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अन्य कविता

परमाणु युद्घ हुआ तो क्या होगा?

सोचो परमाणु युद्घ हुआ तो, पल भर में ही क्या होगा?है स्वर्ग से सुंदर चमन धरा पर, कश्मीर की वादी का क्या होगा? अन्न, औषधि, फल-फूल, वनस्पति, पृथ्वी के गहनों का क्या होगा?सरिता, सागर, पर्वत, पठार, इन मैदानों का क्या होगा? जल-थल में जो विचर रहे, निर्दोष प्राणियों का क्या होगा?बहुमंजिलें भवनों का, कारों यानों […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

तब हम बुद्घ के नही युद्घ के उपासक बन इतिहास बना रहे थे

जिस प्रकार कटेहर ने ताजुल मुल्क और उसके सुल्तान को आनंद की नींद नही सोने दिया और लगभग हर वर्ष कटेहर के स्वतंत्रता आंदोलन को दबाने के लिए दिल्ली के सुल्तान को भारी सेना भेज-भेजकर अपनी विवशता का प्रदर्शन करना पड़ा। वही स्थिति दोआब ने भी सुल्तान के लिए बनाये रखी। पिछले पृष्ठों पर भी […]

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विशेष संपादकीय

‘राहुल गांधी : ‘मौज करन’ नही, ‘चलो चलिए देश नूं युद्घ करन’

बात 1912 की है। भारत का एक नवयुवक सैन्फ्रासिस्को पहुंचा। सैन्फ्रासिस्को में उन दिनों बाहर से आने वाले लोगों पर रोक-टोक होने लगी थी। इसलिए इमीग्रेशन अधिकारी ने उस भारतीय युवक से पूछा-‘‘तुम यहां क्यों आये हो?’’युवक ने कहा-‘‘मैं पढऩे के लिए आया हूं।’’अधिकारी ने पुन: पूछा-‘‘क्या भारतवर्ष में पढऩे की सुविधा नही है?’’युवक ने […]

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