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इतिहास के पन्नों से

महाभारत के कर्ण*–भाग-2

डॉ डी के गर्ग 5.कर्ण को सूर्य पुत्र क्यों कहा? माता कुंती ने करूड़ ऋषि के आश्रम में विद्या अध्ययन किया था। श्वेत मुनि भी अपने समय के एक महान ऋषि हुए हैं। जिन दोनों के संयोग से कर्ण पैदा हुआ था। सामाजिक लोक लिहाज के कारण कुंती ने कर्ण को गंगा नदी के मार्ग […]

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इतिहास के पन्नों से

अफगानिस्तान का हिंदू वैदिक अतीत भाग 2 – गांधार महाजनपद और रामराज्य

*मैक्समूलर* अपनी पुस्तक ‘हम भारत से क्या सीखें’ में लिखते हैं- यह निर्णीत हो चुका है कि हम सभी पूर्व से ही आए हैं। इतना ही नहीं हमारे जीवन की जितनी भी प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण बातें हैं, सबकी सब हमें पूर्व से ही मिली हैं। ऐसी स्थिति में जब भी हम पूर्व की ओर जाएँ […]

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इतिहास के पन्नों से

15 अप्रैल चंद्रगुप्त मौर्य जयंती पर विशेष- राष्ट्र निर्माता चंद्रगुप्त मौर्य का स्थान भारतीय इतिहास में सर्वश्रेष्ठ

-सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” चंद्रगुप्त मौर्य पहला शासक था, जिसने एक संगठित राज्य की नींव डाली। राष्ट्र निर्माता चंद्रगुप्त मौर्य का स्थान भारत के इतिहास में बहुत ऊंचा है। साधारण से परिवार में जन्म लेकर नेपोलियन की ही भांति चंद्रगुप्त भी अपने बाहुबल के पराक्रम से भारत का सम्राट बना। चंद्रगुप्त मौर्य को ठाठबाट तथा […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भीम मीम के अंतर्तत्व को समझें समाज बंधु 

प्रवीण गुगनानी, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में सलाहकार, राजभाषा 9425002270    डॉक्टर भीमराव रामजी अम्बेडकर यानि बाबा साहेब केवल किसी एक समुदाय या जाति विशेष में व्याप्त रूढ़ियों, कुरीतियों और बुराइयों हेतु ही चिंतित नहीं थे। बाबा साहेब। समूचे भारत के सभी वर्गों में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु प्रयासरत रहते थे। इस नाते ही […]

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इतिहास के पन्नों से देश विदेश

अफगानिस्तान का हिन्दू वैदिक अतीत भाग 1 – राजा ययाति के वंशज और अफगानिस्तान

आज भारतवर्ष में ही नहीं, संसार में भी जितनी भर भी जातियाँ और उनके गोत्र पाए जाते हैं, वह सभी गोत्र हमारे प्राचीन ऋषियों के नामों पर पड़े हैं। इस सत्य और तथ्य को यदि भारत के वैदिक इतिहास के दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह तथ्य पूर्णतः स्थापित और स्पष्ट हो जाएगा कि इस […]

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इतिहास के पन्नों से

महाभारत का कर्ण* –भाग-1

* डॉ डी के गर्ग इस लेख ने कुल तीन भाग है,कृपया शेयर करे पौराणिक कथाये: महाभारत के कर्ण को दानवीर कर्ण के नाम से विख्यात किया गया है। कर्ण (साहित्य-काल) महाभारत (महाकाव्य) के महानायक है। वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत कर्ण और पांडवों के जीवन पर केन्द्रित हैद्य कर्ण महाभारत के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारियों में से […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

……तो क्या इतिहास मिट जाने दें ? अध्याय 12 भारतीय हिंदू शुद्धि सभा के संस्थापक स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज

जब से मुसलमान भारत में आए तब से ही उन्होंने भारत के वैदिक धर्म को समाप्त करने का बीड़ा उठा लिया था। भारत पर उनके किए गए आक्रमण का उद्देश्य राजनीतिक न होकर धार्मिक अधिक था। काफिर लोगों को मिटाकर इस्लाम का परचम लहराना ही उनका प्रमुख उद्देश्य था। अपने इस उद्देश्य से प्रेरित होकर […]

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इतिहास के पन्नों से

तो क्या इतिहास मिट जाने दें, अध्याय 11 , हमारी सांझी विरासत और खालिस्तानी आंदोलन

इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारत की वैदिक हिंदू संस्कृति की रक्षा के लिए ही गुरु नानक जी ने नानक पंथ अर्थात सिक्ख मत की स्थापना की थी। उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया जो भारत की वैदिक संस्कृति और समाज को कष्ट देने वाला या […]

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इतिहास के पन्नों से

“अग्रणी” के संपादक नाथूराम गोडसे को न्याय कब मिलेगा ?

-इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार, महामंत्री,वीर सावरकर फाउंडेशन। —————————————————— नाथूराम गोडसे भारतीय इतिहास की एक अबूझ पहेली है। जिन्हें समझने का प्रयास नहीं किया गया है। इसका एक कारण यह भी है कि हमने गांधी को भी समझने का प्रयास नहीं किया है। यदि गांधी जी को सही ढंग से समझ लिया गया होता या आज […]

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इतिहास के पन्नों से

छत्रपति शिवाजी महाराज का राजा जय सिंह के नाम पत्र

पत्र जो बांह फडका दे ! वीरवर छत्रपति शिवाजी की पुण्य तिथि 4 अप्रैल पर शत शत नमन औरंगजेब छत्रपति शिवाजी महाराज से इतना आतंकित था कि शायस्ता खान और अफजल खान के असफल हो जाने के बाद उसने आगरे के महाराज जय सिंह जिनके नाम पर जयपुर बसा है को बरगलाकर तैयार कर लिया […]

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