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भारतीय संस्कृति

माता हमारे पिता के सपनों के अनुसार ही हमारी निर्माता है

(‘उगता भारत’ के प्रेरणास्रोत पूज्य महाशय राजेन्द्र सिंह आर्य जी की 103वीं जयंती 5 अक्टूबर 2014 और पूज्या श्रीमती सत्यवती आर्या जी की 89वीं जयंती 8 अक्टूबर 2014 के अवसर पर, विशेष रूप से तैयार यह आलेख आज के समाज में माता पिता के प्रति हमारे दृष्टिकोण में आ रहे परिवर्तन को ठीक करने में […]

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भारतीय संस्कृति

ईश्वर की अराधना करें न की मृत्यु को प्राप्त मनुष्यों की

डॉ संतोष राय वरिष्ठ नेता – हिन्दू महासभा चूँकि सनातन वैदिक धर्म इस संसार का आदि धर्म है और यह भी मान्यता है की जब से सृष्टि का सृजन हुआ है तभी से सनातन धर्म है । सनातन धर्म का न तो कोई आदि है और न ही कोई अंत । भारतवर्ष एक महान राष्ट्र […]

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राम कथा का गायक- तुलसीदास

डा. इन्द्रा देवीतुलसीदास हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय कवि हैं। उनका अमर महाकाव्य रामचरित मानस भारतीय साहित्य ही नही अपितु विश्व साहित्य की सर्वोत्तम रचनाओं में से एक है। तुलसी हिन्दू धर्म के अत्यन्त प्रिय कवि है विद्वानों से लेकर साधारण जन तक में उनका प्रचार और महत्व है। वे पांडित्य, कवित्व, सामाजिक चेतना और अपनी […]

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गाय की महिमा : गौ-अमृत है एक रासायनिक तत्व-भाग दो

गतांक से आगे…..श्री रामेश्वरलाल माहेश्वरी ने बताया कि-आहार से जो पोषक तत्व कम मात्रा में प्राप्त होते हैं, उनकी पूर्ति गौ-अमृत में विद्यमान तत्वों से होकर स्वास्थ्य लाभ होता है। गौ-अमृत से किसी भी प्रकार के कीटाणु नष्ट करने की अपार शक्ति है। इससे कीटाणु से संबंधित सभी बीमारियां नष्ट हो जाती हैं। गौ अमृत […]

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सृष्टि और आध्यात्मिक ज्ञान-विज्ञान का मूल है:वेद

मनमोहन कुमार आर्य इससे पूर्व कि सृष्टि और आध्यात्मिक विज्ञान की चर्चा की जाये, संक्षेप में यह जानना आवष्यक है कि वेद क्या हैं? वेद एक शब्द है जिसका अर्थ जानना व ज्ञान होता है। संसार में वेद नाम की अन्य कोई पुस्तक नहीं है जिसका कि कोई इतिहास न हो अर्थात् वेद-नामेतर सभी पुस्तकों […]

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डा० श्यामाप्रसाद मुखर्जी की विरासत और नई सरकार

१९५२ में भारतीय जनसंघ का गठन करते समय डा० श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने एक वैक्लपिक वैचारिक राजनीति के लिये प्रयास किया था । पंडित नेहरु ने अपने राजनैतिक स्वार्थों के लिये देश विभाजन स्वीकार कर लेने के बाद भी उन्हीं नीतियों को जारी रखने की क़सम खाई हुई थी , जिनके चलते भारत विखंडित हुआ था […]

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विवेकानंद और उनका हिन्दुत्व-दर्शन

गतांक से आगे……धर्म महासभा की महिला समिति की अध्यक्षा श्रीमती पाटर पॉमर ने इस भाषण का आयोजन जैक्सन स्ट्रीट शिकागो के महिला भवन में किया था। स्फुट विचारों का अवलोकन करें-किसी भी राष्ट्र की प्रगति का सर्वोत्तम थर्मामीटर है, वहां की महिलाओं के साथ होने वाला व्यवहार।भारत में स्त्री जीवन के आदर्श का आरंभ और […]

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भारतीय संस्‍कृति को पतन की ओर ले जाता मीडिया

राजेश दूबे १९९५-१९९६ में वैश्वीकरण ने अपने पाव भारत में फैलाना आरम्भ किया इसके साथ ही भेड़ बकरियो की तरह समाचार चैनल बाजार में दिखने लगे क्योकि पुरे विश्व को भारत एक उभरते हुए बाजार के रूप में दिखाई दे रहा था और इस बाजार को आम जनमानस तक पहुँचाने के लिए प्रचार प्रसार की […]

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वीर बालक वीर हकीकत को देश ने क्‍यों भुला दिया

भारत मां के गगनांचल रूपी आंचल में ऐसे-ऐसे नक्षत्र उद्दीप्‍त हुये है जो न केवल भारत भूमि को बल्कि संपूर्ण विश्‍व भू मण्‍डल को अपने प्रकाश पुंजों से आलोकित किया है।

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भारतीय संस्कृति

आशीर्वाद पिताश्री का

एक बार एक युवक अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने वाला था। उसकी बहुत दिनों से एक शोरूम में रखी स्पोर्टस कार लेने की इच्छा थी। उसने अपने पिता से कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने पर उपहारस्वरूप वह कार लेने की बात कही क्योंकि वह जानता था कि उसके पिता उसकी इच्छा पूरी करने में […]

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