धर्मनिरपेक्ष नेहरू की परंपरा का पालन करते राहुल गांधी————इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार,राष्ट्रीय महामन्त्री, अखिल भारत हिन्दु महासभा (सावरकर -सुभाष)—

देश को धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत देकर बेड़ा गर्क करने वाले नेहरू के नाती के पुत्र राहुल गांधी इस समय उन्हीं के नक्शे कदम पर चलते हुए दिखाई दे रहे हैं । देश को दो टुकड़ों में बांटने वाली मुस्लिम लीग जिसने लाखों की संख्या में हिंदुओं का नरसंहार कराया और मां भारती को खून के आंसू रुलाने के लिए बाध्य किया, आज उसी का कीर्तिगान करते हुए विदेश की भूमि पर बैठे हुए राहुल गांधी केरल मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्षता का सर्टिफिकेट देकर उसके सारे पापों से उसे मुक्ति दे रहे हैं।
राहुल गांधी के लिए अलगाववादी और राष्ट्र के लिए विघटनकारी मुस्लिम लीग धर्मनिरपेक्षता की प्रतीक है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उनके लिए आज भी घृणा का पात्र बना हुआ है। मोहब्बत की दुकान की बात करने वाले राहुल गांधी के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रति घृणा का भाव बताता है कि वह मोहब्बत की दुकान की तो केवल बात करते हैं, वास्तविकता कुछ और है।
उनके बारे में सच यही है कि वह नेहरू गांधी के नक्शे कदम पर चलते हुए हिंदूवादी संगठनों के प्रति घृणा का गहरा भाव रखते हैं।
स्वतंत्रता संग्राम के समय के जितने भी कांग्रेस के नेता थे चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य, आचार्य कृपलानी, आचार्य नरेंद्रदेव,राम मनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण सब नेहरूवादी कांग्रेस से हटकर अलग अलग राजनैतिक दल बना लिये थे। नेहरू ने भारत का विभाजन कराने वाली भारत में बची हुई मुस्लिम लीग को कांग्रेस में मिला लिया था। यानी नेहरू वादी कांग्रेस को हम नेहरू कांग्रेस लीग पार्टी कह सकते है। नेहरू ने इतना ही नही किया मुस्लिम लीग से कांग्रेस में आये मौलाना आज़ाद जिसे गाँधी जी ने कांग्रेस में रह कर पाकिस्तान बनाने का काम करते रहने के कारण, केंद्रीय मन्त्रीमण्डल से निकल जाने को कहा था, उसे नही निकाला।
ग्रेट कोलकाता हिन्दु किलिंग, नोवा ख़ाली हिन्दु किलिंग व सारे भारत में हिन्दु नरसंहार करने वाले मुस्लिम लीग के नेताओं को केंद्रीय मन्त्री मण्डल, राज्य मन्त्री मण्डल में मन्त्री बनाया व कईयों को राज्यपाल बनाया। केरल में मुस्लिम लीग ने कांग्रेस में मिलने से इंकार कर दिया था क्योंकि उसे पता था कि यहां से उसे फिर नई ऊर्जा मिल सकती है। कहने का अभिप्राय है कि देश के नए बंटवारे के लिए केरल मुस्लिम लीग ने अपने आप को जिंदा बनाए रखना उचित माना। आज उसी मुस्लिम लीग को राहुल गांधी देश भक्ति का सर्टिफिकेट दे रहे हैं।
केराला मुस्लिम लीग धर्म निरपेक्ष है ,इसी लिये उसने केरल में दो जिलों मल्लापुरम व कसारगोड़ को मुस्लिम बहुसंख्यक ज़िला घोषित करवाया। जहा हिन्दु अल्प संख्यको व ईसाइयों को कोई अधिकार नही है। देश के प्रधान मन्त्री को सांसदों को विभिन्न देशों में भेजना पड़ता है। उस समय यह नही देखा जाता कि वह किस दल का है ? अटल बिहारी बाजपेयी ने एक सांसद को विदेश भेजा, मुस्लिम लीग के कार्यकर्ता को नही। नागपुर नगर पालिका का चुनाव भाजपा यदि मुस्लिम लीग के साथ लड़ती तो बात होती। नागपुर नगरपालिका में मुस्लिम लीग ने कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस को समर्थन नही देकर भाजपा को दिया। इसके लिये भाजपा ज़िम्मेदार नही ,कांग्रेस,राष्ट्रवादी कांग्रेस का मुस्लिम लीग के साथ ग़लत ब्यवहार ज़िम्मेवार है।
कोई भाजपा को समर्थन देगा तो वह अपना मेयर जीताने के लिये क्यू नही लेगी ? नेहरू ने देश का विभाजन कर पाकिस्तान बनानेवाले मुसलमानो को भारत कांग्रेस का वोट बैंक बना कर रख दिया व उनके हिस्से की ज़मीन, रुपया, भारत सरकार की सम्पत्ति पाकिस्तान को दे दीं। जिन्ना ने भारत के विभाजन के नोवाखाली हिन्दु नरसंहार के समय नेहरू से कहा था कि हमारे इस्लामिक पाकिस्तान में हिन्दुओं के लिये कोई जगह नही होगी। यह होने से हमारा इस्लामिक पाकिस्तान बनाने का मक़सद पूरा नही होगा। एक ब्यवस्था बनाई जाय ताकि शांति से जनसंख्या की अदला बदली हो सके। यह नही किया गया तो हम नोवाख़ाली हिन्दु नरसंहार की तरह सारे पाकिस्तान में हिन्दुओं का नरसंहार करेंगे। नेहरू ने अपना मुस्लिम वोट बैंक बनाने के लिये पाकिस्तान में २० लाख हिंदुवो को मरने दिया व १.५ करोड़ हिंदुवो को उजड़ने दिया।
जिस मुस्लिम लीग के कारण हमारे देश को अतीत में इतना भारी नुकसान उठाना पड़ा है उसी को आज फिर देशभक्ति को प्रमाण पत्र देकर राहुल गांधी फिर कौन से इतिहास को दोहराने की तैयारी कर रहे हैं? अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए वह मुस्लिम लीग का उसी प्रकार गुणगान कर रहे हैं जिस प्रकार कभी नेहरू और गांधी किया करते थे। निश्चित रूप से उन्हें इतिहास से शिक्षा लेनी चाहिए और देश के भले के लिए काम करने का संकल्प लेना चाहिए। उनकी नकारात्मक राजनीति ने देश को बहुत कुछ अधिक कर दिया है यदि वह अभी नहीं समझे तो इतिहास में माफ नहीं करेगा।

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