कानून का संरक्षण और कानून सबके लिए समान

पिछले दिनों दादरी में हुए बवाल के चलते एक युवक की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रांतीय अध्यक्ष ब्रहमानंद गुप्ता ने कहा है कि बवाल में युवक की हत्या होना दुख का विषय है। यह मानवता के विरूद्घ एक घातक अपराध है। इस पर राजनीति करना समाज के लिए घातक है। जब कानून आरोपियों को अपने गिरफ्त में ले चुका है तो कानून को अपना काम करने दिया जाए, जो लोग इस प्रकरण को लेकर जातिवाद की राजनीति कर रहे हैं, और एक वर्ग विशेष को भगाने के नारे खुले आम लगा रहे हैं या आगजनी, लूटपाट, या तोडफ़ोड़ करने में लग गये वो समाजविरोधी लोग हैं। उनके खिलाफ कार्यवाही होना न्याय संगत है। उन्होंने यहां कहा कि भारतीय संविधान सभी नागरिकों को कानून के समक्ष समानता और कानून का समान संरक्षण प्रदान करता है। यह मानव का मौलिक अधिकार है। हत्यारोपी युवकों को यदि तुरंत पुलिस को दिया जा सकता है तो ऐसी पहल करने वाले परिजनों के साथ हुई ज्यादती को लेकर जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है, उन्हें यथाशीघ्र कानून के हवाले किया जाना आवश्यक है। जिन लोगों को एफआईआर में कोई कथित फर्जी नाम दीख रहा है वो लोग पीडि़त परिवारों के साथ तथा पुलिस प्रशासन के साथ बैठक कर सकते हैं, ताकि एक न्याय संगत और निष्पक्ष रास्ता निकल सके। उन्होंने कहा कि मृत्यु एक शोक का विषय है जिस पर शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करना बहुत आवश्यक है। यदि मृत्यु हत्या से हुई है तो और भी अफसोसनाक होती है। इस समय संवेदनाओं से खेलना उचित नही है। जो लोग प्रतिक्रिया में तोडफ़ोड़ आदि को अंजाम दिया जाना कहते हैं उन्हें याद होना चाहिए कि नवंबर 1984 के दंगे भी इंदिरा गांधी की हत्या की प्रतिक्रिया स्वरूप हुए थे, लेकिन कानून ने उन सब दंगाईयों के खिलाफ कार्यवाही की, और पीडि़त परिवारों को न्याय मिला। श्री गुप्ता ने कहा कि इस समय दोनों पक्ष न्याय के लिए संयम और धैर्य का परिचय दें तो ही अच्छा है। श्री गुप्ता यहां उक्त बवाल में पीडि़त रहे सूबेदार मेजर वीर सिंह आर्य के निवास पर पत्रकारों से विशेष बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस बवाल को राजनीतिक स्वरूप देने का प्रयास कर रहे हैं जो कि गलत है ऐसे लोगों को जिम्मेदारी से काम लेना चाहिए और समाज के प्रति अपने दायित्वों और कत्र्तव्यों का निर्वाह करने में किसी प्रकार की चूक नही करनी चाहिए। जातिवाद समाज के लिए घातक है। हिंदू समाज को जाति के नाम पर बांटने वाले लोग समाज के शत्रु हैं ऐसे लोगों से समाज को कभी भी उचित दिशा नही मिल सकती। इसलिए समाज को ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए।

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