मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…….मुसलमानों के लिए कुरबानी के नियम दो प्रकार के हैं। एक तो वे जो अल्लाह के आदेशानुसार चले आ रहे हैं और दूसरे वे, जो बाह्य दुनिया से संबंधित है। कुरबानी के नियम मुसलिमों के खान पान से भी जुडे हुए हैं। कुरबानी का आंतरिक अर्थ तो यही है कि हम अपना […]
श्रेणी: इसलाम और शाकाहार
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…….जब उनका पहला पुत्र जनमा उस समय वे सीरिया और पेलेस्टाइन के फलद्रुप क्षेत्र में थे। इस पुत्र का नाम इस्माइल रखा गया था। इस नाम को सुनकर ही चेहरे पर मुसकराहट आ जाती है। क्योंकि अल्लाह ने इब्राहीम की प्रार्थना को सुन लिया था। इस्माइल का जन्म उनकी नौकरानी हाजरा से […]
मुजफ्फर हुसैनपिछले अध्याय में यह बात स्पष्टï की जा चुकी है कि हजरत इब्राहीम मध्य एशिया से निकले हुए तीनों धर्म यहूदियत, ईसाइयत और इसलाम के पितामह हैं। वे तीनों के आदर्श हैं। मुसलिम जिन्हें इब्राहीम कहते हैं, यहूदी और ईसाई उनका उच्चारण अब्राहम करते हैं। हजरते ईसा अब्राहम के पुत्र आहजिक (इसहाक) वंशज हैं, […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…शेड में स्वचलित परदे लगाए गये हैं। जिधर धूप होती है, परदे उसी दिशा में तन जाते हैं। धूप के न आने से इन गायों को बड़ी राहत मिलती है। इस शेड के बाहर औसतन 46 डिग्री सेल्सियस गरमी होती है। 800 मीटर लंबे शेड में दर्जनों डेजर्ट कूलर लगे हुए हैं। […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…जिस कृत्य से अपने पड़ोसी का दिल दुखता हो और जिस वस्तु के खाने से अपने साथ रहने वाले के मन में खटास पैदा होती है, उसे इसलाम ने वर्जित किया है। इसलिए आम धारणा यही रही कि सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए भारत गौ-वध पर प्रतिबंध अनिवार्य है। भिन्न भिन्न […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…गाय के वध के मामले में इस प्रकार के अनेक फतवे समय समय पर आए हैं, जिनमें गाय के मांस को वर्जित घोषित किया है। परिस्थितिवश न तो उसे काटा जाए और न ही उसके मांस का भक्षण किया जाए। भारत में देवबंद, बरेलवी, फुलेरी शरीफ, लखनऊ और हैदराबाद जैसे अनेक दारूल […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…पवित्र कुरान कहता है-किसी छोटी चिड़िया को भी सताओगे तो उसका जवाब भी तुम्हें देना होगा। जो कोई छोटे जीव पर दया करेगा, अल्लाह उसका बदला भी तुम्हें दुनिया में और दुनिया के बाद आखिरत में देने वाला है।इसलाम ने जिन पशुओं के मांस को खाने में हलाल घोषित किया है, उनमें […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे…28 वर्ष की आयु में बगदाद की विख्यात इसलामी अकादमी अलगजाली के नेतृत्व में स्थापित की गयी। उनकी प्रसिद्घ पुस्तक ‘अहयाउल दीन’ (रिवाइवल ऑफ रिलीजियस साइंस) अत्यंत सम्मानित और विश्वसनीय पुस्तक मानी जाती है। उक्त पुस्तक के दूसरे भाग के पृष्ठ 23 पर 17 से 19 पंक्ति के बीच अपने ऐतिहासिक कथन […]
मुजफ्फर हुसैनगतांक से आगे….उन्होंने कहा कि आप ईश्वर से हमारे लिए प्रार्थना करो कि वह कैसी हो? सामान्य गाय जैसी हो। हमें मालुम पड़ जाने पर हम सही गाय को ढूंढ सकेंगे? गाय ऐसी हो जो हल चलाने के काम न आ सके, खेत में काम नही कर रही हो, वह पूर्ण हो यानी समस्त […]
मुजफ्फर हुसैनपवित्र कुरान में एक भी ऐसा अध्याय (सूरा) नही है, जिसमें गाय अथवा बैल को मारने के संबंध में आदेश दिये गये हों। बल्कि ऐसे आदेश और ऐसा परामर्श अनेक स्थानों पर दिया गया है कि इनसानों को क्या खाना चाहिए। उनके खान पान में किन वस्तुओं का समावेश होना चाहिए। हमारी खाने पीने […]