हिन्दुत्व के विषय में उच्चतम न्यायालय ने ‘शास्त्री यज्ञपुरूष दास और अन्य विरूद्घ मूलदास भूरदास वैश्य और अन्य (1966एससीआर 242)’ में कहा है-‘‘जब हम हिंदू धर्म के विषय में सोचते हैं तो हमें हिंदू धर्म को परिभाषित करने में कठिनाई अनुभव होती है। विश्व के अन्य मजहबों के विपरीत हिंदू धर्म किसी एक दूत को […]
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महर्षि दयानन्द सरस्वती जी महाराज व्यक्ति के मौलिक अधिकारों के समर्थक और प्रतिपादक थे। इस सन्दर्भ में उनकी मान्यता थी कि राजधर्म अर्थात् राजनीति का नीति और धर्म पर आधारित होना आवश्यक है। क्योंकि नीति और धर्म आधारित राजनीति ही व्यक्ति को मौलिक अधिकार प्रदान करती है, उसका सर्वांगीण विकास करने में समर्थ होती है। […]
मनमोहन आर्य पराधीन भारत में एक गुजराती जन्मना व कर्मणा ब्राह्मण महर्षि दयानन्द सरस्वती द्वारा 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई के काकड़वाड़ी स्थान पर प्रथम आर्य समाज की स्थापना विगत 5,000 वर्षों में एक सर्वतोमहान क्रान्ति के सूत्रपात का ऐतिहासिक दिवस है। हमें देश में ऐसी कोई संस्था या आन्दोलन विगत 5,000 वर्षों में […]
जम्मू कश्मीर की बाहरवीं विधान सभा के चुनाव नतीजे २३ दिसम्बर को घोषित हो गये थे । यद्यपि चुनाव परिणामों में विभिन्न दलों को मिली सीटों से इतना अन्दाज़ा तो हो ही गया था कि सरकार उतनी आसानी से नहीं बनेगी जितनी आसानी से २३ दिसम्बर से पहले समझा जा रहा था । लेकिन इतनी […]
फ्रांस की राजधानी पेरिस में शार्ली हेब्दो नामक पत्रिका के कार्यालय पर फ़िदायीन के दो इस्लामी आतंकियों ने आक्रमण करके बारह लोगों को मौत के घाट उतार दिया । जिनमें वे चार पत्रकार भी थे , जो पत्रकार जगत में अपने चुटीले कार्टूनों के नाते जाने पहचाने जाते थे । आज से कुछ साल पहले […]
डॉ. मयंक चतुर्वेदी भारतीय पत्रकारिता की यात्रा जैसे-जैसे समय के साथ आगे बढ़ती जा रही है, इसे लेकर चहुंओर जन मानस की आम धारणाओं में निरंतरी अंतर देखने को मिल रहा है। इसके वाबजूद भी आज ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो इसे वर्तमान और भविष्य की दिशा तय करने वाला सशक्त माध्यम मानते […]
रज्जाक अहमद संत (शैतान) रामपाल का धर्म के नाम पर ऐसा घिनौना खेल सामने आया, कि उसे देखकर धर्म भी शर्मसार हो गया। वैसे इन दिनों स्वयंभू धर्म गुरूओं और बाबाओं का पूरे देश में ऐसा जाल फैला हुआ है कि साधारण आदमी वास्तविक संत और ठगिया शैतान के बीच परख नही कर पा रहा […]
पानी की बूंद की उत्पत्ति का रहस्य भी अजीब है | मैंने बहुत सोचा, परन्तु समझ न सका , कहाँ से आया और इसका क्या हश्र होगा? खैर ! बूंद, जिसकी शायद नियति ही थी उसकी उत्पत्ति का कारण| बूंद तो अपने आप में मग्न थी क्योंकि वह अपने आप को बादल का एक सदस्य […]
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उत्तरी भारत में देव सोने और उठने की बात सुनने में आती है। इस देव सोने और उठने का एक निश्चित काल है-आषाढ़ माह की ‘भदौरिया नवमी’ को देव सोते हैं और कार्तिक में ‘देवोत्थानी एकादशी’ के दिन देव उठते हैं। देव सोने और जागने की यह परंपरा भारत में युगों पुरानी है। देव सोने […]