जनसँख्या नियंत्रण क़ानून की आवश्यकता    

muslimsआज भारत में “जनसंख्या नियंत्रण क़ानून” की  अत्यंत आवश्यकता है। यह क्यों आवश्यक व अनिवार्य है इसके लिए हमें इतिहास में जाकर समझना होगा कि  100-150 वर्ष पहले अफगानिस्तान , 70-80 वर्ष पहले पाकिस्तान व 35-40 वर्ष पहले कश्मीर में हिन्दू  अपने धार्मिक उत्सव श्रद्धा से मनाते थे ।परंतु सब इस्लाम के शान्ति दूतो ने नष्ट कर दिया।
उसी क्रम में आज उत्तर प्रदेश के साथ साथ पुरे भारत में जहाँ जहाँ मिनी पाकिस्तान बन गये है धार्मिक उत्सवो पर आतंकवादियो का खतरा मंडराता जा रहा है।यही स्थिति रही तो 20-30 वर्षो बाद क्या होगा?
आप समझ सकते है कि इस सबके पीछे मात्र एक ही कारण है कि  हिन्दुओ की घटती जनसंख्या और  मुस्लिमो द्वारा अधिक बच्चे बनाने, धर्मपरिवर्तन, घुसपैठ व हिन्दू लड़कियो का बलात् अपहरण आदि द्वारा लगातार अपनी जनसँख्या वृद्धि की जिहादी मानसिकता।
अतः आज देश में जनसँख्या के बिगड़े अनुपात को समझो सन् 1947 में लगभग 3 करोड़ मुसलमानो को धर्म के आधार हुए देश के विभाजन के उपरान्त भी  “गांधी-नेहरू” ने उन्हें  पाकिस्तान नहीं जाने दिया यही रोक लिया था। आज वो बढ़कर लगभग 25 करोड़ हो चुके है अर्थात 8 गुना बढ़ गए ,
जबकि हिन्दू उस समय  35 करोड़ थे आज उनकी बढ़ोत्तरी केवल  ढाई गुना होकर लगभग 85 करोड़ ही हो पायी है।
भविष्य में आप अपने बच्चों को विरासत में क्या दे कर जाओगे…. धन,सम्पति व जमीन ~ जायदाद …. लेकिन याद रखो जिहाद की आंधी में सब कुछ  लूट लिया जाएगा । जिसप्रकार हिन्दू अफगानिस्तान, पाकिस्तान,बांग्लादेश व कश्मीर में अपना सब कुछ  लुटवा कर जान बचा कर भागे और शेष भारत में आकर शरण ली थी । परंतु यह सोचो की भारत जो की हिन्दुओ की अंतिम शरणस्थली है से भाग कर कहाँ जाओगे ?
सोचो व समझो जनसँख्या का बढ़ता हुआ असंतुलन वोटो की राजनीति पर भारी पड़ रहा है और हम आनंददायी जीवन जीने की चाह में अपने अस्तित्व पर आ रहे संकट के प्रति उदासीन है।
अतः समाज को सावधान व सतर्क करो और सरकार को सभी भारतवासियो के लिए एक समान जनसँख्या नियंत्रण क़ानून बनवाने के लिए बाध्य करो।

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