेष उद्देश्य के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण देकर न भेजा जाए, जबकि सीमा हैदर तो एक ग्रामीण परिवेश में कम पढ़ी लिखी युवती ही है l इससे यह आभास होता है कि इस षडयंत्र में अवश्य किसी जिहादी शक्ति का हाथ हो तो कोई आश्चर्य नहीं होगा l इस षडयंत्र में कौन कौन सहभागी होंगे, समय ही बतायेगा ?

निसंदेह यह समझना कठिन है कि इस युवती को घर में पढ़ाया गया, यह कभी स्कुल या कालेज नहीं गई फिर भी बोलने में कोई घबराहट,शर्म और संकोच नहीं है l इतनी अच्छी हिन्दी और अंग्रेजी बोलना, एक पाकिस्तानी गांव की युवती के मुख से आश्चर्य चकित कर रहा है। एक कुशल प्रवक्ता के समान विभिन्न टीवी चैनलों के बड़े-बड़े एंकरों को बेधड़क उत्तर देने से ऐसा प्रतीत होता है कि इस युवती को किसी विशेष प्रयोजन के लिए ही हमारे देश में भेजा गया है l ऐसा प्रतीत होता है कि उसे क्या छिपाना है और क्या बताना है इसके लिए भी विशिष्ट प्रशिक्षण दिया गया होगा l यह भी सोचने को विवश करता है कि सीमा हैदर जिस प्रकार समाचार चैनलों पर प्रश्नोत्तर के समय बार-बार भावुक होती है उससे वह भारतीय मानस की सहानुभूति बटोरने में अवश्य सफल हो रही है l जबकि एक बिंदु यह है कि जिस प्रकार पाकिस्तानी जनता वहां की आर्थिक तंगी एवं महंगाई से जुझ रहीं हैं, उस पर सीमा ने अभी तक कोई प्रभाव प्रकट नहीं किया है l

सीमा के अनुसार उसका एक ही भाई है, जो कि पाकिस्तानी फौज में नियुक्त है, भी संदेह का कारण बन रहा है l इनके अनुसार पाकिस्तान में फौज के स्थान पर वहां के नेता अधिक सशक्त है, जबकि सामान्यत: इसका उल्टा है अर्थात वहां फौज अधिक सशक्त है l

क्या सीमा हैदर द्वारा हनी ट्रेप में फंसाने का पाकिस्तानी गुप्तचर संस्था (ISI) ने ऐसी विष कन्या भेजने का कोई नया ढंग तो नहीं निकाला ? सोशल मीडिया के माध्यम से जैसा ज्ञातव्य है कि एक अपराधी के समान अपने राज छिपाने के लिए दो मोबाइल सेट और चार सिम कार्ड तोड़ने वाली पाकिस्तानी मुस्लिम युवती जो वॉयस ओवर इन्टरनेट प्रोटोकॉल ( VOIP) का प्रयोग भी करती है, के पास 3 आधार कार्ड और 6 पासपोर्ट मिलना, क्या किसी बड़े षडयंत्र की आहट तो नहीं ?

यदि ये पाकिस्तानी युवती आईएसआई (ISI) एजेंट नहीं है तो क्या यह शातिर सीमा किसी आतंकवादी संगठन की आत्मघाती (फिदायीन) दस्ते की सदस्य तो नहीं, जैसे 15 जून 2004 में मोदी जी (जिनका उस समय कोड नाम मछली न. 5 था) की हत्या की इच्छा से ‘इशरतजहां’ ( लश्कर-ए- तोईबा को फिदायीन थी) जो मुंबई से अपने 3 आतंकियों साथियों के साथ अहमदाबाद आई थी l सारे देश में मोदी विरोधियों ने उस समय इशरतजहां और उसके साथियों के एनकाउंटर पर बढ़ा-चढ़ा कर राजनीति करी और उसके नाम पर संगठन बना कर धन एकत्रित किया था l

आज सीमा गुलाम हैदर बार-बार विभिन्न टीवी समाचार चैनलों पर योगी जी और मोदी जी से जिस प्रकार याचना करने का साहस कर रही हैं वह भारत के एक सामान्य गांव की अनपढ़ युवती भी करने से पूर्व बार-बार सोचेगी? क्या अवैध रूप से दूसरे देश में जाने के लिए किसी से प्यार हो जाने को ही वैध आधार माना जा सकता है ? क्या ‘प्रेम’ को वीसा का विकल्प या पर्याय माना जा सकता है? निसंदेह भारतीय संस्कृति में दया और क्षमा का सद्गुण कूट-कूट के भरा हुआ है, लेकिन इतिहास इसका प्रमाण है कि हमारा यह चारित्रिक गुण शत्रुओं की शक्ति है और उसी का अनुचित लाभ उठा कर हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक शत्रुओं ने हमारा भरपूर उत्पीडन किया है l

अतः आज देश जब मोदी जी के नेतृत्व में एक सशक्त राष्ट्र के रूप में उभर रहा है, तो हमें और अधिक सावधान और सतर्कता की आवश्यकता है क्योंकि ऐसी अनुकूल परिस्थितियों में भारत विरोधी और देशद्रोही तत्व भी हमारी सीमाओं सहित देश के अंदर भी अपने-अपने षडयंत्रों को रचने के लिए न जाने कितने प्रकार के हथकंडे अपना रहे होंगे?

विनोद कुमार सर्वोदय

(राष्ट्रवादी चिंतक एवं लेखक)

गाजियाबाद

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