अनूठा है हाड़ौती का ज्ञान सरोवर

हर कोना देता है रोशनी का पैगाम

                                                – डॉ. दीपक आचार्य

       ज्ञान-विज्ञान, कला-संस्कृति, इतिहास-पुरातत्व और गर्वीली परम्पराओं की वजह से हाड़ौती अंचल दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। हाड़ौती की लोक संस्कृति, जीवन-दर्शन, धर्म-अध्यात्म, ऎतिहासिक गाथाओं और परपम्पराओं का इतना अधिक वर्णन किताबों में है कि ये किताबें अंचल के स्पष्ट और पारदर्शी प्रतिबिम्ब का दिग्दर्शन कराने में समर्थ हैं।

       इस दृष्टि से हाड़ौती क्षेत्र के पुस्तकालय भी ज्ञान राशि की समृद्धता के लिहाज से कहीं उन्नीस नहीं हैं। इस मामले में ये हर दृष्टि से इक्कीस ही ठहरते रहे हैं। ज्ञान-विज्ञान, अविष्कारों व विकास के गढ़ रहे कोटा के पुस्तकालय भी अन्यतम छवि दर्शाते रहे हैं। इन्हीं में एक है कोटा संभाग मुख्यालय स्थित सूचना केन्द्र का पुस्तकालय।

       पुरातन से लेकर अधुनातन ज्ञान राशि का भण्डार कहे जाने वाले इस ज्ञान सरोवर की थाह पाना किसी सामान्य स्वाध्यायी के बस में नहीं है। इस पुस्तकालय में विभिन्न विषयों पर 8 हजार से अधिक पुस्तकें मौजूद हैं। इसके अलावा कोटा, राजस्थान और भारत के विभिन्न विषयों व विकास के बहुमुखी आयामों से जुड़ी हुई संदर्भ सामग्री का व्यापक भण्डार उपलब्ध है। इस दृष्टि से सूचना केन्द्र पुस्तकालय सामान्य पाठकों से लेकर विद्वानों, स्वाध्यायियों, जिज्ञासुओं और शोधार्थियों की ज्ञान पिपासा शांत करने व वांछित जानकारी पाने दृष्टि से यह वरदान ही कहा जा सकता है।

       इस पुस्तकालय में समाज-जीवन, परिवेश, भूगोल, सामाजिक सरोकारों, इतिहास, पुरातत्व, कला-संस्कृति, धर्म-अध्यात्म, राजनैतिक परिदृश्यों व पृष्ठभूमिपरक ग्रंथों, विधि, शिक्षा, भाषा, साहित्य से लेकर तमाम विषयों पर एक से बढ़कर एक पुस्तकें हैं जो हर किसी पाठक की जिज्ञासा शान्त कर ज्ञान की गंगा का आनंद प्रदान करने में समर्थ हैं।

       इस पुस्तकालय में सभी अठारह पुराण, उपनिषद्, धर्मशास्त्र का इतिहास, सत्यार्थ, प्रकाश, वीरविनोद, विवेकानंद साहित्य, भारत व राजस्थान से सम्बंधित सदर्भ ग्रंथ, विभिन्न साहित्यिक पुरोधाओं की कालजयी कृतियाँ, प्रेमचंद साहित्य, गांधी दर्शन, विभिन्न प्रकार की डिक्शनरीज, भारत वार्षिकी व राजस्थान वार्षिकी आादि उपलब्ध हैं।

       शोध-अध्ययन, एम.फिल व पीएच.डी. करने वाले शोधार्थियों, छात्र-छात्राओं के लिए पुस्तकालय में भरपूर संदर्भ सामग्री उपलब्ध है। इसके साथ ही केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं, कार्यक्रमों व गतिविधियों, पर्यटन व दर्शनीय स्थलों, सामाजिक विकास के आधुनिक सरोकारों तथा सम-सामयिक हलचलों व उपलब्धियों पर केन्दि्रत सामग्री की भी इसमें कोई कमी नहीं है।

       यह पुस्तकालय कोटा शहर के नयापुरा स्थित  राजस्थान सरकार के सूचना केन्द्र में संचालित है। शनिवार-रविवार व अन्य सार्वजनिक अवकाशों को छोड़कर प्रतिदिन यह प्रातः 10.30  बजे से लेकर शाम 7 बजे  तक संचालित रहता है। इसमें किसी प्रकार  का कोई शुल्क नहीं लिया जाता।

       इसे हाड़ौती का सौभाग्य ही कहा जाना चाहिए कि इसके प्रभारी के रूप में कोटा सूचना केन्द्र को विद्वान पुस्तकालयाध्यक्ष श्री बृजेश कुमार त्रिवेदी का सान्निध्य मिला हुआ है जो कि अपने आप में किसी विराट संदर्भ कोष से कम नहीं है। पिछले ढाई दशक के उनके संचित ज्ञान व अनुभवों का लाभ लेकर कइयों  का भविष्य सँवर गया और इस पुस्तकालय की बदौलत श्रेष्ठ मुकाम पाकर आज आत्मनिर्भर जिन्दगी व सुख-समृद्धि का आंनद प्राप्त कर रहे हैं। सुनहरा भविष्य पाने का इनका स्वप्न इसी पुस्तकालय में किताबों के साथ गुजारे क्षणों की बदौलत ही साकार हुआ माना जा सकता है।

       संख्या और गुणवत्ता के साथ ही दुर्लभ ग्रंथों की वजह से अपनी ख़ास पहचान रखने वाला हाड़ौती का यह ऎसा पावन ज्ञान  सरोवर है जिसमें एक बार डुबकी लगाने वाला चाहता है कि बार-बार गोते लगाता रहे। क्योंकि ज्ञान के इस समंदर में गोते लगाने वाला  हर बार जिज्ञासाओं के भँवर से बाहर निकलकर ज्ञानवान और तरोताजा होकर ही निकलता व निखरता है।

       इसके साथ ही सूचना केन्द्र का वाचनालय भी सम सामयिक पत्र-पत्रिकाओं के लिहाज से समृद्ध है जहाँ रोजाना पाठकों के लिए राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक से लेकर स्थनीय समाचार पत्र और पत्रिकाओं के अध्ययन की सुविधा उपलब्ध है। इसी वाचनालय में पुराने समाचार पत्र और पत्रिकाओं को देखने की व्यवस्था भी है और इसके लिए दोपहर एक बजे से शाम पाँच बजे तक का समय निर्धारित है।

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