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आर्थिकी/व्यापार कृषि जगत

हमारी आर्थिक तस्वीर को बदल सकते हैं मछली और पशुपालन

( हरियाणा जैसे छोटे राज्य द्वारा पशु क्रेडिट कार्ड योजना इस क्षेत्र को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाते है. फिर भी कुछ अन्य कदम इस क्षेत्र में किसानों को अपनी तरफ आकर्षित कर सकते है. यह लाखों लोगों को विशेष रूप से ग्रामीण लोगों को स्वरोजगार प्रदान करता है. इसने महिलाओं के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण […]

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आर्थिकी/व्यापार व्यक्तित्व

जयपुर फुट के निर्माता डॉ प्रमोद करण सेठी

6 जनवरी/पुण्य-तिथि यदि किसी व्यक्ति का कोई अंग जन्म से न हो, या किसी दुर्घटना में वह अपंग हो जाए, तो उसकी पीड़ा समझना बहुत कठिन है। अपने आसपास हँसते-खेलते, दौड़ते-भागते लोगों को देखकर उसका मन में भी यह सब करने की उमंग उठती है; पर शारीरिक विकलांगता के कारण वह यह कर नहीं सकता। […]

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आर्थिकी/व्यापार

आधुनिकतम तकनीक का लाभ उठाता हुआ भारत

प्रमोद भार्गव भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित तकनीकें अब निजी क्षेत्र की भारतीय कंपनियों के लिए ही नहीं, देशी कंपनियों को भी हस्तांतरित कि जा सकेंगी। इसरो इसकी कीमत वसूलेगी। अंतरिक्ष सुधारों के तहत इसरो ने पुनर्संशोधित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण नीति-2020 जारी कर दी है। इसमें पहली बार विदेशी फर्म को भी […]

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आर्थिकी/व्यापार

आवश्यकता है न्यूनतम समर्थन मूल्य को और भी अधिक व्यावहारिक बनाने की

डा. राधेश्याम द्विवेदी कृषि उपज (जैसे गेहूँ, धान आदि) का न्यूनतम समर्थन मूल्य वह मूल्य है जिससे कम मूल्य देकर किसान से सीधे वह उपज नहीं खरीदी जा सकता हो। न्यूनतम समर्थन मूल्य, भारत सरकार तय करती है। उदाहरण के लिए, यदि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2000 रूपए प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है […]

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आर्थिकी/व्यापार

आर्थिक सुधार कार्यक्रमों को लागू करने में अब राज्यों को भी निभानी होगी अपनी भूमिका

विश्व में फैली कोरोना महामारी के बाद अब जब अन्य कई देश अपने बाज़ारों को पुनः खोलने की ओर अग्रसर हो रहे हैं, ऐसे में भारत के लिए, वैश्विक स्तर पर आर्थिक क्षेत्र में अपने योगदान को यदि बढ़ाना है तो, आर्थिक सुधार कार्यक्रमों को तेज़ी से लागू करना अब ज़रूरी हो गया है। विश्व […]

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आर्थिकी/व्यापार

भारत की आर्थिक समृद्धि का स्वरूप , भाग – 3

  *राज्य की भूमिका* राज्य की भूमिका का प्रश्न भी महत्वपूर्ण है। सौभाग्य से उससे सम्बन्धित कुछ साहित्य प्रकाश में आ चुका है। विकास के सन्दर्भ मेें, बारम्बार यह दुहराया जाता है कि यूरोपीय राष्ट्र-राज्य शक्तिशाली आर्थिक हस्ती बनकर उभरे तो इसका श्रेय जाता है यूरोपीय राजाओं और रानियों के योगदान को और व्यापार के […]

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आर्थिकी/व्यापार

भारत की आर्थिक समृद्धि का स्वरूप, भाग — 2

  *भारत के महान व्यापारी* भारत के सौदागरों (व्यापारियों) के बारे में उनकी सम्पदा और उनके प्रतिष्ठित व्यापार के बारे में यूरोपीय कम्पनियों ने जो विवरण दिए हैं, उनमें भी इस विषय में भरपूर प्रकाश पड़ता है। ‘ये व्यापारी विशाल तादाद में व्यापार करने में सक्षम थे। यूरोपीय कम्पनियों का इनसे ही मुकाबला था।Ó ब्रिटिश […]

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आर्थिकी/व्यापार

भारत की आर्थिक समृद्धि का स्वरूप : भाग -1

  द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद की अवधि में तथाकथित तीसरी दुनिया के देशों के विकास का प्रश्न सामने लाया गया, तब तक इन बुनियादी विश्वासों की प्रामाणिकता पर प्रश्न उठाने की सोचना तक किसी के वश में नहीं बचा था। विद्वानों और राजनोताओं की इस दृष्टि का प्रमाण है-तीसरी दुनिया के देशों की विकास योजनाएँ। […]

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आर्थिकी/व्यापार

दहाई आंकड़े की विकास दर एवं 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ता भारत

पिछले कुछ वर्षों से देश में केंद्र सरकार एवं कुछ राज्य सरकारें आर्थिक माहौल बनाने में जुटी हुई हैं जिससे देश में पूंजी निवेश बढ़े, आधारिक संरचना का विकास हो, इसके लिए कई क्षेत्रों में लगातार आर्थिक सुधार कार्यक्रम लागू किए जा रहे हैं। अभी हाल ही में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना लागू की गई […]

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आर्थिकी/व्यापार

कृषि क्षेत्र में मध्य प्रदेश की अनुकरणीय प्रगति

आज से कुछ ही साल पहिले तक मध्य प्रदेश की गिनती देश के बीमारु राज्यों की श्रेणी में की जाती थी। बीमारु राज्यों की श्रेणी में मध्य प्रदेश के अलावा तीन अन्य राज्य भी शामिल थे, यथा, बिहार, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश। इन राज्यों को बीमारु राज्य इसलिए कहा गया था क्योंकि इन राज्यों में […]

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