डॉ राकेश आर्य बनाए गए जिला आर्य प्रतिनिधि सभा गौतम बुद्ध नगर के अध्यक्ष : आर्य, आर्य भाषा और आर्यावर्त की रक्षा के लिए आगे आना होगा : डॉ आर्य

ग्रेटर नोएडा। ( विशेष संवाददाता ) यहां आर्य समाज सूरजपुर में संपन्न हुई आर्य उप प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर की एक विशेष बैठक में वरिष्ठ समाजसेवी, इतिहासकार और लेखक डॉ राकेश कुमार आर्य को सर्वसम्मति से जिला आर्य प्रतिनिधि सभा का अध्यक्ष चुना गया। इससे पूर्व निवर्तमान अध्यक्ष श्री महेंद्र सिंह आर्य ने अपनी कार्यकारिणी का त्यागपत्र चुनाव समिति को सौंप दिया। जिसकी स्वीकृति के पश्चात नए अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हुआ। सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी और आर्य समाज के भीष्म पितामह सरपंच रामेश्वर सिंह द्वारा की गई।

डॉ राकेश कुमार आर्य ने अपने संबोधन में कहा कि आर्य समाज का वर्तमान राष्ट्रीय परिस्थितियों में बहुत अधिक महत्व है। उन्होंने कहा कि आर्य, आर्यभाषा और आर्यावर्त हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान के ही समानार्थक शब्द हैं। आज हमें इन शब्दों के समीकरण को लोगों को बीच प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। जिससे हम आर्य संस्कृति की रक्षा करते हुए भारत को विश्व गुरु बना सकते हैं । उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद का सपना भारत को विश्व गुरु बनाने का था।  यह कार्य तभी संपन्न हो सकता है जब हम वैदिक संस्कृति के प्रति अनुरागी युवा संगठन को खड़ा करें। श्री आर्य ने कहा कि देश के भीतर जिस प्रकार के मिथक गढ़कर देश के हिंदू समाज को तोड़ने का काम किया जा रहा है वह बहुत ही चिंताजनक है। नये ध्रुवीकरण तैयार कर आर्य संस्कृति का विनाश किया जा रहा है। इस प्रकार के सांस्कृतिक हमले का सामना करने के लिए सारे सनातनी समाज को एकता का प्रदर्शन करना होगा, अन्यथा हम अपने आप को सभ्यताओं की दौड़ में बचा नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस समय देश की युवा पीढ़ी के भीतर राष्ट्र बोध, इतिहास बोध और संस्कृति बोध कराने की आवश्यकता है। जिसके लिए प्रत्येक आर्यजन को अपनी अपनी भूमिका को समझना होगा। हमें स्वामी दयानंद जी महाराज की 200 वीं जयंती के अवसर पर जनपद में 200 आर्य समाजों को खड़ा करना है।


श्री आर्य ने कहा कि वह सभी के साथ सामंजस्य बनाकर चलने का प्रयास करेंगे और जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है, उसे पूर्ण निष्ठा के साथ निभाने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष श्री महेंद्र सिंह आर्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश को राजार्य सभा को एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता है। जिसके लिए हमें राष्ट्रवादी लोगों को आगे लाना होगा । उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उनके उत्तराधिकारी के रूप में डॉ आर्य एक राष्ट्रवादी विचारक के रूप में अपने पद की गरिमा को बढ़ाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि इस समय आर्य संस्कृति पर बाहर और भीतर दोनों ओर से हमला हो रहा है। जिसकी रक्षा के लिए सशक्त नेतृत्व का आगे आना आवश्यक है। श्री आर्य को सभा की अध्यक्षता कर रहे सरपंच रामेश्वर सिंह, आर्य समाज की रीढ़ देव मुनि जी, बलबीर सिंह आर्य ,सुखबीर सिंह आर्य व उनके बड़े भ्राता श्री देवेंद्र सिंह आर्य आदि ने शुभकामनाएं प्रदान की।
डॉ राकेश कुमार आर्य के नाम का प्रस्ताव श्री विजेंद्र सिंह आर्य द्वारा रखा गया। जिसका समर्थन निवर्तमान अध्यक्ष श्री महेंद्र सिंह आर्य, पूर्व अध्यक्ष आर्य वीरेश भाटी और देव मुनि जी द्वारा किया गया। इसके अतिरिक्त श्री शिव कुमार आर्य को महामंत्री, धर्मवीर सिंह आर्य को उपमंत्री आर्य दिवाकर नागर को कोषाध्यक्ष, आर्य सागर खारी को सह कोषाध्यक्ष, श्री दिनेश आर्य को ऑडिटर नियुक्त किया गया । जबकि श्री प्रताप सिंह आर्य, महावीर सिंह आर्य , डॉ आनंद आर्य, मुकेश नागर एडवोकेट, व श्री प्रिंसिपल नरपत सिंह को उपाध्यक्ष बनाया गया। इसअवसर पर श्री मूलचंद शर्मा, पंडित धर्मवीर आर्य, दिनेश आर्य , लालाराम आर्य, कमल आर्य, जीतराम आर्य,बाबूराम आर्य, जयप्रकाश आर्य, सत्येंद्र आर्य, ओमप्रकाश आर्य, ब्रह्म सिंह आर्य, सतीश कुमार शास्त्री, आर्य गौतम नागर, सुरेंद्र सौरभ, भगत सिंह आर्य, रामजस आर्य अभी आर्य जन उपस्थित थे।

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