सरबजीत की रिहाई की उम्मीदें बढ़ी

विदेशमंत्री कृष्णा ने सरबजीत का मामला पाकिस्तानी राष्ट्रपति जरदारी के साथ अपनी पाकयात्रा के दौरान उठाया है। सरजीत सिंह भारतीय पंजाब का निवासी है, जिस पर आरोप है कि उसने वर्ष 1990 में हुए बम विस्फोटों में अपनी भागीदारी की थी। जबकि उसके परिवार का कहना है कि सरबजीत निर्दोश है और उन्हें रंजिशन गलत ढंग से फंसाया गया है। हालांकि फिर भी सरबजीत सिंह पाकिस्तान की कोट लखयत जेल में बीस वर्ष से अधिक की सजा भुगत चुका है। अब इस्लामाबाद गये भारतीय विदेशमंत्री ने भारत पाक के मध्य वीजा शर्तों को लचीला बनाने संबंधी समझौते पर वहां के गृहमंत्री रहमान मलिक के साथ हस्ताक्षर किये हैं। इस समझौते का दोनों पक्षों की मीडिया में जोरदार स्वागत किया गया है।

भारत के विदेशमंत्री ने सरबजीत के मामले को पाक राष्ट्रपति से अपनी वार्ता में उठाया है। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि राष्ट्रपति ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है और उन्होंने अपने कार्यालय को इस मामले में विस्तृत रूप से गौर करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा-हमारा दृष्टिकोण मानवीय आधार पर है। क्योंकि तथ्य ये है कि वह पाकिस्तानी जेल में करीब बीस साल से बंद है।
भारतीय विदेश मंत्री द्वारा पाकिस्तानी सरकार के साथ गंभीरता से उठाए गये सरबजीत की रिहाई के मुद्दे को देखकर उसकी रिहाई पर गहराते काले बादलों की छाया कुछ छंटने की उम्मीद बढ़ी है। वास्तव में सरबजीत की बहन बेअी और पत्नी ने अपने परिजन की रिहाई के लिए जिस स्तर पर गंभीर प्रयास किये हैं उससे इस भारतीय नागरिक के प्रति सारे देश की सहानुभूति बढी है और जब उसकी बहन बेटी या बेटी ईश्वर से उसकी रिहाई के लिए दुआएं करती हैँ तो देश के करोड़ों लोगों की दुआएं उनके साथ मिल जाती हैं। अब देखते हैं कि पाकिस्तानी हुकमरानों पर इन दुआओं का क्या प्रभाव होता है।

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