देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में आर्य समाज का है महत्वपूर्ण योगदान : नवाब सिंह नागर

गुरुकुल मुर्शदपुर में मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता नवाब सिंह नागर ने कहा कि आर्य समाज का राष्ट्र निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। महर्षि दयानंद की प्रेरणा से 18 57 की क्रांति की शुरुआत हुई और फिर यह क्रांति उस समय जाकर रुकी जब देश आजाद हो गया। महर्षि के बताए रास्ते पर चलते हुए आर्य समाज के अनेकों लोगों ने देश के लिए बलिदान दिया। आज जब हम अपने देश की आजादी की 74 वी वर्षगांठ मना रहे हैं तब हमें महर्षि दयानंद के अमूल्य योगदान को भी याद करना चाहिए।
अपनी शालीनता और सौम्यता के लिए जाने जाने वाले भाजपा नेता ने कहा कि भारत जब आजाद नहीं हुआ था उस समय देश में कई कुरीतियां और अन्य सामाजिक बुराइयां देश में फैली हुई थीं। इन बुराइयों और कुरीतियों को दूर करने के लिए कई नेताओं ने तरह-तरह के आंदोलन चलाए जिनका मकसद था समाज में फैली कुरीतियों को दूर करना।
श्री नागर ने आर्य समाज के योगदान की पूरी पूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि आर्य समाज एक आंदोलन है जो आज भी धर्म और समाज सुधार का कार्य अग्रणी भूमिका में रहते हुए कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही आंदोलन और कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी। आर्य समाज एक हिन्दू सुधार आंदोलन है जिसकी स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी। यह आंदोलन पाश्चात्य प्रभावों की प्रतिक्रिया स्वरूप हिंदू धर्म में सुधार के लिए प्रारंभ हुआ था। आर्य समाजी शुद्ध वैदिक परम्परा में विश्वास करते हैं तथा मूर्ति पूजा, अवतारवाद, बलि, झूठे कर्मकाण्ड व अंधविश्वासों को अस्वीकार करते हैं। इसमें छुआछूत व जातिगत भेदभाव का विरोध किया गया तथा स्त्रियों व शूद्रों को भी यज्ञोपवीत धारण करने व वेद पढ़ने का अधिकार दिया गया था. स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा रचित “सत्यार्थ प्रकाश” नामक ग्रन्थ आर्य समाज का मूल ग्रन्थ है. आर्य समाज का आदर्श वाक्य है- कृण्वन्तो विश्वमार्यम्, जिसका अर्थ है – विश्व को आर्य बनाते चलो।
<span;> श्री नागर ने कहा कि आर्य समाज के सिद्धांतों को अपनाकर ही देश को मजबूत बनाया जा सकता है देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में आर्य समाज का महत्वपूर्ण योगदान है।

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