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आओ कुछ जाने देश विदेश संपादकीय स्वर्णिम इतिहास

क्या है ‘गणराज्य’ या गणतंत्र?

संविधान के अधीन सभी प्राधिकारों का स्त्रोत भारत के लोग हैं। भारत एक स्वाधीन राज्य है और अब वह किसी बाहरी प्राधिकारी के प्रति निष्ठावान नहीं है। हमारे देश का राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा निर्वाचित राष्ट्रपति है। अब इस पद सहित किसी भी पद पर भारत के नागरिक की नियुक्ति होना संभव है। […]

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सीरिया में शक्ति का निर्मम प्रदर्शन

एस. निहाल सिंह सीरिया में चार साल से चले आ रहे गृहयुद्ध में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दखल की कई तात्कालिक वजहें हैं। रूस ने पहली बार हवाई जहाजों और क्रूज मिसाइलों के जरिये आतंकियों के ठिकानों पर हमले किये हैं। इस हस्तक्षेप की एक वजह यह है कि इस देश की किस्मत को […]

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विदेशों में निरंतर बढ़ रही है भारत की धाक

सुरेश हिंदुस्थानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजीटल इंडिया का सपना अब साकार रूप में परिणत होता दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री जब किसी विदेश यात्रा पर जाते हैं, तब उनके कार्यक्रमों में जो झलक प्रादुर्भित होती है, उसके मूल में भारत का डिजीटल स्वरूप दिखाई देता है। आज सारा विश्व इस बात को लेकर चकित […]

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नेपाल की धर्मनिरपेक्षता पर सवालिया निशान

विश्व का एक मात्र हिन्दू राष्ट्र नेपाल अब धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य  हो गया है.तकरीबन सात साल के जद्दोजहद के बाद नेपाल में भी राजतंत्र के  पतन के बाद गणतंत्र का उदय हुआ है.239 साल पुराना राजवंश 2008 में खत्म कर दिया गया था.तब से ही नेपाल को इस दिन का बेसब्री से इंतजार था.नए संविधान […]

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सार्थक संबंधों की धूमिल होती आस

कुलदीप नैयर मौजूदा दौर से दोनों देशों के रिश्तों को कौन सी दिशा मिलेगी? यह काफी हद तक डीजीएमओ और सैन्यबलों के शीर्ष अधिकारियों के बीच सीमा पर होने वाली बैठक के परिणामों पर निर्भर करेगा। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज का भी कहना है कि एनएसए स्तर की बैठक रद्द होने के […]

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क्या संयुक्त संस्थान को आरक्षण को समाप्त करवाने का ठेका मिला है?

डॉ. पुरुषोत्तम मीणा दो दशक पहले सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे से अनेकानेक असंवैधानिक और मनमाने फैंसले जारी हुए। जिनके कारण अजा एवं अजजा के आरक्षण को मृतप्राय कर दिया गया था। हमने अजा/अजजा संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ के बैनर पर देशभर में जनान्दोलन करके, संसद और सु्प्रीम कोर्ट का घेराव करके अधिकांश फैसलों को […]

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फिर नाकाम साबित हुए नवाज

पाकिस्तान ने एक बार फिर सच से मुंह चुराने का ही रास्ता चुना। भारत की धरती पर अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने के अकाट्य सबूतों से घबराये पाकिस्तान ने आखिरकार दोनों देशों के बीच होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत से ही किनारा कर लिया। यह अप्रत्याशित नहीं था, लेकिन इससे पाकिस्तान […]

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एनएसए वार्ता की नाकामी से पाक के लिए सबक

भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक रद्द होना निराशाजनक है। पिछले वर्ष अगस्त के ही महीने में प्रस्तावित विदेश सचिव स्तर की बातचीत के नहीं हो पाने के बाद से दोनों देशों के बीच ठोस संवाद की यह पहली कोशिश थी। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने भारत पर वार्ता […]

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वियना समझौते की चुनौतियां और उसके सही अर्थ

अंकुर विजयवर्गीय यदि हम ईरान और अयातुल्ला खुमैनी को जानते हैं, यदि हम रूस, चीन और मध्य-पूर्व एशिया के देशों से ईरान के गहरे रिश्तों को जानते हैं, और यदि हम अमेरिका और यूरोपीय संघ के नेतृत्वकर्ता देशों को जानते हैं, तो यह कहने में हमें कोई हिचक नहीं होगी कि 18 दिनों की लंबी […]

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कहां बसती है पाक की जान

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री मध्य एशिया में अपने प्रयोग की असफलता को भांप कर ही पाकिस्तान ने चीन के साथ अपने रिश्ते बढ़ाने शुरू किए। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने भारतीय गिलगित का एक हिस्सा भी चीन के हवाले कर दिया, ताकि चीन पुराने रेशम मार्ग को जिंदा कर सके और बदली परिस्थितियों में भारत […]

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