वजन घटाने के लिए करें कुछ ख़ास योग अभ्यास

best-exercise-lose-weightवजन कम करना हो या मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाना हो, लोग कई तरह के नुस्खे आजमाते हैं। कुछ लोग इसके लिए योग की तरफ भी रूख करते हैं। तो क्या योग से ये संभव है? क्या इसके लिए कुछ ख़ास योगाभ्यास किए जा सकते हैं?

अगर आप योग कर रहे हैं, तो आपका फालतू वजन पक्के तौर पर चला जाएगा। क्रिया योग की शुरुआत में, कुछ लोगों का वजन गिरने लगता है, वहीं कुछ लोगों का वजन बढऩे भी लगता है। अगर आपकी पाचन क्रिया ठीक नहीं है और भोजन को चरबी में बदलने की आपकी क्षमता अच्छी नहीं है, तो आपका वजन सामान्य से कम होगा। ऐसी स्थिति में अगर आप क्रिया का अभ्यास शुरू करते हैं, तो पाचन अग्नि सक्रिय हो जाती है और पाचन में सुधार होने के कारण भोजन ज्यादा अच्छे ढंग से चरबी में बदलने लगता है। इससे आपका वजन बढऩे लगता है। अगर आपकी पाचन अग्नि पहले से ठीक है और आप क्रियाएं करना शुरू करते हैं, तो उस हालत में भी भोजन के रूपांतरण की दर बेहतर होगी। मगर शरीर भोजन को चरबी में बदलने की बजाय, उसे ऊर्जा के एक सूक्ष्मतर आयाम में बदलने लगेगा। अगर आप उप योग या अंगमर्दन योग करें, तो फिटनेस पाना निश्चित है। इन तरीकों से आप बिना किसी उपकरण के फिटनेस पा सकते हैं। आपको बस फर्श पर छह गुणा छह फीट जगह की जरूरत है। अब, आप चाहे कितना भी खाएं, आपका वजन गिरने लगेगा। अगर आप क्रियाओं का अभ्यास कर रहे हैं, तो आप पाएंगे कि अगर आप बड़ी मात्रा में भोजन में कर रहे हैं, तब भी आपका वजन नहीं बढ़ेगा, बल्कि वजन और घटेगा। या इसका उल्टा भी हो सकता है, आपके भोजन की मात्रा नाटकीय रूप से कम हो जाती है, फिर भी आपका वजन कम नहीं होता। इसकी वजह सिर्फ यह है कि भोजन की रूपांतरण दर बदल जाती है। योग शरीर में ताजगी ले आता है और आपके अंदर इतना बोध ले आता है कि आप ज्यादा नहीं खाते। आपके शरीर में एक किस्म की जागरूकता आ जाने पर, आपका शरीर ऐसा हो जाता है कि वह उतना ही खाता है, जितना उसके लिए जरूरी हो। वह उससे ज्यादा कुछ नहीं खाता। ऐसा इसलिए नहीं होता कि आप किसी तरह से अपने जीवन को नियंत्रित या काबू करते हैं या कोई आपको भोजन कम करने के लिए कहता है। अगर आप दूसरे व्यायाम या डाइटिंग करते हैं, तो आप खुद पर नियंत्रण करने की कोशिश करते हैं। योगाभ्यासों से, आपको खुद को रोकने की जरूरत नहीं होती। आप बस योगाभ्यास करते हैं। यह इस तरह से आपके शरीर की देखभाल करता है कि आपको जरूरत से ज्यादा खाने नहीं देता। योग में यह एक बड़ा अंतर है। हम वजन कम करने के लिए योग नहीं सिखाते। यह कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसे आप दुबले होने या अपना पीठदर्द या सिरदर्द ठीक करने के लिए करें। हां, यह सच है कि ये चीजें अपने आप होंगी – स्वस्थ, शांति, स्नेह, विनम्रता – मगर ये योग के गौण प्रभाव हैं, साइड इफेक्ट्स हैं, योग का मुख्य लक्ष्य नहीं। वजन कम करने के लिए, आपको बस समझदारी से खाने, टेनिस खेलने या तैराकी करने की जरूरत होती है। उससे ही आप स्वस्थ रह सकते हैं। आपको योग करने की जरूरत नहीं है। योग का मकसद आपके भीतर एक दूसरे आयाम को व्यवस्थित करना है, जो भौतिक से परे होता है। उसके सक्रिय होने पर ही, धीरे-धीरे लाखों अलग-अलग रूपों में आपके लिए अस्तित्व के द्वार खुलने लगते हैं। जिन चीजों की मौजूदगी का आपको पता तक नहीं था, वे आपके लिए एक जीवंत सच्चाई बन जाते हैं। इसकी वजह सिर्फ यह होती है कि भौतिक से परे एक आयाम आपके अंदर सक्रिय हो जाता है।

उप योग और अंगमर्दन

इसलिए, योग कोई व्यायाम नहीं है। इसके दूसरे आयाम भी हैं। योग को एक व्यायाम प्रक्रिया तक सीमित कर देना एक गंभीर अपराध होगा। मगर योग में ‘उप योग’ नामक एक चीज होती है, जिसका मतलब है़, सहायक योग या चीजों को करने की उपयोगी प्रक्रियाएं। इसके साथ कोई आध्यात्मिक आयाम जुड़ा नहीं होता। अगर आप उप योग या अंगमर्दन योग करें, तो फिटनेस पाना निश्चित है। इन तरीकों से आप बिना किसी उपकरण के फिटनेस पा सकते हैं। आपको बस फर्श पर छह गुणा छह फीट जगह की जरूरत है। आप बहुत फिट हो सकते हैं और अपना बदन कसरती बना सकते हैं। लेकिन इससे आपकी मांसपेशियां जरुरत से ज्यादा बड़ी नहीं होंगी। बहुत से लोग शरीर को इस तरह बना लेते हैं। उन्हें लगता है कि वे फिट हैं मगर मुझे ऐसा लगता है कि वे जंजीर में बंधे हैं! शरीर के सही ढंग से काम करने के लिए सिर्फ आपकी मांसपेशी की मजबूती या उभार नहीं, बल्कि आपके शरीर का लचीलापन भी उतना ही महत्वपूर्ण है। योग में, हम सिर्फ मांसपेशियों की ताकत पर ध्यान नहीं देते। सभी अंगों का स्वस्थ होना भी बहुत महत्वपूर्ण है। योग प्रणाली को इसलिए विकसित किया गया ताकि सभी अंग स्वस्थ रहें। चाहे आपका बदन कितना भी कसरती हो, अगर आपका लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो उसका क्या फायदा? यह बहुत जरूरी है कि शरीर लचीला और काम के लायक हो। मनुष्य की मांसपेशियां एक अद्भुत चीज हैं। हमारी मांसपेशियां शानदार काम कर सकती हैं। उन्हें मजबूत के साथ ही बहुत लचीला बनाते हुए उनकी क्षमता को और बेहतर किया जा सकता है।  हां, बॉडी बिल्डिंग आपको जानवरों जैसी ताकत देती है। मगर आप वैसी ही ताकत बिल्कुल अलग तरीके से भी बना सकते हैं और सबसे बढक़र अपने शरीर को लचीला रख सकते हैं जो बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप खूब वजन उठाने वाले व्यायाम करते हैं, तो आपकी मांसपेशियां बहुत उभरी हुई लगेंगी, मगर उनमें कोई लचीलापन नहीं होगा। ऐसे बहुत से लोगो आप देखेंगे जिनकी मांसपेशियां खूब उभरी होंगी लेकिन वे ठीक से एक नमस्कार तक नहीं कर सकते। वे झुक भी नहीं सकते। अगर आप सिर्फ ऐसी मांसपेशियां चाहते हैं, जो अच्छी लगे तो इन दिनों ऐसा करने के बहुत आसान तरीके हैं। आप बाइसेप इंप्लांट लगवा सकते हैं। सिलिकॉन सिर्फ स्तनों में नहीं लगता, वह बाइसेप्स में भी लगता है, पिंडली की मांसपेशियों में लगता है, उसे कहीं भी लगवा सकते हैं। इससे फर्क नहीं पड़ता कि वह बेकार है।

आपको इसके लिए मेहनत नहीं करनी पड़ती, कार्टिसोन या हारमोन नहीं लेने पड़ते और लोहा नहीं उठाना पड़ता। सिर्फ अच्छा दिखने के ये ज्यादा आसान तरीके हैं। हां, बॉडी बिल्डिंग आपको जानवरों जैसी ताकत देती है। मगर आप वैसी ही ताकत बिल्कुल अलग तरीके से भी बना सकते हैं और सबसे बढक़र अपने शरीर को लचीला रख सकते हैं जो बहुत महत्वपूर्ण है। खुशहाली के कई पहलू हैं – अच्छी सेहत, ऊर्जा, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक पहलू। जब हम सुबह 30 मिनट से एक घंटे तक का समय देते हैं, तो हम यह चाहते हैं कि इसके फायदे हमारे पूरे सिस्टम को समान रूप से मिले, हमें सिर्फ उभरी हुई मांसपेशियां नहीं चाहिए। तो, अगर आप मांसपेशी बढ़ाना चाहते हैं, तो क्या आपको वजन नहीं उठाना चाहिए? आप उठा सकते हैं क्योंकि आधुनिक तकनीक ने हमारे जीवन से शारीरिक अभ्यास और क्रिया को खत्म कर दिया है।

हमें बाल्टी भर कर पानी नहीं उठाना पड़ता या इस तरह के दूसरे काम नहीं करने पड़ते। सब कुछ मशीनों से किया जाता है। अपने आईफोन के अलावा आपको कुछ और नहीं उठाना या ढोना पड़ता। अब चूंकि आप दिन भर अपने हाथ-पैरों का इस्तेमाल नहीं करते, इसलिए हल्के-फुल्के वजन उठाने वाले व्यायाम में कोई बुराई नहीं है। मगर उप योग में व्यायाम या अभ्यास करने के लिए आपके अपने शारीरिक भार का इस्तेमाल करना होता है। अंगमर्दन यही है – अभ्यास करने के लिए अपने शरीर के भार का प्रयोग करना। इसके बाद, आपके पास कोई बहाना नहीं होगा कि घर के आस-पास कोई जिम नहीं था। आप जहां भी हों, यह अभ्यास कर सकते हैं क्योंकि आपका शरीर हमेशा आपके पास होता है। यह किसी भी वेट ट्रेनिंग की तरह ही शरीर को ताकतवर बनाने में असरदार है, साथ ही यह शरीर पर कोई बेकार का दबाव नहीं डालता। यह आपको एक समझदार इंसान बनाने के साथ-साथ आपको मजबूत भी बनाता है – बहुत मजबूत।

प्रस्तुति : सहसंपादक

श्रीनिवास आर्य

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