भगवा वस्त्रधारी रसूल !

केवल भगवे वस्त्र पहिन लेने से किसी को आतंकी नहीं कह सकते ,जब तक उसके काम आतंक के नहीं हों , मुहम्मद कैसे थे सब जानते हैं लेकिन वह भी भगवे कपडे पहिनते थे , चूँकि आज फिर भगवा आतंक की फिर से बात होने लगी है इसलिए यह लेख प्रकाशित करना जरूरी हो गया है

दिग्विजय सिंह जैसे हिन्दू द्वेषी कांग्रेसी नेताओं ने मुसलमामानों की आतंकी हरकतों पर पर्दा डालने के लिए ,और हिन्दुओं को फ़साने के लिए ” भगवा आतंक ” शब्द का अविष्कार किया था , जबकि सब जानते हैं कि

भारतीय परंपरा में भगवा रंग को तयाग , शौर्य , बलिदान और साहस का प्रतिक माना जाता है , भगवा रंग को केसरिया रंग भी कहा जाता है यह रंग केसर के पराग से प्राप्त होता है जिसका वैज्ञानिक नाम Crocus sativus है ,भगवा रंग हिन्दू धर्म का द्योतक है ,इसलिए मंदिरों पर भगवा झंडा लगाया जाता है जिसे ” धर्मध्वज . या धर्मपताका भी कहते हैं ,अधिकांश हिन्दू संत ,सन्यासी भगवा रंग के वस्त्र धारण करते है ,इसके अतिरिक्त बौद्ध सन्यासी भी गेरुआ या भगवा वस्त्र ही पहिनते है , यही कारन है कि हमारे तिरंगे में पहला रंग भगवा ही है,भगवा या केसरिया रंग ऐसा होता है

,लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि मुसलमानों के रसूल मुहम्मद साहब और उनके साथी भी केसरिया यानि भगवा रंग के कपडे पहिना करते थे , इसके बारे में तीन प्रामाणिक हदीसें दी जा रही हैं

1-पहली हदीस
“कायलाह बिन मुकरामह ने कहा कि मैंने देखा कि रसूल दो लुंगियां ( कमर में बांधने वाला ) कपडा लपेटे हुए थे ,जो केसरिया रंग से रंगा हुआ था”

Qaylah bin Makhramah (R.A) says:
“I saw Rasulullah (S.A.W) in such a state that he was wearing two old lungis (sarong, waist wrap) that had been dyed a saffron colour

، عَنْ قَيْلَةَ بِنْتِ مَخْرَمَةَ، قَالَتْ‏:‏ رَأَيْتُ النَّبِيَّ صلى الله عليه وسلم وَعَلَيْهِ أَسْمَالُ مُلَيَّتَيْنِ، كَانَتَا بِزَعْفَرَانٍ

Shama’il Muhammadiyah-الشمائل المحمدية

English reference : Book 8, Hadith 64
Arabic reference : Book 8, Hadith 66

2-दूसरी हदीस
अब्दुलाह बिन जैद ने अपने पिता की बात बयान की है कि इब्ने उमर अपने कपडे भगवा रंग में रंगवाया करते थे ,कारण पूछने से उन्होंने बताया की अल्लाह के रसूल भी केसरिया रंग से कपडे रंगवाया करते थे ”

‘Abdullah bin Zaid narrated from his father that:
Ibn ‘Umar used to dye his garments with saffron. He was asked about that and he said: “The Messenger of Allah [SAW] used to dye his clothes (with it).”

“، أَنَّ ابْنَ عُمَرَ، كَانَ يَصْبُغُ ثِيَابَهُ بِالزَّعْفَرَانِ فَقِيلَ لَهُ فَقَالَ كَانَ رَسُولُ اللَّهِ صلى الله عليه وسلم يَصْبُغُ ‏.‏

Reference : Sunan an-Nasa’i 5115
In-book reference : Book 48, Hadith 76
English translation : Vol. 6, Book 48, Hadith 5118

3-तीसरी हदीस
मलिक बिन नाफय कहते हैं की इब्न उमर गेरुआ ( गेरू मिट्टी रंग जैसे ) केसरिया कपडे पहिना करते थे ”

from Malik from Nafi that Abdullah ibn Umar wore garments dyed with red earth and dyed with saffron.

“وَحَدَّثَنِي عَنْ مَالِكٍ، عَنْ نَافِعٍ، أَنَّ عَبْدَ اللَّهِ بْنَ عُمَرَ، كَانَ يَلْبَسُ الثَّوْبَ الْمَصْبُوغَ بِالْمِشْقِ وَالْمَصْبُوغَ بِالزَّعْفَرَانِ ‏.‏ ”

Muwatta Malik-USC-MSA web (English) reference : Book 48, Hadith 4

Arabic reference : Book 48, Hadith 1657

4-अल्लाह का रंग ही अच्छा है

कुरान में भी भगवा रंग को अल्लाह का रंग बताया गया है

” बस अल्लाह का रंग ,और अल्लाह के रंग से कौन सा रंग अच्छा हो सकता है? ”

صِبْغَةَ اللَّهِ وَمَنْ أَحْسَنُ مِنَ اللَّهِ صِبْغَةً

“सिगबतुल्लाह व मन अहसनु मिनल्लाह सिगबतु “2:138

colour of Allah which is better colour than Allah,s?

इस आयत के बारे में एक हदीस में कहा गया है ,कि रसूल से केसरिया यानी भगवा रंग के बारे में पूछा गया तो उस समय कुरान की सूरा बकरा 2 :138 यह आयत नाजिल हुई थी .

अब हम दिग्विजय , चिदंबरम जैसे उन सभी कांग्रेसियों से पूछना चाहते जिन्होंने भगवा कपडे धारण करने वाले संतों खासकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भगवा आतंकवादी घोषित करके निर्दोष होने पर इतना प्रताड़ित किया था , अगर इन कान्ग्रेसिओं में हिम्मत हो तो मुहम्मद को भगवा आतंकी बताने की हिम्मत कर के दिखाएँ , क्योंकि वह और उनके साथी भी भगवे केसरिया कपडे पहिनते थे ,

और अगर मुल्लों में हिम्मत हो तो इन हदीसों को गलत साबित कर के दिखाएँ , नहीं तो भविष्य में कभी हिन्दुओं को भगवा आतंकवादी कहने की भूल नहीं करें , नहीं तो हम भी मुहम्मद साहब को भी भगवा आतंकवादी कहने लगेंगे

और आज भी मुहमद के अनुयायी सीरिया में गैर मुस्लिमों को भगवे कपडे पहिना कर , जिन्दा जला देते हैं , पानी में डूबा देते हैं ,गला काट देते या गोली मार देते हैं ,इस लेख को अधिक से अधिक शेयर करिये जिस से विरोधी निरुत्तर हो जाएँ

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ब्रजनंदन शर्मा (
लेख में प्रस्तुत किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं जिनसे उगता भारत का सहमत होना आवश्यक नहीं)

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