‘ ग्लोबल जिहाद ‘ पर वैश्विक चिन्ता

अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा व हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी की मित्रता से दो देशो के बीच एक नये युग का आरम्भ हो रहा है ।पूरी दुनिया को दो बड़े लोकतांत्रिक देशो के  विकास के नाम पर हुए समझोतों से  वैश्विक विकास की आशा बंधी है।

परंतु वही अन्तर्राष्ट्रीय गुप्तचर एजेंसियो के आकडो के अनुसार  आई एस (ISIS)  के  ‘ग्लोवल जिहाद’ की  एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरने से सभ्य देश चिंताग्रस्त है । मजहबी जनून ‘जिहाद’ के नाम पर अलकायदा, तालिबान,बोकोहराम, हिजबुल्ला व हक्कानी आदि लगभग 80 जिहादी संगठन एक होकर आज एक विकराल वैश्विक समस्या बन चुकी है। सर्व-इस्लाम या दारुल-इस्लाम स्थापित करने की घिनौनी मानसिकता के वशीभूत इन जिहादियो के बढ़ते हुए खूनखराबे से दुनिया को कैसे बचाया जा सकेगा , एक चुनौती बनती  जा रही  है  -?

प्राप्त समाचारों के अनुसार , इस बढ़ते संकट की आहट ने दुनिया को झकजोर दिया है और पेरिस के हमले के 15 दिन बाद लंदन में ब्रिटेन व अमरीका की अगुवाई में 22 देशो के विदेशमंत्रियो की एक बैठक हुई।जिसमे सभी ने एकजुट होकर आइएस की फंडिंग व लड़ाकों की भर्ती को रोकने एवं उनको इराक व सीरिया से खदेड़  कर नष्ट करने तक पर गंभीर चर्चा हुई, जो एक सार्थक पहल मानी जा रही है।इससे पहले  अमरीका ने भी  इराक़ व सीरिया  में आतंकी संगठन आइएस (इस्लामिक स्टेट ) के विरुद्ध 60 से अधिक देशो का नेतृत्व करते हुए पिछले 6-7 माह से निरंतर उनके ठिकानो पर बमबारी करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक युद्ध छेड़ रखा है।

जरा सोचो जब अमरीका के राष्ट्रपति ओबामा भारत आ रहे थे  तो उनकी  सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अमरीका ने पाकिस्तान को फटकार लगाई ,क्यों ? जबकि  जिहादी आक्रमणों से हमारा देश पिछले लगभग 3 दशको से अत्यधिक पीड़ित हो रहा है और जिसका बीज पाकिस्तान अपनी भूमि के साथ साथ हमारे देश में भी बो कर मजहबी आतंकवाद की फसल काटने में लगा हुआ है, तो उसपर अमरीका चुप है।  आज जब वैश्विक आतंकवाद को नष्ट करने में अमरीका सबसे अधिक सक्रिय है और उनके राष्ट्रपति ओबामा जी के भारत आने पर  हमारे प्रधानमंत्री जी ने उन्हें  ‘मेक इन इंडिया ‘ तक ही सीमित न रखते हुए क्या  उनसे  ऐसा कोई आश्वासन भी लिया कि , अमरीका जो पाकिस्तान की  (स्वतंत्रता के बाद से ही) भरपूर आर्थिक सहायता करता आ रहा है पर कोई अंकुश लगायेगा ,जिससे भारत में फलती फूलती आतंकवाद की फसल नष्ट हो सके ?

आखिर अब जब जिहाद ही ग्लोवल हो गया है तो  उसपर दोहरी नीतियो से अमरीका को बचना चाहिये और भारत के विरुद्ध पाकिस्तान द्वारा छेडे गये जिहाद को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन व सहयोग देना बंद करना चाहिए जिससे भविष्य में आपसी संबंधो का सभी को लाभ हो सकें।

विनोद कुमार सर्वोदय
नया गंज, गाज़ियाबाद

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