प्रेमप्रकाश शास्त्री (स्नातक गुरुकुल प्रभात आश्रम मेरठ ) जहां एक ओर राष्ट्र शब्द की उत्पत्ति राजृ दीप्तौ धातु और ष्ट्रन् प्रत्यय के योग से निष्पन्न होती है वहीं दूसरी ओर राष्ट्र में तद्धित शब्द और ईय प्रत्यय के जुड़ने से राष्ट्रीय शब्द बनता है । राष्ट्र […]
श्रेणी: भारतीय संस्कृति
🌼🍀🍁🍀🍁🍀🌼 🚩‼️ओ३म्‼️🚩 आप सबको मर्यादा 🔆 पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव ( श्रीराम नवमी) की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। . यदि किसी मनुष्य को धर्म का साक्षात् स्वरुप देखना हो तो उसे वाल्मीकि रामायण का अध्ययन करना चाहिये। श्री राम का चरित्र वस्तुतः आदर्श धर्मात्मा का जीवन चरित्र है। महर्षि दयानन्द ने आर्यसमाज की स्थापना करके […]
पं. लीलापत शर्मा – विभूति फीचर्स विश्व कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कहा है- ‘पवित्र नारी सृष्टि की सर्र्वोत्तम कृति है। सृष्टि में वात्सल्य, स्नेह, प्रेम की अमृत धाराएं नारी हृदय से निकलकर इस संसार को अमृत दान कर रही हैं’ कवि रस्किन ने कहा है- ‘माता का हृदय एक स्नेह पूर्ण निर्झर है, जो सृष्टि […]
!! ॐ !! चैत्र मास ही हमारा प्रथम मास होता है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष को नववर्ष मानते हैं। फाल्गुन मास हमारा अंतिम मास है। हमारे समस्त वैदिक मास ( महीने ) का नाम 28 में से 12 नक्षत्रों के नामों पर रखे गये हैं। जिस मास की पूर्णिमा को चन्द्रमा जिस नक्षत्र पर […]
(ऐसे कुछ साथियों के विशेष आग्रह पर पुनः प्रसारित जो इस लेख को ईश्वर के नाम, रूपों को विशेष रूप से संग्रह करना चाहते हैं पूर्व प्रसारित किए गए लेख में कुछ संशोधन के साथ इसलिए प्रेषित किया जाता है) 10 अप्रैल 2024 की प्रातः कालीन बेला यथायोग्य आदर व सम्मान के साथ अभिवादन करते […]
आप व आपके परिवार को वैदिक नववर्ष, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2081 अर्थात् 9 अप्रैल 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं! प्राता रत्नं प्रातरित्वा दधाति तं चिकित्वान्प्रतिगृह्या नि धत्ते। तेन प्रजां वर्धयमान आयू रायस्पोषेण सचते सुवीर:।। -ऋ० १/१२५/१ Bhavarth:- The learned hero who is in the habit of getting up early in the morning, enjoys and […]
डॉ. वन्दना सेन अंगे्रजी नव वर्ष के बढ़ते प्रभाव के बीच राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर भारतीय नागरिकों को सचेत करते हुए लिखते हैं कि ये नव वर्ष हमें स्वीकार नहीं, है अपना ये त्यौहार नहीं, है अपनी ये तो रीत नहीं, है अपना ये त्यौहार नहीं। इन पंक्तियों का आशय पूरी तरह से स्पष्ट […]
भारत में हिंदू सनातन संस्कृति के अनुसार नए वर्ष का प्रारम्भ वर्षप्रतिपदा के दिन होता है। वर्षप्रतिपदा की तिथि निर्धारित करने के पीछे कई वैज्ञानिक तथ्य छिपे हुए हैं। ब्रह्मपुराण पर आधारित ग्रन्थ ‘कथा कल्पतरु’ में कहा गया है कि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम दिन सूर्योदय के समय ब्रह्मा जी ने सृष्टि […]
शंका:- जब ईश्वर पाप को क्षमा नहीं करता तो फिर ये स्तुति व प्रार्थना किस एतबार से ईश्वर करवा रहा है अपने भक्त से क्या ईश्वर भक्तों को भ्रम में रखना चाहता है ? समाधान:- सर्वप्रथम आपने जो अर्थ दिया है इसे पूरा कर लेते हैं ताकि समझने में सरलता हो। अव नो वृजिना शिशीह्यृचा […]
* भारत हमारी पवित्र भूमि है। यहां तक कि देवताओं ने भी इसकी प्रशंसा करते हुए इस प्रकार गीत गाए हैं: “गायन्ति देवाः किल गीतकानि, धन्यास्तु ते भारतभूमिभागे। स्वर्गापवर्गास्पदमार्गभूते, भवन्ति भूयः पुरुषाः सुरत्वात्।।” -(विष्णुपुराण- 2/3/24) “स्वर्ग में भी देवगण निरंतर यही गान करते हैं कि जिसने भारतवर्ष में जन्म लिया है, वे पुरुष हम देवताओं […]