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धर्म-अध्यात्म

प्रयाग राज के द्वादश माधव मन्दिर

आचार्य डॉ. राधे श्याम द्विवेदी आध्यात्मिक पृष्ठभूमि:- भगवान श्रीकृष्ण, हिंदू धर्म के प्रमुख भगवानों में से एक हैं. वे विष्णु के 8वें अवतार माने गए हैं. कन्हैया, श्याम, माधव, गोपाल, केशव, द्वारकाधीश, वासुदेव कई नामों से उनको जाना जाता है. भगवान कृष्ण का जन्म द्वापरयुग में हुआ था. महर्षि वेदव्यास की रचित श्रीमद्भागवत और महाभारत […]

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अंत:करण चतुष्टय और बाह्यकरण किसे कहते हैं

तन्मात्रा किसे कहते हैं? अंतःकरण चतुष्टय अथवा कितने होते हैं? बाहृय करण क्या होते हैं? प्रकृति के तीन तत्व( पदार्थ, द्रव्य, चीज, वस्तु) सत ,रजस तमस होते हैं। प्रकृति से इन तत्वों को लेकर परमात्मा ने सर्वप्रथम महतत्व अर्थात बुद्धि का निर्माण किया। दूसरे नंबर पर अहंकार को बनाया। तीसरे नंबर पर पांच ज्ञानेंद्रियां ,पांच […]

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वैदिक धर्म की वैज्ञानिक मान्यताएं

🌷वैदिक धर्म की विशेषताएं 🌷 (१ ) वैदिक धर्म संसार के सभी मतों और सम्प्रदायों का उसी प्रकार आधार है जिस प्रकार संसार की सभी भाषाओं का आधार संस्कृत भाषा है जो सृष्टि के प्रारम्भ से अर्थात् १,९६,०८,५३,१२१ वर्ष से अभी तक अस्तित्व में है।संसार भर के अन्य मत,पन्थ किसी पीर-पैगम्बर,मसीहागुरु,महात्मा आदि द्वारा चलाये गये […]

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समग्र श्रेष्ठता का द्योतक “पण्डित”

सृष्टि काल से भारत शिक्षा, संस्कृति, संस्कार साधन का साधक रहा है और उक्त ज्ञान विज्ञान को संसार को देकर कृण्वन्तोविश्वार्यम् को चरितार्थ किया है। यह कार्य आदि ऋषि ब्रह्मा से लेकर गौतम ,कपिल, कणाद ,विश्वामित्र ,भृगु वेदव्यास ,गार्गी, सुलभा, मदाल्सा, मैत्रेयी, अनुसूया ,श्रुतावती, शिवा, द्रोपदी, उत्तरा, भोज पत्नी विद्यावती, महर्षि वेदव्यास, जैमिनी पर्यंत को […]

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स्वामी दयानंद किसी की निंदा या आलोचना नहीं अपितु सत्य का मंडन और असत्य का खंडन करते थे

स्वामी दयानंद जी महाराज द्वारा रचित अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश का सबसे अधिक प्रचार आर्यसमाज से सम्बन्ध रखने वाले सदस्यों की अपेक्षा आर्यसमाज से सम्बन्ध न रखने वाले जनमानस ने अधिक किया हैं चाहे वह सनातन धर्म,सिख ,कबीर पंथी,जैन, बौद्ध,सिख, ईसाई, इस्लाम आदि किसी भी मत से क्यूँ न सम्बंधित हो। सत्यार्थ प्रकाश के खंडन […]

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सत्यार्थप्रकाश से पाँच प्रकार की परीक्षा

** परीक्षा पाँच प्रकार से होती है | १) जो जो ईश्वर के गुण, कर्म, स्वभाव और वेदों से अनुकूल हो, वह सत्य और जो उससे विरुद्ध है, वह असत्य है | २) जो जो सृष्टिक्रम के अनुकूल है, वह सत्य है और जो सृष्टिक्रम से विरुद्ध है, वह सब असत्य है | जैसे कोई […]

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श्रद्धा से किए हुए यज्ञादि कार्य शिव, श्रद्धा रहित होकर किए गए कार्य शव बन जाते हैं”

” वैदिक विदुषी साध्वी प्रज्ञा लेखक आर्य सागर खारी ✍ वैदिक संस्कृति संस्कारों को समर्पित आपकी अपनी संस्था चिम्मन आर्य आर्षवेद गुरूकुल मुरसदपुर ग्रेटर नोएडा में आज पांच दिवसीय सामवेद पारायण महायज्ञ का विधिवत् शुभारंभ हो गया है।पुष्पों ओम ध्वज पताका से सुसज्जित गुरुकुल की परम्परागत यज्ञशाला में यह यज्ञ किया जा रहा है। यज्ञ […]

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महायज्ञ एवं महाव्रत अनुष्ठान”

” * 1- *” यज्ञरूप प्रभु से प्रेरणा – ईश्वर की असीम अनुकम्पा से महर्षि दयानन्द सरस्वती जी महाराज की 200 वीं जन्मशता ब्दी एवं आर्य समाज मंदिर, मुरार, ग्वालियर के 95 वे स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में *” सामवेद पारायण महायज्ञ एवं भव्य शोभायात्रा” का समायोजन ” दिनांक- 9,10,11,12 दिसम्बर,2023 में प्रातः- 9 से […]

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आओ कुछ जाने धर्म-अध्यात्म

आओ जाने क्या है यज्ञ की महिमा

।।🔥यज्ञ🔥 ।। यज्ञ भगवान का स्वरूप है , यज्ञों के द्वारा ही समस्त मनोकामनाँए पूर्ण होती हैं ‘ ऋणानि त्रीण्यपाकृत ‘ तीन प्रकार के ऋणों मे ‘ देवऋण ‘ से मुक्त होने के लिये तैत्तिरीय उपनिषद स्पष्ट कहता है कि यज्ञों के द्वारा ही ‘ देवऋण ‘ से मुक्ति मिल सकती है । मत्स्यपुराण ( […]

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धर्म-अध्यात्म

वेदों में विश्व शांति के सूत्र

विश्वशान्ति केवल वेद द्वारा सम्भव वेद के कुछ मन्त्रों की दिव्य भावनाएं :- अज्येष्ठासो अकनिष्ठास एते सं भ्रातरो वावृधुः सौभाय । (ऋग्वेद ५/६०/५) ईश्वर कहता है कि हे संसार के लोगों ! न तो तुममें कोई बड़ा है और न छोटा । तुम सब भाई-भाई हो । सौभाग्य की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ो । […]

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