कांग्रेस पार्टी डूबता हुआ जहाज , कांग्रेसियों को राहुल गांधी पर भरोसा नहीं : शाहनवाज हुसैन

रांची: भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस की दुर्दशा के लिए खुद कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है और आज इसकी दशा डूबते हुए उस जहाज की तरह हो गई है, जिस पर सवार लोग अपनी जान बचाने के लिए उससे कूद कर भाग रहे हैं. शाहनवाज हुसैन ने रांची में एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही. उन्होंने जोर दिया कि वर्तमान में विशेषकर कांग्रेस के युवाओं को यह समझ में आ गया है कि पार्टी नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में न तो उनका भला होने वाला है और न ही देश का भला होने वाला है. मध्य प्रदेश में युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की घर वापसी हुई है. वह पहले पार्टी नेताओं के दिल में बसते थे, अब सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए. भाजपा उनकी दादी की खड़ी की हुई पार्टी है.

उन्होंने आगे कहा कि स्व. राजमाता जी एवं स्व. माधवराव सिंधिया पहली बार विधानमंडल में जनसंघ से ही जीत कर गए थे. अब ज्योतिरादित्य सिंधिया जी भी पहली बार राज्यसभा में भाजपा के सदस्य के रुप में जाएंगे. मध्य प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस जाने वाली है. जल्द ही वहां भाजपा की सरकार बनेगी. अन्य प्रदेशों में भी कांग्रेस में भगदड़ मची है. झारखंड भी इससे अछूता नहीं है. सीएए कानून पर बोलते हुए शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘‘यह नागरिकता देने वाला कानून है, नागरिकता लेने वाला नहीं. भारतीय मुसलमानों को डरने की आवश्यकता नहीं. वह यहीं के हैं और यही रहेंगे ,परंतु बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए यहां कोई जगह नहीं है. वीजा की अवधि समाप्त होने पर मुसलमानों को भी मक्का मदीना छोड़ना पड़ता है.”

एक अन्य सवाल के जवाब में शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘‘अगर मजहब एक है तो फिर क्यों मुस्लिम देश आपस में लड़ रहे हैं. धर्म निजी मामला है इसे राष्ट्रीयता से न जोड़ें.” उन्होंने कहा, ‘‘भारत के मुसलमानों के लिए भारत से अच्छा देश नहीं, हिन्दू से अच्छा दोस्त नहीं और नरेंद्र मोदी से अच्छा नेता नहीं.” हुसैन ने कहा कि नागरिकता कानून बनाकर मोदी सरकार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, मौलाना आजाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, भीमराव आम्बेडकर के सपनों को साकार किया है. उन्होंने धरने पर रांची में बैठी महिलाओं से भी आग्रह किया कि वह किसी के बहकावे में नहीं आएं और धरना समाप्त करें।

Comment: