Categories
आज का चिंतन

*मंत्र, तंत्र साधना,जादू टोना और अंधविस्वास रहस्य* भाग- ७ अंतिम

डॉ डी के गर्ग

अंधविश्वास केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में हैं। इंग्लैंड में बटन के टूटने या सीढ़ी के नीचे से निकलने को अपशकुन मानते हैं। चीन, जापान सभी देशों में तरह तरह के अंधविश्वास प्रचलित हैं। भारत में अंधविश्वास अधिक हैं। इसका कारण यह है कि यहाँ अनेक जातियाँ और मत मतान्तर हैं।
1.प्रकृति-नियम के विरुद्ध कोई कार्य नहीं हो सकता, अज्ञानतावश जनता चमत्कार को नमस्कार करती हैं। सच तो यह है कि चमत्कार बिल्कुल नहीं होते, न ही हो सकते हैं, क्योंकि प्रकृति के नियम ऋत हैं, सत्य हैं, नित्य हैं, व अपरिवर्तनशील होते हैं क्योंकि वे ईश्वरकृत होते हैं। ईश्वर अपने ही नियमों को क्यों तोड़ सकता है। वह सर्वज्ञ है अतः उसके बनाए नियम भी अटल हैं।
कारणः प्राकृतिक नियम बदलने लगे तो ईश्वर भिखारी हो जाएगा। ईश्वर अज्ञानी कहलाएगा ।
२.ईश्वर के नियम बदल जाये सृष्टि के सभी कार्य डांवाडोल हो जायेंगे। अनहोनी यानि अचानक होने वाली घटनायंे प्रकृति के नियमों के अनुसार ही होती है, और मानव कृत्य है। प्राकृतिक विनाश घटनाओं पर बातों पर मूर्ख, पाखंडी, ढोंगी, निराश-हताश-कमज़ोर ही विश्वास करते हैं।
३.प्राकृतिक-नियम अनेक हैं। जितने-जितने नियमों को मनुष्य ने समझा, परखा, उनको आगे चलकर ‘विज्ञान’ कहतें हैं। रेडियो, टी० वी०, इंटरनेट, कम्प्यूटर, विमान क्या कम चमत्कार हैं ? चमत्कार नहीं, विज्ञान है।
आप भी पाखण्ड की पोल खोल सकते है। बहुत से जादूगरों ने बाबाओ की पोल खोली है। दिल्ली के जादूगर अशोक भंडारी ने पुट्टु पार्थी के साई बाबा को इंडिया टीवी के लाइव डिबेट में चुनौती दी थी। आर्य समाज पिछले कई दशकों से पाखंड की पोल खोल रहा है। इसके लिए सत्यार्थ प्रकाश एक महान पुस्तक साबित हुई है।
जादूगर ओपी शर्मा पिछले कई वर्षो से अंधविश्वास के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं वे भी बाबाओं व तांत्रिकों को चैलेंज दे चुके हैं। जादूगर ओपी शर्मा का मानना है कि जादू ही एक ऐसा माध्यम है, जिससे अंधविश्वास को तोड़ा जा सकता है। अंधविश्वास फैलाने वालों की पोल खोली जा सकती है। कई लोग हैं, जो खुद को भगवान, तांत्रिक साधु, सिद्ध पुरुष कहते हैं। देवी-देवता और भूतप्रेत की शक्ति बताते हैं। वे यही जादू के छोटे-छोटे ट्रिक दिखा कर लोगों को ठगते हैं।
कुछ जादू की वैज्ञानिक ट्रिक आपके सामने है
१ पानी का छींटा मारते हैं तो आग लग जाती है क्योकि इसमें कैमिकल रिएक्शन है। सोडियम एक ऐसा कैमिकल है जिसे आप जमीन पर रख दीजिए तो कोई रिएक्शन नहीं करेगा। लेकिन ये जैसे ही पानी के संपर्क में आएगा, आग लग जाएगी।
२ फूंक मारते ही मुंह से आग निकलती है ,इसके पीछे भी वैज्ञानिक प्रक्रिया है। फास्फोरस जीभ पर रखा जाता है। जब तक जीभ गीली रहती है तब तक तो वो ठीक रहता है। लेकिन जैसे ही फूंकने पर गर्म हवा निकलती है और जीभ सूख जाती है तो आग पैदा कर देता है। इसीलिए जब लोग फूंकते हैं तो मुंह से आग निकलता है।

3 हाथ घूमाकर शमशान की राख देते हैं क्योकि इसके पीछे मेन क्रिया मरकरी क्लोराइड की है। इसे एल्मुनियम से टच करा दीजिए तो वो गर्म होकर उसे राख बना देता है, जिसे तांत्रिक व बाबा कहते हैं कि शमशान घाट से राख मंगाए हैं।

४ अमोनिया और चूने के पानी को मिक्स कर दिया जाए तो उसमें से धुआं निकलता है। तो कहते हैं कि भूत था।

५ नींबू को काटने से खून निकलना यह भी वैज्ञानिक प्रक्रिया है। कोई जादू-टोना नहीं है। कटहल के पेड़ का दूध चाकू में लगा कर सूखा दिया जाता है। इस चाकू से जब नीबू काटा जाता है तो वह लाल हो जाता है।
6 पानी से दीये या लैंप जलाने के लिए नीचे कैल्शियम, कार्बाइड के कुछ टुकड़े डाले जाते हैं। पानी डालते ही रासायनिक क्रिया होगी और एसिटिलीन गैस पैदा होगी। एसिटिलीन गैस तेज़ चमक से जलती हैं। १९१८ ई० में मुस्लिम फ़कीर साईं बाबा ने भी इन्हीं चमत्कार से अपने भक्तों को आश्चर्य चकित करते थे।
७ . हड्डी पर फास्फोरस या गन्धक लगाकर सुखा दें। बाद में पानी के छींटे मारने पर धुंआ निकलता है।
8. अकरकरा और नौशादर को घीक्वार के रस में पीसकर पैरों के तलवों पर अच्छी तरह मल लिया जाता हैं, फिर पैर गर्म आग या अंगारों पर रखने से नहीं जलते हैं ।
9. अल्यूमीनियम के सिक्के पर मरक्यूरिक क्लोराइड का घोल चढ़ा दें। पानी से गीली हथेली में पकड़ने से सिक्का राख में बदल जाता है।
१० आक के दूध से हाथ पर ”राम” लिखें। इसके बाद सुखा लें। बाद में राख मलने पर अ-श्य लिखा हुआ ”राम” चमकने लगेगा।
11 कागज़ की कढ़ाई बनाकर उसकी तली में फिटकरी , सुहागा , और नमक का लेप कर देने से उसमें सरसों का तेल रखकर पकौड़ी बनाई जा सकती है , कागज़ नहीं जलेगा ।
१२ . चमकीली पन्नी में सोडियम का चूर्ण लगायें । मिट्टी के तेल से भिगोये हुये रूमाल के बीच में रखें।मिट्टी के तेल के सम्पर्क में नहीं जलेगा । लेकिन गीले हाथ में आते ही जल उठेगा ।
13. साँप की केंचुली की बत्ती बनाकर तेल भरे दीपक में जला देने पर सर्वत्र साँप ही साँप रेंगते दिखाई पड़ते है।
भाइयों ! चमत्कार कहकर स्वार्थी लोगों ने शिक्षित-अशिक्षित लोगों को खूब लूटा है और अज्ञानी लोग लुटते रहते हैं। अधिक जानकारी के लिए जादूगर सम्राट आर्य शिवपूजन सिंह कुशवाहा की पुस्तक “जादू विज्ञान रहस्य” पढ़ें ।
(नोटःकृप्या बिना अभ्यास के इनको स्वयं न करें।)

Comment:Cancel reply

Exit mobile version