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स्वर्णिम इतिहास

श्री कृष्ण और अर्जुन के द्वारा दानवीर कर्ण से ब्राह्मण वेश में जाकर दान मांगने की घटना और महाभारत का सच

हमारे समाज में कर्ण की दानवीरता के किस्से बहुत प्रसिद्ध हैं । ऐसा कहा जाता है कि जिस समय कर्ण की मृत्यु हुई तो उस समय श्री कृष्णजी को अत्यन्त दु:ख हुआ । तब अर्जुन से अर्जुन ने उनसे पूछ लिया कि आज आप इतने दु:खी क्यों है ? इस पर श्री कृष्ण जी ने […]

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आओ कुछ जाने स्वर्णिम इतिहास

इतिहास का सच : सिल्क रोड नहीं ,भारत का उत्तरापथ

लेखक:- रवि शंकर, कार्यकारी संपादक, भारतीय धरोहर चीनी साम्राज्यवादी ओबोर बनाम भारतीय सहकारवादी ओसोर ओबोर यानी वन बेल्ट वन रोड। वन रोड यानी सिल्क रोड। यह बड़ी हैरतअंगेज बात है कि चीन ने एक रूट को रोड बना दिया। सिल्क रोड कोई जगह नहीं थी सिल्क रूट था। यह कोई एक सड़क, एक सड़क पर […]

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इतिहास के पन्नों से

जब असहयोग आंदोलन के लिए अंग्रेजों से गांधी जी ने मांगी थी माफी

कांग्रेसी और उनके चाटुकार लोग सावरकर जी पर बार-बार यह आरोप लगाते हैं कि उन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी थी , जबकि अब यह इतिहास के तथ्यों से प्रमाणित हो चुका है कि उन्होंने माफी नहीं मांगी थी बल्कि गांधी जी के कहने से अपने विरुद्ध आए आदेश के विरुद्ध अपील की थी जिसमें उनके […]

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इतिहास के पन्नों से

जब हिंदू वीरांगना के हाथों में बाल-बाल बचा था अकबर

हमारी हिंदू वीरांगनाओं ने अकबर जैसे क्रूर बादशाह के अनेकों अत्याचार झेले , परंतु उससे अपनी इज्जत का सौदा नहीं किया । यहां पर हम अपनी एक ऐसी ही वीरांगना बहन का उल्लेख कर रहे हैं आशा करते हैं कि आज की बेटियों को यह लेख अवश्य पढ़ना चाहिए । अकबर प्रति वर्ष दिल्ली में […]

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इतिहास के पन्नों से

स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्या कर रहे थे भारत के देसी नरेश ?

जब देश की आजादी का आंदोलन चल रहा था तो अक्सर राजाओं के बारे में यह प्रश्न हमारे मन मस्तिष्क में आता रहता है कि उस समय देशी राजाओं की स्थिति क्या थी ? वे देश के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग ले रहे थे या कहीं कुछ और कर रहे थे ? आज इसी तथ्य […]

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इतिहास के पन्नों से

आर्य हिंदू राजाओं का चारित्रिक आदर्श

भारत देश की महान वैदिक सभ्यता में नारी को पूजनीय होने के साथ साथ “माता” के पवित्र उद्बोधन से संबोधित किया गया हैं। मुस्लिम काल में भी आर्य हिन्दू राजाओं द्वारा प्रत्येक नारी को उसी प्रकार से सम्मान दिया जाता था जैसे कोई भी व्यक्ति अपनी माँ का सम्मान करता हैं। यह गौरव और मर्यादा […]

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स्वर्णिम इतिहास

संजय के पास नहीं थी कोई भी दिव्यदृष्टि , क्या कहती है महाभारत ?

महाभारत के बारे में जिस प्रकार अनेकों भ्रान्तियों को समाज में फैलाया गया है , उनमें से एक यह भी है कि संजय को वेदव्यासजी के द्वारा दिव्य दृष्टि प्राप्त हो गई थी । जिसके माध्यम से वह महाभारत के युद्ध का आंखों देखा हाल हस्तिनापुर के राजभवन में बैठा हुआ, धृतराष्ट्र को सुनाया करता […]

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स्वर्णिम इतिहास

जब औरंगजेब ने मथुरा का श्रीनाथ जी का मंदिर तोड़ा तो मेवाड़ नरेश राज सिंह ने सौ मस्जिदों को तुड़वा कर खत्म कर दिया था

जब औरंगजेब ने मथुरा का श्रीनाथ मंदिर तोड़ा तो मेवाड़ के नरेश राज सिंह 100 मस्जिद तुड़वा दिये थे। अपने पुत्र भीम सिंह को गुजरात भेजा, कहा ‘सब मस्जिद तोड़ दो तो भीम सिंह ने 300 मस्जिद तोड़ दी थी’।वीर दुर्गादास राठौड़ ने औरंगजेब की नाक में दम कर दिया था और महाराज अजीत सिंह […]

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इतिहास के पन्नों से

इतिहास का ठुकराया हुआ हीरा : वीर छत्रपति संभाजी महाराज

(14 मई को जन्मदिवस पर विशेष रूप से प्रचारित) डॉ विवेक आर्य वीर शिवाजी के पुत्र वीर शम्भा जी को अयोग्य आदि की संज्ञा देकर बदनाम करते हैं= जबकि सत्य ये है कि अगर वीर शम्भा जी कायर होते तो वे औरंगजेब की दासता स्वीकार कर इस्लाम ग्रहण कर लेते। वह न केवल अपने प्राणों […]

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स्वर्णिम इतिहास

देहत्याग के समय भीष्म के पास क्या अकेले पांडव और श्री कृष्ण जी ही उपस्थित थे ?

अभी टी0वी0 चैनल पर महाभारत धारावाहिक समाप्त हुआ है । जिसमें दिखाया गया है कि अंतिम समय में भीष्म पितामह के पास पांचों पांडव और श्रीकृष्ण जी गए थे । उनके अतिरिक्त वहाँ पर अन्य कोई व्यक्ति उपस्थित नहीं था । यहाँ पर प्रश्न यह खड़ा होता है कि भीष्म पितामह जैसे महामानव का जिस […]

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