Categories
आज का चिंतन

जीवन की सफलता वेदों के स्वाध्याय सद व्यवहार और आचरण में है

ओ३म् =================== हम मनुष्य इस कारण से हैं कि हम अपने मन व बुद्धि से चिन्तन व मनन कर सत्यासत्य का निर्णय करने सहित सत्य का ग्रहण एवं असत्य का त्याग करते हैं। यह कार्य पशु व पक्षी योनि के जीवात्मा नहीं कर सकते। इसका कारण यह है कि पशु व पक्षियों आदि के पास […]

Categories
आज का चिंतन

क्या इस जन्म से पहले हमारा अस्तित्व था और मृत्यु के बाद भी बना रहेगा ?

ओ३म् =============== हम कौन हैं? इस प्रश्न पर जब हम विचार करते हैं तो इसका उत्तर हमें वेद एवं वैदिक साहित्य में ही मिलता है जो ज्ञान से पूर्ण, तर्क एवं युक्तिसंगत तथा सत्य है। उत्तर है कि हम मनुष्य शरीर में एक जीवात्मा के रूप में विद्यमान हैं। हमारा शरीर हमारी आत्मा का साधन […]

Categories
आज का चिंतन

परमात्मा की उपासना से मनुष्य को क्या लाभ प्राप्त होता है?

ओ३म् ============= मनुष्य कोई भी काम करता है तो वह उसमें प्रायः अपनी हानि व लाभ को अवश्य देखता है। यदि किसी काम में उसे लाभ नहीं दिखता तो वह उसे करना उचित नहीं समझता। ईश्वर की उपासना भी इस कारण से ही नहीं की जाती कि लोगों को ईश्वर का सत्यस्वरूप व उपासना से […]

Categories
आज का चिंतन

परमात्मा ने यह चित्र विचित्र संसार किसके लिए बनाया है ?

ओ३म् =========== हम मनुष्य हैं। परमात्मा ने हमें जन्म दिया है और हमें संसार का ज्ञान कराने के लिये पांच ज्ञान इन्द्रियां भी दी हैं जिनमें से एक नेत्र इन्द्रिय है। नेत्र से हम इस संसार को देखते हैं। यह संसार अनेक प्रकार के चित्र-विचित्रों से युक्त है। ऐसे ऐसे भव्य एवं सुन्दर चित्र संसार […]

Categories
आज का चिंतन

वर्तमान समय में वेद और वेदेतर मत पंचों की प्रासंगिकता

ओ३म् =========== महाभारत काल के बाद संसार में अनेक ज्ञानी व अल्पज्ञानी मनुष्य हुए जिन्होंने समय समय पर देश, काल, परिस्थिति एवं अपनी योग्यतानुसार अनेक मतों का प्रचलन किया। समय के साथ उनके द्वारा चलाये गये मत पल्लवित व पोषित होते रहे और आज अनेक अवैदिक मतों का संसार पर प्रभाव व प्रधानता है। महाभारतकाल […]

Categories
आज का चिंतन

हमें अपना जीवन व सुख दुख सृष्टिकर्ता ईश्वर से ही मिलते हैं

ओ३म् =========== हम मनुष्य कहलाते हैं। हमारा जन्म हमारे माता-पिता की देन होता है। माता-पिता को हमें जन्म देने व पालन करने में अनेक कष्ट उठाने पड़ते हैं। यदि हमारे माता-पिता यह सब न करते तो हमारा न जन्म होता और यदि जन्म होता भी तो हम स्वस्थ, बुद्धिमान व ज्ञानवान न बनते। हमारे माता-पिता […]

Categories
आज का चिंतन

जीवात्मा के जन्म मरण का न कोई आदि है न अंत

ओ३म् =========== मनुष्य संसार में जन्म लेता है, कर्म करता है, शैशव, बाल, किशोर, युवा, प्रौढ़ तथा वृद्धावस्थाओं को प्राप्त होता है और इसके बाद किसी रोग व अन्य किसी साधारण कारण से ही मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। हमारी स्मरण शक्ति हमारे इसी जन्म की कुछ प्रमुख घटनाओं को स्मरण करने में समर्थ […]

Categories
आज का चिंतन

स्वाध्याय और साधना से आत्मा की उन्नति और शारीरिक सुख का लाभ होता है

ओ३म् ============ परमात्मा ने जीवात्मा के कर्मों के अनुसार अनेकानेक योनियां बनाई हैं। मनुष्य योनि सभी प्राणि योनियों में सर्वश्रेष्ठ है। यही एक योनि है जिसमें मनुष्य आत्मा की उन्नति कर ईश्वर को जान व उसका साक्षात्कार करके अपवर्ग वा मोक्ष को प्राप्त हो सकता है। मनुष्य के जन्म का कारण उसके पूर्वजन्म के कर्म […]

Categories
आज का चिंतन

मनुष्य को वेद अध्ययन करने के साथ-साथ सदाचारी और ईश्वर का उपासक होना चाहिए

ओ३म् ============ मनुष्य को परमात्मा ने बुद्धि दी है जिससे वह ज्ञान को प्राप्त होता है तथा सत्यासत्य का निर्णय करता है। मनुष्य को ज्ञान को प्राप्त करने जैसी बुद्धि प्राप्त है वैसी अन्य प्राणियों को नहीं है। अन्य प्राणियों की तुलना में मनुष्य की विशेषता अपनी बुद्धि के कारण ही होती है। जो मनुष्य […]

Categories
आज का चिंतन

यम नियमों के पालन से ही आत्मा की उन्नति होना संभव है

ओ३म् =========== मनुष्य शरीर में आत्मा का सर्वोपरि महत्व है। शरीर को आत्मा का रथ कहा जाता है और यह है भी सत्य। जिस प्रकार हम रथ व वाहनों से अपने गन्तव्य स्थान पर पहुंचते हैं उसी प्रकार से मनुष्य शरीर मनुष्य की आत्मा को उसके लक्ष्य ईश्वर-प्राप्ति कराता है। ईश्वर सर्वव्यापक होने से आत्मा […]

Exit mobile version