31 जुलाई जयन्ती पर पुण्य स्मरण स्वामी श्रद्धानंद के बाद इनहोने गुरुकुल को आगे बढ़ाया। (जन्म: ३१ जुलाई १८८१ – मृत्यु: ९ दिसम्बर १९३९) आर्यसमाज के नेता, शिक्षाशास्त्री, इतिहासकार, स्वतन्त्रता-संग्राम सेनानी एवं महान वक्ता थे। उन्होने भारतीय इतिहास के सम्बन्ध में मौलिक अनुसन्धान कर हिन्दी में अपना प्रसिद्ध ग्रन्थ भारतवर्ष का इतिहास प्रकाशित किया। आचार्य […]
श्रेणी: पुस्तक समीक्षा
1857 का स्वात्नत्र्य समर ₹400 आजाद हिन्द फौज की कहानी ₹350 मँगवाने के लिए 7015591564 पर Whatsapp करे। ————– 1857 का स्वात्नत्र्य समर लाला हरदयाल, भगत सिंह व सुभाषचंद्र जैसे तीन-तीन दिग्गज क्रांतिकारी जिस ग्रंथ को प्रकाशक के रूप में मिले हों; उस ग्रंथ की महानता दर्शाने का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता […]
ऐतरेय उपनिषद भी अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण उपनिषद है।इस उपनिषद् में तीन अध्याय हैं। प्रथम अध्याय में यह स्पष्ट किया गया है कि सृष्टि के आरम्भ में केवल एक आत्मा ही था, उसके अतिरिक्त और कुछ नहीं था। उसने लोक-रचना के लिये ईक्षण (विचार) किया। ईक्षण एक प्रकार का उच्चतम कोटि का तप है। […]
पुस्तक के विषय में कश्मीर का दर्द कितना पुराना है? इसके सच को देश के लोगों से छुपा कर रखा गया। अभी कुछ समय पूर्व ही जब कश्मीर से हिंदुओं का सामूहिक पलायन कराया गया तो उसका भी पूरा सच लोगों के सामने नहीं आने दिया। धरती का स्वर्ग कही जाने वाली कश्मीर उसके मूल […]
मांडूक्य उपनिषद की व्याख्या उपनिषद वेद रूपी गाय का घृत है। जैसे गाय के घी से अनेक रोग शांत होते हैं वैसे ही मानसिक और आत्मिक धरातल पर सता रहे अनेक प्रकार के रोग उपनिषदों के अध्ययन से शांत हो जाते हैं। उपनिषदों को सही अर्थ और संदर्भ में हमारे समक्ष प्रस्तुत करने की कला […]
‘कारवां मंजिल की ओर’ की सम्पादिका श्रीमति हिमाद्रि ‘समर्थ’ हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन का शुभारंभ अनंत इच्छाओं को लेकर करता है। यह अलग बात है कि उसकी अनेक इच्छाओं में से बहुत कम ही पूरी हो पाती हैं। पर यह अनंत इच्छाएं मनुष्य को कुछ कर गुजरने के लिए अवश्य प्रेरित करती हैं। वह […]
‘ देवलोक में मानव’ नामक पुस्तक डॉ राकेश कुमार शर्मा द्वारा लिखित परिवर्तित परिदृश्य के परिप्रेक्ष्य में एक व्यंग्य संकलन है। हम सभी जानते हैं कि मनुष्य इस संसार में सभी प्राणियों के बाद रची गई परमपिता परमेश्वर की एक अद्भुत रचना है। सृष्टि में सबसे अंत में मनुष्य को इसलिए भेजा गया क्योंकि वह […]
बादल वही बरसता है यारों, जो जल से होगा भरा। बिजली वही गिराएगा यारों ,जो जल से होगा भरा ।। वो बादल कैसे बरसे, जिसमें जल का नहीं निशां। ए बुलबुल तू सुना दे, ऐ कोयल तू ही सुना दे। मेरे मीत का बयां, मेरे मीत का बयां। हरीश चंद्र शर्मा सरगम द्वारा लिखित ‘सरगम […]
मुंडकोपनिषद डॉक्टर मृदुला कीर्ति भारतीय वैदिक परंपरा के माध्यम से भारत की कीर्ति को बढ़ाने की सतत साधना का नाम है। एक गृहिणी के रूप में रहकर भी वे देश की सांस्कृतिक परंपराओं को अक्षुण्ण बनाए रखने की गहरी साधना कर रही हैं। देश से बहुत दूर ऑस्ट्रेलिया में बैठकर उनका हृदय भारत के लिए […]
अभी जिंदगी और है…. की लेखिका कुसुम अग्रवाल हैं ।जिन्होंने अपनी इस पुस्तक के आत्मकथ्य में लिखा है कि अभी जिंदगी और है ….कहानी जिसने मेरी पुस्तक के नाम होने का गौरव हासिल किया है, को समस्त कहानियों का निचोड़ या मर्म कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। हमारा जीवन गतिमान है। जब तक […]