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कलाम से प्रेम याकूब से घृणा – भारत के दो रूप

प्रवीण गुगनानी गत सप्ताह की दो घटनाओं से भारत के दो सशक्त रूप देखनें को मिले। एक घटना घृणा, विद्रूपता के रूप में आई तो दूसरी में सम्पूर्ण भारत सृजन, निष्ठा और प्रेम को वंदन करता दिखा। इन दो घटनाओं को संयोग कतई नहीं कहा जा सकता, क्योंकि एक घटना में भारत के प्रिय पुत्र, […]

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लोकल कलाकारों के लुटने का मौसम आया

सुरेश कुमार जो हमारी संस्कृति को सहेजते हैं उन्हें हम कितना सम्मान देते हैं, कितना सस्ता समझते हैं और जो सिर्फ सीडी सुनाकर चलते बनते हैं, उनके लिए पलक पांवड़े बिछाते हैं। हैं तो ये भी कलाकार ही, फिर ये अपने ही घर में घर की मुर्गी दाल बराबर क्यों समझे जाते हैंज्समाचारों में ही […]

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कसौटी पर पंथनिरपेक्षता

कुलदीप नैयर यह भी कि देश के विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी पहचान को जाति और पंथ के दायरे तक सीमित कर लिया है। जनता को उदारवादी संगठनों एवं राजनेताओं के जरिए दृढ़ता के साथ कहना होगा कि देश में जाति या पंथ के नाम पर नफरत न फैलाई जाए। अगर देश ऐसा करने में […]

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त्रिकालदर्शी हमारा प्राण प्रिय ईश्वर

मनमोहन सिंह आर्य हम अल्पज्ञ जीवात्मा हैं इस कारण हमारा ज्ञान अल्प होता है। ईश्वर जिसने इस सृष्टि को बनाया व इसका संचालन कर रहा हैए वह हमारी तरह अल्पज्ञ नहीं अपितु सर्वज्ञ है। सर्वज्ञ का अर्थ होता है कि जिसे सब प्रकार का पूर्ण ज्ञान हो। जो अतीत के बारे में भी जानता हो […]

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देश को क्यों बांट रहा है मीडिया

संजय द्विवेदी काफी समय हुआ पटना में एक आयोजन में माओवाद पर बोलने का प्रसंग था। मैंने अपना वक्तव्य पूरा किया तो प्रश्नों का समय आया। राज्य के बहुत वरिष्ठ नेता, उस समय विधान परिषद के सभापति रहे स्व.श्री ताराकांत झा भी उस सभा में थे, उन्होंने मुझे जैसे बहुत कम आयु और अनुभव में […]

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जन-गण-मन मंगलदायक जय हे

नीलाक्ष विक्रम राष्ट्रगान के एक शब्द अधिनायक को लेकर नई बहस शुरू है। बहस और अदालती मामले पहले भी सुर्खियां बने हैं। इस बार राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठे दो लोगों में इस मुद्दे पर मतभिन्नता है। अधिनायक शब्द हटाने या न हटाने को लेकर राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह और त्रिपुरा के राज्यपाल […]

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कलाम ऐसे बने थे राष्ट्रपति

मे. वीरसिंह आर्य जिस समय कलाम देश के राष्ट्रपति थे उस समय मुझे उनके गृह जनपद स्थित उनके अपने घर को देखने का और उनके बड़े भाई से मिलने का अवसर मिला था। वह लम्हा मेरी जिंदगी का यादगार लम्हा साबित हुआ। आज भी मुझे जब उनके भाई के द्वारा बताये गये कुछ संस्मरण याद […]

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शिक्षा अधिकार कानून के पांच साल

जावेद अनीस इस अप्रेल में शिक्षा अधिकार कानून लागू हुए पांच साल पूरे हो चुके हैं, एक अप्रैल 2010 को शिक्षा का अधिकार कानून 2009 पूरे देश में लागू किया गया था इसी के साथ ही भारत उन  देशों  की जमात में शामिल हो गया था जो अपने देश  के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा  उपलब्ध […]

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अमरीका और ईरान के बीच हुए समझौेते के अर्थ

एस. निहाल सिंह अमेरिका के नेतृत्व में विश्व की छह बड़ी ताकतों और ईरान के बीच हुआ ऐतिहासिक परमाणु समझौता एक युगांतर घटना है, जिसकी वजह से मध्य-पूर्व एशिया की बड़ी शक्तियों के आपसी रिश्तों के समीकरण में बदलाव आने के अलावा ईरान एवं अमेरिका के बीच ीरे-ीरे फिर से दोस्ती कायम होने का मार्ग […]

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बात का धनी नहीं है पाकिस्तान

सुरेश हिन्दुस्थानीभारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से किए वादे से पाकिस्तान एक बार फिर पलट गया है, इससे पाकिस्तान के आतंकवाद के रवैये के बारे में यह साफ प्रमाणित होता है कि पाकिस्तान हमेशा आतंकवादियों के हित के लिए ही काम करता है। इस बात से यह भी भारत सहित अन्य देशों को यह भी समझ […]

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