कान सुनें महिमा तेरी, जिह्वा से हो जाप माता-पिता जहां देवें दुआ,अतिथि का सम्मान।महिला बाल जहां खुश रहें,वो कुल होय महान ।। 57।। जिसके कोप से भय लगे,शक्ति हो व्यवहार।खरगोश की खाल में भेड़िया,जाने कब कर दे प्रहार।। 58।। वयोवृद्घ और ज्ञानवृद्घ का,जो करता नही संग।चंचल चित्त जाको रहे,वो करै रंग में भंग ।। 59।। […]
महीना: जून 2013
राकेश कुमार आर्यबात उस समय की है जब चीन में राजा वू का शासन था। एक दिन बौद्घ भिक्षु बोधिधर्म राजधानी में पधारे। राजा वू ने भिक्षु का श्रद्घा भाव से सत्कार किया। वह बौद्घ भिक्षु के पास गया और बोला-‘स्वामी मैंने बुद्घ के अनेक मंदिर बनवाए, धर्मप्रचार पर अपार धन खर्च किया, अनेक धर्मशास्त्र […]