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संपादकीय

पद खरीदने का मौसम

उत्तर प्रदेश में मौसम चुनाव का चल गया है। चार चरणों में 9 अक्टूबर से 29 अक्टूबर के बीच सभी 74 जिलों में मतदान होगा। जनपद गौतमबुद्घ नगर को इस चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। क्योंकि जनपद गौतमबुद्घ नगर का चुनाव संबंधी प्रकरण उच्च न्यायालय इलाहाबाद के समक्ष लंबित है। राज्य निर्वाचन आयुक्त […]

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संपादकीय

सुभाष का राष्ट्रगान-‘‘भारत नाम सुभागा’’

पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने साहस का परिचय देते हुए केन्द्र की मोदी सरकार से भी पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के विषय में स्पष्ट कर दिया है कि नेताजी 1945 के पश्चात भी जीवित रहे थे। उन्होंने ऐसी 64 फाइलों को जनता के सामने लाकर पटक दिया, जिनसे स्पष्ट होता है कि […]

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संपादकीय

‘‘भारतीय समाज की जटिलता-जाति व्यवस्था’’

पी.डी. ओस्पेंस्की ने ‘‘ए न्यू मॉडल ऑफ  दी यूनीवर्स’’ पृष्ठ 509 पर लिखा है: ‘‘मनुष्यों का चार वर्णों में वर्गीकरण एक आदर्श समाज व्यवस्था है। इसका कारण यह है कि वास्तव में यह एक स्वाभाविक वर्गीकरण है। चाहे लोग इसे चाहें या न चाहें, चाहे वे इसे मानें या न मानें मगर वे चार वर्गों […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

मुगल वंश से पहले ही हो गया था कश्मीर का पीड़ादायक धर्मांतरण

मुल्ला मौलवी हो गये थे जैनुल के विरोधी राजा जैनुल और श्रीभट्ट की समादरणीय जोड़ी जब कश्मीर में दो विपरीत दिशाओं में बहती सरिताओं-हिंदुत्व और इस्लाम को एक दिशा देने का अदभुत और प्रशंसनीय कार्य कर रही थी, तभी कहीं ‘शैतान’ उन अनोखे और प्रशंसनीय कार्यों को नष्ट करने के लिए उनकी जड़ों में मट्ठा […]

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संपादकीय

स्मार्ट सिटी के पश्चात अब स्मार्ट विलेज

जिस औरंगजेब ने 9 अप्रैल 1669ई. को विधिवत एक राजाज्ञा जारी करके हिंदुओं के मंदिरों और विद्यालयों अथवा गुरूकुलों को ध्वस्त कराने के लिए अपने अधिकारियों को निर्देश जारी किये थे और उस राजाज्ञा के जारी होते ही उसके दुष्ट अधिकारियों ने काशी का विश्वनाथ मंदिर और मथुरा के कृष्ण मंदिर सहित अनेकों प्रसिद्घ मंदिरों […]

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संपादकीय

हामिद अंसारी जी…तो कोई बात बने

मुसलमानों को सशक्त बनाने और ‘सबका साथ सबका विकास’ में मुसलमानों के साथ पक्षपात जैसी बातें होने के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के बयान की समीक्षा कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उन पर ‘मुस्लिम नेता की तरह बोलने’ का आरोप लगाया है। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने जो कुछ कहा है उस पर उन्हें उत्तर देने के […]

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संपादकीय

जय समाजवाद-जय शिक्षामित्र

उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्र सडक़ों पर है। उनका कहना है कि सरकार के द्वारा उन्हें सहायक अध्यापक बनाकर अब उन्हें  हाईकोर्ट के द्वारा जिस प्रकार बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है वह गलत है और उनकी सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति पूर्ववत रहनी चाहिए। अपनी मांगों को लेकर अपने आंदोलन को उग्र करते […]

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संपादकीय

जन-गण-मन बनाम वंदेमातरम् (2)

आज जब राजस्थान के राज्यपाल माननीय कल्याणसिंह जैसे लोग ‘जन-गण-मन’ के ‘अधिनायक’ शब्द पर आपत्ति करते हैं तो उसका अभिप्राय यह भी होता है कि हमारे द्वारा की गयी अब तक की ‘अधिनायक’ की चाटुकारिता ने इस देश के सम्मान को चोट पहुंचाई है और यह पूर्णत: हमारी गुलामी की मानसिकता का परिचायक है। इसलिए […]

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संपादकीय

जन-गण-मन बनाम वंदेमातरम् (1)

जब देश के सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में आर्य समाज अपना बिगुल फूंककर भारत की बलिदानी परंपरा की धार को पैना कर रहा था, उसी समय भारत में एक और घटना भी आकार ले रही थी जो भविष्य की कई संभावनाओं को जन्म देने की सामथ्र्य रखती थी। ब्रिटिश काल में हिंदू समाज को अपने […]

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संपादकीय

स्वाध्याय से दूर होता युवा वर्ग

स्वाध्याय बहुत ही मूल्यवान है। समाज में सामान्यत: स्वाध्याय का अर्थ अच्छी पुस्तकों को पढऩा माना जाता है। किन्तु स्वाध्याय केवल अच्छी पुस्तकों का अध्ययन मात्र ही नहीं है। स्व+अध्याय=अपने आप का अध्ययन=अपने आपको पढऩा, समझना। अपने विषय में ही यह जानना कि मैं क्या हूँ, कौन हँ, कहाँ से आया हूँ, कहाँ जा रहा […]

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