बीकानेर के सांसद ने उठाया संसद में ऊन मंडी का मुद्दा

basundhraनई दिल्ली 08 अगस्त, 2014।

लोकसभा में शून्य काल के दौरान बीकानेर सांसद श्री अर्जुन राम मेघवाल ने बीकानेर क्षेत्र में स्थिति ऊन मंडी का मुद्दा उठाते हुए बताया कि ऊन का उत्पादन प्रत्येक मौसम में होता है और इसी कारण बीकानेर को एषिया की महत्वपूर्ण ऊन मंडी के नाम से जाना जाता है। ऊन का उत्पादन, प्रोसेसिंग तथा पैकेजिंग आदि सभी आधारभूत सुविधाएं बीकानेर में विकसित हुई हैं। ऊन के धागे से लेकर ऊन के अंतिम उत्पाद भी बीकानेर में तैयार किये जाते हैं। इन सब के बावजूद भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय का केन्द्रीय ऊन विकास बोर्ड का कार्यालय बीकानेर में नहीं है।

सांसद श्री मेघवाल ने यह भी बताया कि बीकानेर संसदीय क्षेत्र में भेड़ों की संख्या तथा ऊन उत्पादन की मात्रा एवं ऊन से जुड़ी हुई घरेलू एवं छोटी-छोटी औद्योगिक इकाईयों की संख्या को देखते हुए केन्द्रीय ऊन विकास बोर्ड का कार्यालय बीकानेर मुख्यालय पर भी होना चाहिए।

सांसद श्री मेघवाल ने वस्त्र मंत्रालय से मांग की, कि उचित सर्वेक्षण करवा कर केन्द्रीय ऊन विकास बोर्ड का नया कार्यालय बीकानेर में खोलने की अनुमति प्रदान करें जिससे ऊन व्यवसाय से जुड़ हुए हजारों व्यक्तियों को लाभ प्राप्त हो सके।

 

राजस्थान के सभी ग्रामीण क्षेत्रों के 100 से कम आबादी वाली ढाणियों को भी

राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में शमिल किये जाये

जोधपुर के सांसद श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के सभी ग्रामीण क्षेत्रों के 100 से कम आबादी वाली ढाणियों को भी राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में शमिल किये जाने की मांग है।

श्री शेखावत ने लोकसभा में शून्य काल में राजस्थान से सम्बधित मुद्दा उठाते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा अप्रैल, 2005 में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतिकरण योजना प्रारम्भ की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2011-2012 तक सभी अविद्युतिकृत गांवों एवं ढाणियों को विद्युतिकृत कर ग्रामीण परिवारों को (बी.पी.एल परिवारों सहित) विद्युत उपलब्ध कराना था। इस योजनान्तर्गत 90 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार अनुदान के रूप में तथा 10 प्रतिशत ऋण के रूप मंे दी जा रही है। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम को इस योजना के क्रियान्वयन हेतु नोडल एजेन्सी बनाया गया है।

उन्होंने बताया कि राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत केन्द्र सरकार द्वारा 10वीं व 11वीं पंचवर्षीय योेजनाओं में राज्य की 40 योजनाओं की स्वीकृति दी गई थी जिसमें से 37 योजनाओं का कार्य पूर्ण कर लिया है।

श्री शेखावत ने यह भी बताया कि अभी हाल ही में केन्द्र सरकार ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में सर्वप्रथम राजस्थान की 1453 करोड़ रूपयांे की 28 योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की है। इन योजनाओं की स्वीकृति से राजस्थान की सभी 100 से अधिक आबादी वाली 10575 अविद्युतीकृत व 23155 आंशिक विद्युतिकृत का सघन विद्युतीकरण किया जाना शमिल है। इससें इन ढाणियों में निवास कर रहें 4.43 लाख बी.पी.एल परिवार व 8.92 लाख ए.पी.एल परिवारों को बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी। केन्द्र सरकार की ग्रामीण विद्युतिकरण नीति-2004 के अनुरूप सभी को बिजली उपलब्ध कराने के लक्ष्य की पूर्ति करने में इन स्वीकृत योजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।

श्री शेखावत ने ग्रामीण विकास मंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि राजस्थान के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूरा तभी हो सकता है जब राज्य में 100 से कम आबादी वाली ढाणियों को भी राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में शमिल किया जाए।

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