…क्षैतिज योजना तो हो गई, अब ऊर्ध्व की बारी। ऊर्ध्व शिखर जिनका स्पर्श कर आँखें मन को भावविभोर कर देती हैं। ऊर्ध्व शिखर जिन पर पंछी हवाई घरौंदे बनाते हैं, जिन पर बादलों की छाँह लुका छिपी खेलती है, जो आतप को सोख अक्षत अनुभूतियों को इतिहास देते हैं, आकार देते हैं। काल की […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
अशोक मधुप चिकित्सकों की कमी से जूझ रही उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा को इस निर्णय से बड़ी राहत मिलेगी। प्रशासनिक कार्य में मुक्ति पाकर चिकित्सक अब सिर्फ अपना कार्य ही करेंगे। अब तक व्यवस्था यह है कि सीनियर चिकित्सक प्रशासनिक कार्य देखता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। […]
कृष्ण प्रताप सिंह अवध में एक कहावत बहुत कही जाती है, ‘दिल्ली अभी दूर है।’ हालांकि इसके बनने का अवध या उसके नवाबों से कोई संबंध नहीं है। वह तो मार्च, 1325 में बंगाल से लौटते वक्त दिल्ली के तत्कालीन सुल्तान गयासुद्दीन तुगलक ने सूफी संत हजरत निजामुद्दीन औलिया को उनके शागिर्द की मार्फत संदेश […]
🙏बुरा मानो या भला🙏 ——–मनोज चतुर्वेदी बिहार के बांका के नवटोलिया में नूरी मस्ज़िद इस्लामपुर के परिसर में स्थित मदरसे में धमाके से मौलाना अब्दुल सत्तार मोकिन के चिथड़े उड़ गए। इस धमाके से मदरसे की पूरी इमारत ध्वस्त हो गई और आसपास के मकानों में भी दरार आ गई। धमाके के पश्चात गांव […]
(इतिहास निर्माण करने वाली घटना) राजिंदर सिंह गुरु गोविन्द सिंह एक ऐसे सामर्थ्यवान् व्यक्ति की खोज करने लगे जिसको वे भावी नेतृत्व सौंप सकें। अपने दीवानों और सभासदों से विचार-विमर्श करने के बाद उन्होंने नान्देड़ के एक आश्रम में वर्षों से रह रहे वैरागी माधोदास को नेतृत्व सौंपने का मन बना लिया। भट्ट स्वरूप […]
टीम रोशनदान हमारे प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों और ऋषि-मुनियों ने कुछ ऐसे आविष्कार किए हैं जिनके बल पर आज के आधुनिक विज्ञान और यहाँ तक की दुनिया का चेहरा भी बदल गया है। जरा सोचिए शून्य (0) नहीं होता तो क्या हम गणित की कल्पना कर सकते थे? दशमलव नहीं होता तो क्या होता? इसी तरह […]
कोणार्क सूर्यमन्दिर इस लेख शृंखला में जो गिनी चुनी टिप्पणियाँ आ रही हैं उनमें प्राय: श्रम पक्ष की बड़ी प्रशंसा रहती है 😉 रविशंकर जी ने एक टिप्पणी में सन्दर्भों को लेख के भीतर स्थान देने की बात कही थी। मित्रों! वास्तविकता यही है कि मुझे बहुत श्रम करना पड़ रहा है लेकिन आनन्द भी […]
अनिल जैन प्रकृति ने जल और जंगल के रूप में मनुष्य को 2 ऐसे अनुपम उपहार दिए हैं जिनके सहारे कई दुनिया में कई सभ्यताएं विकसित हुई हैं, लेकिन मनुष्य की खुदगर्जी के चलते इन 2 नों ही उपहारों का तेजी से क्षय हो रहा है। पानी के संकट को स्पष्ट तौर पर दुनियाभर में […]
संतोष पाठक 2008 में जितिन प्रसाद राहुल गांधी के कोटे से मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री के तौर पर शामिल हुए। लेकिन देशभर खासकर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की खस्ता होती हालत का खामियाजा जितिन प्रसाद को भी भुगतना पड़ा। मनमोहन सिंह की सरकार में राहुल गांधी के कोटे के तहत मंत्री […]
रतीश कुमार झा इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने से न केवल अधिशेष चीनी के इथेनॉल बनाने में इस्तेमाल करने की सुविधा होगी, बल्कि यह किसानों को भी अपनी फसलों में विविधता लाने, विशेष रूप से मक्के की खेती के लिए प्रोत्साहित करेगा जिसमें कम पानी की आवश्यकता होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इथेनॉल उत्पादन […]