जिस समय टी .वी . के सभी चैनलों पर बजट सम्बन्धी चर्चा खबरें आ रही थीं , उसी समय बीच में 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस में एक 23 साल की लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में छठवें आरोपी के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड ने गुरुवार आरोप तय करने का आदेश दे दिया .चूँकि यह घटना इतनी ह्रदय विदारक थी कि सारा भारत उन सभी नरराक्षसों को मौत की सजा देने की मांग कर रहा था .यद्यपि इस अपराध के लिए सभी अभियुक्त सामान रूप से दोषी हैं , लेकिन सरकार ने उनके नाम छुपा रखे थे , इन सभी पापियों ने जो दुष्कृत्य किया था , उसे देख कर हमने पहले ही लिख दिया था कि इतना नीच काम कोई मुसलमान ही कर सकता है , और बाद में यह बात सही निकली .क्योंकि अदालत ने छटवें आरोपी पर जितने भी अभियोग लगाये हैं , सभी काम मुहम्मद की सुन्नत है ,जिसे मुसलमान अपराध नहीं मानते ,
अब मुसलमान उस उस दुष्ट को नाबालिग साबित करने के लिए तरकीबें निकाल रहे हैं , ताकि उसे मौत की सजा से बचाया जा सके .यद्यपि इस बात में कोई शंका नहीं है कि सभी अपराधों की प्रेरणा इस्लामी तालीम से मिलती है , लेकिन आप किसी भी मुल्ले मौलवी से यह बात कहेंगे तो वह यही उत्तर देगा कि इस्लाम तो सदाचार , संयम , और परहेजगारी की तालीम देता है . इस्लाम में बलात्कार को गुनाह माना जाता है , इत्यादी ,
चूंकि मुख्य मुद्दा बलात्कार और छठवें मुस्लिम आरोपी के नाबालिग होने का है ,इसलिए इस्लामी सदाचार का पाखंड और असलियत के साथ इस्लाम के अनुसार बालिग (Adult )होने की जाँच कैसे होती है , इसका तरीका इस लेख में दिया जा रहा है ,
1-इस्लाम का ढोंगी सदाचार
इस्लाम से पहले अरब के कुछ भाग में ईसाई धर्म का प्रभाव था . और कई ईसाई साधू ऐसे भी होते थे ,जो संयम का पालन करते हुए जीवन व्यतीत करते थे . मुहम्मद का गुरु और खदीजा का चचेरा भाई वरका बिन नौफल भी एक ब्रह्मचारी था . शायद उसी से प्रेरित कर मुहम्मद ने यह आयत कुरान में जोड़ी होगी , जिसमे मुसलमानों को यह उपदेश दिया गया है ,
“और जिन्हें विवाह करने का अवसर प्राप्त न हो ,उन्हें चाहिए कि वे तब तक संयम का पालन करें ,जब तक अल्लाह उन्हें अनुग्रह से संपन्न कर दे ” सूरा -अन नूर 24:33

(let those who cannot find a match keep chaste till Allah give them independence by His grace. 24:33)

( इस आयत में संयमी के लिए अरबी में “अफीफ عفيف ” शब्द दिया गया है ,जिसका अंगरेजी में अर्थ “Chaste ” होता है .दुसरे शब्दों को ऐसे लोगों को ब्रह्मचारी , अरबी में ” ताहिरطاهر “और अंगरेजी में पवित्र और संतpure-saintly”भी कह सकते हैं )लेकिन इस आयात को पढ़कर यह नहीं समझना चाहिए कि कुरान कुंवारे लोगों को संयम और कामवासना से बचने की शिक्षा देता है .बल्कि कुरान मुस्लिम युवकों को लडाकियों को पकड़ कर उन से बलात्कार करने की प्रेरणा देता है , जैसा कि इन आयतों के कहा गया है ,
2-औरतें पकड़ो बलात्कार करो
औरतें और अय्याशी इस्लाम के असली आधार है , इतिहास साक्षी है . कि मुहम्मद के साथी जिहादी सबसे पहले औरतें ही लूटते थे . यही नहीं हर मुसलमान मरने के बाद जन्नत में औरतें ही चाहता है .चूँकि भारत में जिहाद नहीं हो सकती ,इसलिए मुसलमान किसी अकेली लड़की को पकड़ लेते हैं . और बलात्कार कर देते हैं ,क्योंकि कुरान पकड़ी गयी औरत से सहवास करने की आज्ञा देता है , कुरान में कहा है ,
“अपनी पत्नियों के उन लौंडियों के साथ सम्भोग करना कुछ भी निंदनीय नहीं है ,जो तुम्हारे हाथों पकड़ी जाएँ “सूरा -अल -मआरिज 70:30
(Captives your right hand posess)
“अपनी पत्नियों के अलावा उन लौंडियों के साथ ,जो उनके कब्जे में हों ,सहवास करना निंदनीय नहीं है “सूरा -अल मोमिनून 23:6
“हमने तुम्हारी लौंडियाँ हलाल कर दी हैं ,जो अल्लाह ने तुम्हें माले गनीमत में दी हैं ”
सूरा -अहजाब 33:50
“पत्नियों के सिवाय तुम्हारे लिए तुम्हारी लौंडियाँ भी हलाल हैं ,अल्लाह सब चीज की खबर रखने वाला है ” सूरा -अह्जाब 33:52
इस्लामी परिभाषा में हर प्रकार से हथियाई गयी , पकड़ी गयी , अगवा की गयी हो या खरीदी हुई सभी के लिए अरबी में एक ही शब्द “السرية ” है .और ऐसी औरत की इच्छा के विरुद्ध सम्भोग करना इस्लाम में अपराध नहीं माना जाता है .(Islam allows a man to have intercourse with capt woman, whether he has a wife or wives or he is not married.
A Captiive woman with whom a man has intercourse is known as a sariyyah )

लेकिन मुहम्मद ने ऐसे सहवास को बलात्कार नहीं कहते हुए अरबी में “मलिकत ईमानुकुम ملكت ايمانكم” और ” मलिकत यमीनुकुम ملكت يمينكم” शब्द का प्रयोग किया है .और पकड़ी गयी औरत को रखैली माना है .जिनके साथ बलपूर्वक सहवास करना मुसलमानों का अधिकार है .देखिये विडिओ
Sex allowed with Slave Women in Islam_ Dr Zakir Naik.flv

http://www.youtube.com/watch?v=Bj74kfA5UQY

यही बात हदीस में भी कही है , सही मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3432
3-वयस्क की परिभाषा
इस्लाम के अनुसार 15 साल की आयु होने पर लडके और लड़की को वयस्क माना जाता है .इस आयु को ” बुलूग بُلوغ‎)” और ,आयु पूरा करने वाले को ” बालिग بالغ ” कहा जाता है .इतनी आयु के लोग वयस्क ( Adult ) इसलिए माने जाते हैं , क्योंकि वह जिहाद के लिए उपयोगी होते हैं .
लड़का बालिग तब माना जाता है जब उसके श्रोणी के बाल निकलने लगें(grows pubic hair) , या शिश्न से वीर्य निकलने लगे .(has a nocturnal emission) और लड़की तब बालिग मानी जाती है जब उसका मासिक स्राव निकलने लगे .(when she menstruates)यही बात फतवे में दी गयी है ,
Once you get semen you are baaaligh

“تحصل مرة واحدة السائل المنوي كنت الكبار ”

http://en.allexperts.com/q/Islam-947/2010/4/Adult-age.htm

4-वयस्कता का परीक्षण
आज अदालत दिल्ली बलात्कार काण्ड छठवें (मुस्लिम)आरोपी के वयस्क होने का पता करने के लिए हाथ पैर मार रही है , कभी उसका जन्म प्रमाणपत्र खोज रही है कभी किशोर न्यालालय के आदेशानुसार धारा 3 के अधीन अभियुक्त की bone-ossification testकरवा रही है , लेकिन मार्च सन 627 में ही मुहम्मद ने एक ऐसी विधि खोज ली थी , जिस से मूर्ख व्यक्ति भी पता कर लेगा कि अभियुक्त बालिग है , अथवा नहीं .यह विधि हदीस में आज भी मौजूद है .इस हदीस के पीछे एक ऐतिहासिक घटना है .घटना इस प्रकार है , कि मदीना के पास “बनी कुरैजा ” नामका एक यहूदी कबीला रहता था .मार्च सन 627 को मुहम्मद ने अपने जिहादियों के साथ उस कबीले पर अचानक धावा बोल दिया था जिसमे करीब 900 लोगों के सर काट कर हत्या कर दी गयी थी .मुहम्मद का आदेश था कि सभी बालिग पुरुषों को मार दिया जाये . और औरतों से बलात्कार करके उनको लौंडी बना लिया जाये .हदीस कहती है ,
1.”कसीर इब्न अस्सायब ने कहा कि रसूल ने हम लोगों से कहा जाओ सभी बालिग़ मर्दों को मार डालो .पता करो जिन के नीचे के बाल दिखायी दें वह बालिग़ हैं , उन्हें क़त्ल कर दो . और जिनके नीचे के बाल नहीं निकले वह नाबालिग है , उनको जिन्दा छोड़ दो ”

أَخْبَرَنَا الرَّبِيعُ بْنُ سُلَيْمَانَ، قَالَ حَدَّثَنَا أَسَدُ بْنُ مُوسَى، قَالَ حَدَّثَنَا حَمَّادُ بْنُ سَلَمَةَ، عَنْ أَبِي جَعْفَرٍ الْخَطْمِيِّ، عَنْ عُمَارَةَ بْنِ خُزَيْمَةَ، عَنْ كَثِيرِ بْنِ السَّائِبِ، قَالَ حَدَّثَنِي أَبْنَاءُ، قُرَيْظَةَ أَنَّهُمْ عُرِضُوا عَلَى رَسُولِ اللَّهِ صلى الله عليه وسلم يَوْمَ قُرَيْظَةَ فَمَنْ كَانَ مُحْتَلِمًا أَوْ نَبَتَتْ عَانَتُهُ قُتِلَ وَمَنْ لَمْ يَكُنْ مُحْتَلِمًا أَوْ لَمْ تَنْبُتْ عَانَتُهُ تُرِكَ ‏.‏

Sunan an-Nasa’i-Vol. 4, Book 27, Hadith 3459

2-“अतिय्या ने कहा कि बनू कुरैजा के जनसंहार के समय मैं मौजूद थे . लेकिन उस समय मेरे नीचे के बाल नहीं निकले थे . इसलिए मुझे नाबालिग मान कर जिन्दा छोड़ दिया गया था ”

أَخْبَرَنَا مُحَمَّدُ بْنُ مَنْصُورٍ، قَالَ حَدَّثَنَا سُفْيَانُ، عَنْ عَبْدِ الْمَلِكِ بْنِ عُمَيْرٍ، عَنْ عَطِيَّةَ الْقُرَظِيِّ، قَالَ كُنْتُ يَوْمَ حُكْمِ سَعْدٍ فِي بَنِي قُرَيْظَةَ غُلاَمًا فَشَكُّوا فِيَّ فَلَمْ يَجِدُونِي أَنْبَتُّ فَاسْتُبْقِيتُ فَهَا أَنَا ذَا بَيْنَ أَظْهُرِكُمْ ‏.‏ ”

Sunan an-Nasa’i-Vol. 4, Book 27, Hadith 3460

5-छठवें अभियुक्त के अपराध
भले सेकुलर और मुसलमान उस छठवें अपराधी मुसलमान को बालिग नहीं मानें . लेकिन उसने जो जघन्य काम किये हैं उसके आगे मुहम्मद भी नाबालिग लगेगा .क्योंकि .. प्रमुख मजिस्ट्रेट गीतांजलि गोयल ने उस पर , गैंग रेप ,हत्या ,अपहरण , आप्रक्रतिक यौनाचार ,हत्या का प्रयास ,डकैती , सबूतों को नष्ट करने का प्रयास जैसे गंभीर आरोप लगाये हैं .यही नहीं एक सब्जी विक्रेता को लूटने के मामले में उस पर लूटपाट का मामला भी चल रहा है .
हमें पूरा विश्वास है , यदि अदालत मुहम्मद की हदीस का पालन कर के छठवे आरोपी को बालिग़ मान लेती है , तो मुल्लों की हालत सांप छछूंदर जैसी हो जाएगी .
(200/92)

बृजनंदन शर्मा (लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं)

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