*ईको फ्रेंडली है देसी गोवंश*।

लेखक आर्य सागर खारी 🖋️
सृष्टि के आदि में हमारे पूर्वजों ने समस्त दूध देने वाले पशुओं में गाय को सर्वोत्तम जाना इसका आधार केवल यही नहीं था कि गाय का दूध बाल युवा वृद्ध सभी के लिए हितकारी सुपाच्य है| अपितु जलवायु व पर्यावरण से जुड़े महत्वपूर्ण पक्षों पर भी ध्यान दिया था ऋषि महर्षियों ने | सभी पैमानों पर गाय को अन्य दूध देने वाले स्तनधारी जीवो में सर्वोत्कृष्ट मानकर वेदों में इसे *गावो विश्वस्य मातर अर्थात गाय विश्व की माता है, कहा गया है|

अब हम आपको बताते हैं गाय माता कैसे हैं——

जितने भी जुगाली करने वाले Rumentपशु है वह मीथेन गैस उत्सर्जित करते हैं| जो की एक प्रमुख ग्रीन हाउस गैस है ओजोन छरण ग्लोबल वार्मिंग के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार है| लेकिन अन्य भैंस बकरी ऊंट की अपेक्षा देशी गाय कम मात्रा में मीथेन गैस उत्सर्जित करती है भोजन को पचाने की प्रक्रिया में|

दूसरी खासियत यह है कि गाय या गोवंश कभी नहलाना पसंद नहीं करता यह पानी से बचता है अर्थात हाइड्रोफोबिक है| आज विश्व में जल संकट है मनुष्य के लिए पीने का पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है ऐसे में गाय उत्तम आदर्श है जल संरक्षण का| जबकि भैंस को रोज नहलाना पड़ता है जिससे अधिक जल की बर्बादी हो रही है|

मानसून के सीजन में जब वातावरण में भरपूर नमी होती है भैंस तब भी भरपूर पानी पीती है लेकिन गाय पानी त्याग देती है। वातावरण में उत्पन्न परिवर्तनों के प्रति गाय अधिक सेंसिटिव होती है।

मनुष्य के अलावा पशुओं के चारों के लिए आज बड़े पैमाने पर खेती की जा रही है जिससे पर्यावरण प्रदूषण ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जित हो रही वातावरण में।

जितनी खुराक एक भैंस खाती है इतनी खुराक में 3 गायों का पालन हो सकता है , 3 गुना दूध भी उत्पादित किया जा सकता है, भैंस की अपेक्षा|

गाय मनुष्यों के लिए ही नहीं सारे पारिस्थितिकी तंत्र पर्यावरण व इस समूचे विश्व के लिए उपयोगी है|

गाय सृष्टि काइको फ्रेंडली जीव है*।

अगले क्रम में चर्चा जारी रहेगी आप सभी का आभार…..

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