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स्वर्णिम इतिहास

भारत का स्वर्णिम इतिहास भारत को ‘सोने की चिडिय़ा’ क्यों कहते थे (1)

एस. सी. जैन भारत का एक अतीत है जो बहुत पुराना है जो वेदों के समय से लेकर दसवीं शताब्दी तक का है। भारत के उस अतीत के बारे में बात करेंगे जो हाल में हमारे सामने रहा। 100-200 साल पहले 18 शताब्दी, 17 शताब्दी व 15 शताब्दी तक आज से लगभग 100-150 साल पहले […]

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कहर बरसा था दिल्ली में उन दिनों

प्रस्तुति रोहताश सिंह आर्य- बादशाह बहादुर शाह जफर के कैद हो जाने के बाद अंग्रेजों के जासूसों ने खबर दी कि बादशाह के बेटे हुमायूं के मकबरे में ही छिपे हुए हैं और इन लोगों ने भी बगावत के दौरान अंग्रेजों का कत्ल करने में हिस्सा लिया था। अंग्रेज अधिकारी हडसन यह खबर पाकर झूम […]

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आखिर इतना बड़ा भारत मूठी भर अंग्रेज़ो का गुलाम कैसे हुआ ??

किसी इतिहास की किताब आपको ये जवाब नहीं मिलेगा !एक बार पढ़ें ! राजीव भाई की भाषा मे (1998 ) दो तीन गंभीर बाते कहने आपसे आया हूँ . और चाहता हु कि कुछ आपसे कह सकुं और अगर आप चाहें तो मुझसे कुछ पूछ सके. मेरे व्याख्यान के बाद अगर आपको लगे तो आप […]

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झारखण्ड के रामगढ़ का टूटी झरना शिवमंदिर

अशोक प्रवृद्ध भारतीय पौराणिक इतिहास की सबसे महत्?वपूर्ण कथा गंगावतरण, जिसके द्वारा भारतवर्ष की धरती पवित्र हुई, में इक्ष्वाकु वंशीय दिलीप के पुत्र भगीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने गंगा की धारा को देवलोक से भूलोक में गिरते समय अपनी जटा में सम्भालने के लिए हामी भर दी । तब ब्रह्मा के […]

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गंगा दशहरा अर्थात गंगावतरण की पौराणिक कथा

-अशोक “प्रवृद्ध” भारतवर्ष के पौराणिक राजवंशों में सबसे प्रसिद्ध राजवंश इक्ष्‍वाकु कुल है। इस कुल की अट्ठाईसवीं पीढ़ी में राजा हरिश्‍चन्द्र हुए, जिन्‍होंने सत्‍य की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया । इसी कुल की छत्‍तीसवीं पीढ़ी में अयोध्या में सगर नामक महाप्रतापी , दयालु, धर्मात्‍मा और प्रजा हितैषी राजा हुए। गर अर्थात विष […]

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एक विस्मृत हिन्दू सम्राट – महाराजा हेमचन्द्र विक्रमादित्य

-विनोद बंसल सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य, भारतीय इतिहास के उन चुनिन्दा लोगों में से हैं जिन्होंने इतिहास की धारा मोड़कर रख दी। वे पृथ्वीराज चैहान (1179-1192) के बाद इस्लामी शासनकाल के मध्य दिल्ली के सम्भवतः एकमात्र हिन्दू सम्राट हुए जो विद्युत की भांति चमके और दैदीप्यमान हुए। उन्होंने अलवर (राजस्थान) के बिल्कुल साधारण से घर में […]

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शहीदों की कहानी स्मारक की जुबानी

बसु मित्र मैं धमदाहा का शहीद स्मारक ,आजादी के दीवानों की कहानी आज भी मुझमें आसानी से देख और सुन सकते है। चलिए मेरे साथ सन् 42 , जब पुरे देश में अहसयोग आंदोलन पूरे चरम पर था, लोग अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा रहे थे उस समय आंदोलन का प्रभाव पूर्णियां जिले के […]

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गोडसे ने गांधी को क्यों मारा-2

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बड़े नेताओं की छोटी बातें

शहीदे आजम भगतसिंह को फांसी दिए जाने पर अहिंसा केमहान पुजारी गांधी ने कहा था, ‘‘हमें ब्रिटेन के विनाश के बदलेअपनी आजादी नहीं चाहिए ।’’ और आगेकहा, ‘‘भगतसिंह की पूजा से देश को बहुत हानि हुई औरहो रही है । वहीं इसका परिणामगुंडागर्दी का पतन है । फांसी शीघ्र देदी जाए ताकि 30 मार्च से […]

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स्वर्णिम इतिहास

गणेश चतुर्थी का महत्व

( 29 आगस्त2014 गणेश उत्सव ) हिन्दुओं का एक उत्सव है। वैसेतो यह पूरे भारत में मनाया जाता है, किन्तु महाराष्ट्रका गणेशोत्सव विशेष रूप से प्रसिद्ध है। महाराष्ट्र में भी पुणेका गणेशोत्सव जगत्प्रसिद्ध है। यह उत्सव, हिन्दू पंचांग केअनुसार भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दशी (चार तारीख सेचौदह तारीख तक) तक दस दिनों तक चलता […]

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