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बंधुआ मजदूरी का जीवन जीने को मजबूर हैं ईंट भट्ठा मजदूर

शैतान रेगर भीलवाड़ा, राजस्थान देश की आजादी को सात दशक बीत जाने के बाद भी ईंट भट्ठा मजदूर गुलामी (बंधुआ मजदूरी) का जीवन जीने को विवश हैं. भौगोलिक रूप से भले ही देश को आजादी मिल गई हो या सरकारें कितने ही योजनाएं बना ले, लेकिन सच यह है कि देश में प्रवासी मजदूरों को […]

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कारण शरीर को लेकर कुछ शंकाएं

शंका समाधान दिनांक १३/४/२०२४ नमस्ते स्वामी जी। स्वामी जी कारण शरीर को लेकर कुछ शंकाएं है,जो निम्न हैं। १)कारण शरीर को सभी जीवात्माओं के लिए एक ,विभु माना गया है। स्वामी जी इसे ऐसा क्यों नही माना जा सकता है जिन सत्व, रज आदि अथवा कारण शरीर से मेरा स्थूल ,सूक्ष्म आदि शरीर बना है […]

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इस्कॉन द्वारा सामाजिक समरसता दिवस पर बहुआयामी भक्ति धारा उत्सव,* *त्रिगुणात्मिका शक्ति तत्वों से परिपूर्ण प्रकृति ही स्त्री स्वरूप में जगन्माता – अभय गौरांग प्रभु*

बांसवाड़ा, 14 अप्रेल/चैत्र नवरात्रि में मेष संक्रांति के दिन ही सतुआन पर्व पर भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयन्ती सामाजिक समरसता दिवस पर इस्कान की बांसवाड़ा इकाई के तत्वावधान में रविवार को इस्कान केन्द्र पर अभय गोरांग प्रभु की अगुवाई में हुए बहुआयामी कार्यक्रम में श्रृद्धा-भक्ति का ज्वार उमड़ आया। इस अवसर पर अपने प्रवचन […]

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स्वस्थ भारत की जननी है आंगनबाड़ी केंद्र

बेबी कंवर लूणकरणसर, बीकानेर राजस्थान एक अप्रैल से राजस्थान की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहयोगिनियों और सहायिकाओं के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई है. इससे आंगनबाड़ी से जुड़े सदस्यों को काफी लाभ पहुंचेगा. इस वक़्त पूरे राज्य में 62,020 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं. जिसके माध्यम से लाखों बच्चों और गर्भवती […]

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आधुनिक रेल की वास्तविकता

पंकज शर्मा तरुण – विनायक फीचर्स भारतीय रेल की वर्तमान तस्वीर कितनी बदली यह किसी से भी छुपा नहीं है। एक समय था जब पूरे देश में छोटी लाइन थी जिसे अंग्रेजों ने बिछाया था इसको मीटर गेज/नेरो गेज कहा जाता था।कोयले से चलने वाले काले रंग के इंजिन हुआ करते थे, जिसे भाप के […]

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हरयाणवी जन जीवन पर वैदिक संस्कृति एवं आर्यसमाज का प्रभाव

लेखिका = डॉ० कुमारी सुशीला आर्या एम०ए०, पी०एच०डी० प्रस्तुति = अमित सिवाहा हरयाणा पुरातन काल से वैदिक संस्कृति का केन्द्र रहा है। इसे ब्रह्मष देश अथवा ब्रह्मदेश के नाम से पुकारा जाता था। इसकी वर्तमान संज्ञा तथा प्राचीन कई एक नाम संस्कृत भाषा परक है। इतिहास साक्षी है कि इस क्षेत्र में ऋषि मुनियों के […]

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सूरा फातिहा का वैदिक आधार !

सूरा फातिहा का वैदिक आधार ! हमारे सभी सम्माननीय जागरुक पाठक ,जो इस ब्लॉग को लगातार पढ़ते आये हैं ,वह इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं ,कि जब मुस्लिम ब्लोगरों के पास कोई समुचित ,तर्कपूर्ण उत्तर नहीं होता ,या उनके पास कोई प्रमाण नहीं होता ,तो वह लोग गाली गलौच पर उतर जाते […]

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विज्ञान के युग में अंधविश्वास की जगह नहीं

संजना चोरसौ, उत्तराखंड 08 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर खगोलशास्त्रियों में जहां उत्साह है तो वहीं परंपरा और मान्यताओं को प्राथमिकता देने वालों में बेचैनी भी है. हालांकि वैज्ञानिकों ने स्पष्ट कर दिया है कि करीब 50 साल बाद लंबी अवधि के लिए लगने वाला यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं […]

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किशोरियों की शिक्षा में डिजिटल दुनिया का सहयोग

ज्योति दिल्ली काजल (बदला हुआ नाम) एक 15 वर्षीय लड़की है जो अपने परिवार के साथ दिल्ली स्थित उत्तम नगर इलाके में रहती है. उसके परिवार में कुल छः सदस्य हैं. काजल अपनी चार बहनों, मां और मौसी के साथ किराए के घर में रहती है. कोरोना महामारी के दौरान उसके पिता की एक दुर्घटना […]

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1 अप्रैल, मूर्ख दिवस‌ अप्रैल फूल पर विशेष- एक दिन हास परिहास‌ का भी जरूरी

सुरेश सिंह बैस शाश्वत अप्रैल फूल दिवस पश्चिमी देशों में प्रत्येक वर्ष पहली अप्रैल को मनाया जाता है। कभी-कभी इसे ऑल फूल्स डे के नाम से भी जाना जाता हैं। एक अप्रैल वैसे तो छुट्टी का दिन नहीं है परन्तु इसे व्यापक रूप से एक ऐसे दिन के रूप में जाना और मनाया जाता है, […]

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