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व्यक्तित्व

भजन सम्राट व ऋषि भक्त पंडित सत्यपाल पथिक का निधन आर्य समाज की अपूरणीय क्षति

ओ३म् ========= पंडित सत्यपाल पथिक जी का गुरुवार 22 अक्टूबर, 2020 को कोरोना रोग से अस्वस्थ होने के कारण अमृतसर के एक अस्पताल में प्रातः 9.15 बजे निधन हो गया। पं. सत्यपाल पथिक जी का संसार से जाना आर्यसमाज सहित वैदिकधर्म तथा देश एवं समाज की ऐसी बड़ी क्षति है जो कभी पूरी नहीं की […]

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आज का चिंतन

यथार्थ ईश्वर का स्वरूप क्या और कैसा है ?

ओ३म् ============= संसार में अनेक मत व सम्प्रदाय हैं जो ईश्वर की सत्ता को स्वीकार करते हैं परन्तु सब मतों की ईश्वर विषयक मान्यतायें, जो कि परस्पर समान होनी चाहियें, नहीं हैं। एक वस्तु व द्रव्य परस्पर भिन्न गुणों व स्वरूप वाला कदापि नहीं हो सकता। अतः मत-मतान्तरों की मान्यताओं में कहीं न कहीं न्यूनतायें […]

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आओ कुछ जाने

अध्यात्म और संसार संबंधी समन्वित ज्ञान से ही मनुष्य जीवन सफल होता है

ओ३म् ============== मनुष्य के जीवन के दो यथार्थ हैं, पहला कि उसका जन्म हुआ है और दूसरा उसकी मृत्यु अवश्य होगी। मनुष्य को जन्म कौन देता है? इसका उत्तर यह है कि माता-पिता मनुष्य को जन्म देते हैं। यह उत्तर सत्य है परन्तु अपूर्ण भी है। माता-पिता तभी जन्म देते हैं जबकि ईश्वर माता-पिता व […]

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आज का चिंतन

हमें लौकिक और पारलौकिक उन्नति के लिए नित्य प्रति अपनी मृत्यु और परजन्म पर विचार करना चाहिए

ओ३म् ============= हम मनुष्य होने से चिन्तन, मनन व विचार करने के साथ सद्ग्रन्थों का पता लगाकर उनका अध्ययन व स्वाध्याय कर सकते हैं। किसी न किसी रूप में मनुष्य यह कार्य करते भी हैं। इस कार्य को करते हुए हमें इस संसार के रचयिता परमात्मा के सत्यस्वरूप व उसके गुण, कर्म, स्वभावों सहित अपनी […]

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आज का चिंतन

ईश्वर को यदि न जाना और न पाया तो मनुष्य जीवन अधूरा और व्यर्थ है

ओ३म् =============== हम मनुष्य हैं। मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। सृष्टि में असंख्य प्राणी योनियां हैं जिसमें एकमात्र मनुष्य ही मननशील प्राणी है। अतः हम सबको मननशील होना चाहिये। विचार करने पर लगता है कि सभी लोग मननशील नहीं होते। अधिकांश लोगों को अपने बारे में व इस सृष्टि के बारे में अनेक तथ्यों […]

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आज का चिंतन

हमें अपनी लौकिक और पारलौकिक उन्नति के लिए नित्य प्रति अपनी मृत्यु और परजन्म पर विचार करना चाहिए

ओ३म् ============= हम मनुष्य होने से चिन्तन, मनन व विचार करने के साथ सद्ग्रन्थों का पता लगाकर उनका अध्ययन व स्वाध्याय कर सकते हैं। किसी न किसी रूप में मनुष्य यह कार्य करते भी हैं। इस कार्य को करते हुए हमें इस संसार के रचयिता परमात्मा के सत्यस्वरूप व उसके गुण, कर्म, स्वभावों सहित अपनी […]

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आज का चिंतन

ईश्वरीय ज्ञान वेद श्रेष्ठ आचरण को ही मनुष्य का धर्म बताते हैं

ओ३म् ========== धर्म और आचरण पर विचार करने पर ज्ञात होता है कि धर्म शुभ व श्रेष्ठ आचरण को कहा जाता है। जो जो श्रेष्ठ आचरण होते हैं उनका करना धर्म तथा जो जो निन्दित तथा मनुष्य की आत्मा को गिराने वाले कम व आचरण होते हैं, वह अधर्म व निन्दित होते हैं। वेदों में […]

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इतिहास के पन्नों से

कल्याण मार्ग के पथिक वीर विप्र योद्धा ऋषि भक्त स्वामी श्रद्धानंद

ओ३म ========= स्वामी श्रद्धानन्द ऋषि दयानन्द के शिष्यों में एक प्रमुख शिष्य हैं जिनका जीवन एवं कार्य सभी आर्यजनों व देशवासियों के लिये अभिनन्दनीय एवं अनुकरणीय हैं। स्वामी श्रद्धानन्द जी का निजी जीवन ऋषि दयानन्द एवं आर्यसमाज के सम्पर्क में आने से पूर्व अनेक प्रकार के दुर्व्यसनों से ग्रस्त था। इन दुव्यर्सनों के त्याग में […]

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आज का चिंतन

ईश्वर की आज्ञा पालन के लिए सबको अग्निहोत्र यज्ञ करना चाहिए

ओ३म् ============ परमात्मा इस संसार का स्वामी है। उसी ने इस संसार को बनाया और वही संसार का पालन कर रहा है। इस संसार को बनाने का उद्देश्य परमात्मा द्वारा अनादि तथा नित्य जीवों को उनके पूर्वजन्मों के अनुसार उनके योग्य प्राणी योनियों में जन्म देना, उनके कर्मों के अनुसार उन्हें सुख व दुःख देना, […]

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व्यक्तित्व

वेदोद्धारक, समाज सुधारक और आजादी के मंत्र दाता महर्षि दयानंद

ओ३म् “वेदोद्धारक, समाज सुधारक तथा आजादी के मंत्रदाता ऋषि दयानन्द” =============== विश्व का धार्मिक जगत ऋषि दयानन्द का ऋणी है। उन्होंने विश्व को सद्धर्म का विचार दिया था। एस सद्धर्म की पूरी योजना व प्रारूप भी उन्होंने अपने ग्रन्थों व विचारों में प्रस्तुत किया है। उन्होंने बतया था कि मत-मतान्तर व सत्य धर्म में अन्तर […]

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