भागवत जी ! गोवध निषेध कानून के लिए मोदी जी को प्रेरित करो

7 नवम्बर 1966 को संसद भवन पर गोवध निषेध कानून बनवाने के लिए प्रदर्शन में भारत में जन्मे सभी धर्मों के लोग व उनके धर्म गुरू व सभी गोसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा साम्यवादीयो व मुस्लिम लीग को छोड़कर सभी राजनैतिक दलों के सदस्य शामिल थे । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विशेष योगदान रहा था ।

शुरू से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गोवध निषेध कानून की प्रमुख मांग रही है । समय-समय पर इस संबन्ध में जनमत जागृत और संगठित करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इसके लिए अपनी आवाज़ उठाता रहा । पहले जनसंघ (भाजपा) व फिर भाजपा भी गोवध निषेध कानून की मांग प्रमुखता से उठाते रहे । 1996में वाजपेयी जी के नेतृत्व में बनी पहली भाजपा की सरकार ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण द्वारा भी गोवध निषेध कानून बनाने के अपने निश्चय को व्यक्त किया । हम सभी देशवासियों के प्रयास से 2014 मे मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार स्थापित हुई । सभी गोसेवको को विश्वास था कि अब उनकी दशकों पुरानी गोवध निषेध कानून की मांग पुरी होगी । गोसेवको ने इसी आशा के साथ 2019 में और भी ज्यादा बहुमत से दुबारा भाजपा की सरकार प्रतिस्थापित करवाई । यह लिखते हुए व्यथित मन से लिखना पढ रहा है कि गोसेवी जनता की गोवध निषेध कानून की अभिलाषा अब तक अधुरी की अधुरी है । जनता को जिस तरह काँग्रेस ने धोखा दिया भाजपा भी उसी रास्ते पर चल रही है । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी आज इस विषय में मौन है । आदरणीय मोहनभागवत जी अपने प्रभाव का प्रयोग क्यों नहीं करते मेरी तुच्छ बुद्धि यह समझने में अपने आप को असमर्थ पा रही है । हम तो मोहनभागवत जी से निवेदन ही कर सकते हैं कि अपने प्रभाव से मोदी जी को इस विषय में प्रेरित करें जिससे हमारे सभी महापुरुषों की आत्मा की तृप्ति हो। —–राजकुमार अग्रवाल महासचिव भारत गोसेवक समाज 3′ सदर थाना रोड दिल्ली 6

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