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आज का चिंतन

सरकारों को मानवीयता से चीजों को देखना होगा और कठोर निर्णय लेने ही होंगे

ललित गर्ग इन हालातों में कोरोना मरीजों को तत्काल राहत देने के लिये जरूरी है कि देश में सभी कोरोना उपचार की आर्थिक गतिविधियों को कुछ समय के लिये बन्द कर दिया जाये और सरकारी के साथ गैर-सरकारी अस्पतालों को कोरोना उपचार के लिये निःशुल्क कर दिया जाये। कोरोना संक्रमण के तीन लाख से अधिक […]

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आलोचना समीक्षा और निंदा के शाब्दिक अर्थ

  आलोचना ,समीक्षा और निंदा यह तीनों शब्द समानार्थक से प्रतीत होते हैं यद्यपि तीनों शब्दों में मौलिक अंतर है। तीनों शब्दों का एक विस्तृत आयाम है। एक शब्द होता है लोचन, उसी से जब ‘आ’ प्रत्यय हुआ तो वह आलोचन हो गया। लोचन का अर्थ है देखना। इसी से आलोचना शब्द की उत्पत्ति होती […]

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मुक्ति का साधन इंद्रिय संयम

  प्रियांशु सेठ [एक मित्र ने शंका रखी है कि क्या इन्द्रिय-संयम अर्थात् ब्रह्मचर्य का पालन जीवन में अनिवार्य है? इस लेख के द्वारा इस शंका का समाधान किया जा रहा है।] वेदादि सत्य शास्त्रों ने मोक्ष-मार्ग के पथिक के लिए ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य बताया है। एक साधक के लिए इन्द्रिय-संयम उसी प्रकार आवश्यक […]

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ओम जप से बढ़ती है एकाग्रता और होता है विघ्नों का नाश

🌷ओ३म् जप से एकाग्रता और विघ्नों का नाश🌷 ‘योगदर्शन’ में तो अतिशीघ्र मन की एकाग्रता प्राप्त करने का सरल सीधा साधन ओ३म् का जप और ओ३म् के अर्थ का चिन्तन बतलाया है। ‘योगदर्शन’ के समाधिपाद में लिखा है: तज्जपस्तदर्थभावनम् । ―(योगदर्शन १ । २८ ) ‘उस ओ३म् का जप और उस ओ३म् के अर्थभूत ईश्वर […]

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आज का चिंतन इतिहास के पन्नों से

प्राचीन काल का मानव 5000 वर्षों तक जिंदा रह लेता था

  अनिरुद्ध जोशी प्राचीन और मध्यकाल में हस्तलिखित दस्तावेज बहुत होते थे। उनमें से लाखों तो लुप्त हो गए या जला दिए गए। फिर भी हजारों आज भी किसी लाइब्रेरी में, संग्रहालय, आश्रम में या किसी व्यक्ति विशेष के पास सुरक्षित है। ऐसी ही एक हस्तलिखित पांडुलिपि या किताब इंदौर के रहने वाले साधारण से […]

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वेदों पर आधारित वैदिक धर्म मानव धर्म का पर्याय है

ओ३म् ============ सभी प्राणी योनियों में मनुष्य योनि श्रेष्ठ है और सभी प्राणियों में मनुष्य सबसे श्रेष्ठ प्राणी है। मनुष्य ज्ञान अर्जित कर सकता है परन्तु अन्य प्राणी, पशु व पक्षी आदि, ज्ञान प्राप्त कर उसके चिन्तन, मनन व विश्लेषण द्वारा वह लाभ प्राप्त नहीं कर सकते जो कि मनुष्य करता है। इसलिये मनुष्य श्रेष्ठ […]

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ईश्वर अल्लाह तेरो नाम ?

  सेक्युलर भजन – ईश्वर अल्लाह तेरो नाम कितना सही है? कुरान के अल्लाह व वेद के ईश्वर में अन्तर अलग अलग भाषाओं में सर्वव्यापी परमात्मा के अलग अलग नाम हैं । मूर्खों ने परमात्मा के नाम पर हिन्दू मुस्लिम सिक्ख जैन बोद्ध ईसाई आदि अनेक मतमतान्तर खडे कर लिए हैं । अल्लाह अरबी भाषा […]

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बाधक शत्रु हमारे कल्याणकारी मार्ग से दूर हो

ओ३म् ========= आचार्य डा. रामनाथ वेदालंकार जी वेदों को समर्पित अत्यन्त उच्च कोटि के विद्वान थे। उन्होंने जीवन भर वेद सेवा की है। अपने वेदों के प्रौढ़ ज्ञान से उन्होंने वेदों पर बड़ी संख्या में उच्च कोटि के ग्रन्थ लिखे हैं। उन्होंने सामवेद का संस्कृति व हिन्दी सर्वोत्तम भाष्य किया है जो वैदिक विद्वानों में […]

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मैं और मेरा देश

ओ३म् ======= मैं अपने शरीर में रहने वाला एक चेतन तत्व हूं। आध्यात्मिक जगत् में इसे जीवात्मा कह कर पुकारा जाता है। मैं अजन्मा, अविनाशी, नित्य, जन्म-मृत्यु के चक्र में फंसा हुआ तथा इससे मुक्ति हेतु प्रयत्नशील, चेतन, स्वल्प परिमाण वाला, अल्पज्ञानी एवं ससीम, आनन्दरहित, सुख-आनन्द का अभिलाषी तत्व हूं। मेरा जन्म माता-पिता से हुआ […]

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आर्य समाज का सार्वभौमिक कल्याणकारी लक्ष्य और उसकी पूर्ति में बाधाएं

ओ३म् =========== आर्यसमाज का उद्देश्य संसार में ईश्वर प्रदत्त वेदों के ज्ञान का प्रचार व प्रसार है। यह इस कारण है कि संसार में वेद ज्ञान की भांति ऐसा कोई ज्ञान व शिक्षा नहीं है जो वेदों के समान मनुष्यों के लिए उपयोगी व कल्याणप्रद हो। वेद ईश्वर के सत्य ज्ञान का भण्डार हैं जिससे […]

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