भारतवर्ष के हिन्दुओ!अपने पूर्वजों की शौर्य गाथाएं एक बार फिर से पढ़ लो।

सौभरि उवाचः :–
*भारतवर्ष के हिन्दुओ!अपने पूर्वजों की शौर्य गाथाएं एक बार फिर से पढ़ लो।
इन वीरों को पिछले 70 सालों से वामपंथी,सेक्यूलर और देशद्रोही इतिहासकार — ब्राह्मण,बाल्मीकि,खटीक,धोबी,बंजारे,
रेबारी,गुर्जर,किराड़,राजपूत,बनिया,चंवर
(जिनको कुछ मन्दबुद्धि लोग चमार कहते हैं),लोधा,कोली,नामदेव,तेली,कलाल,
केवट,मौर्य और राजभर आदि जातियों में
बाँट रहे हैं।

1– सन 622 से 634 तक तीर्थस्थली कबलेश्वर (काबा) महादेव के अरब देशों के सभी मूर्तिपूजकों को मुहम्मद ने जबरदस्ती मुसलमान बना दिया।
2– 634 से 651 तक सभी पारसियों को तलवार के दम पर मुसलमान बना दिया!3– 640 में मिस्र में पहली बार इस्लाम ने पांँव रखे और 655 तक इजिप्ट के लगभग सभी लोग जबरदस्ती मुसलमान बना दिये गए!
4– नार्थ अफ्रीकन देश जैसे अल्जीरिया, ट्यूनीशिया,मोरक्को जैसे देशों को 640 से 711 तक पूर्ण रूप से इस्लाम धर्म में बदल दिया गया!
5– 711 से 730 तक स्पेन की 70% आबादी मुसलमान बन गई।
6– 651 से 751 तक सारे तुर्क जबरदस्ती मुसलमान बना दिये गए!
7– 1260 से 1300 ईस्वी तक सारे इण्डोनेशियाइयों को मुसलमान बना दिया
गया।
8– फिलिस्तीनलेबनान,जॉर्डन आदि देशों को 634 से 650 के बीच मुसलमान बना दिया गया।
9– सीरिया की कहानी तो ज्यादा ही दर्दनाक है! मुसलमानों ने इसाई सैनिकों के आगे अपनी महिलाओ को कर दिया! और कहा कि मुसलमानों से हमारी रक्षा करो! मूर्ख इसाइयों ने इन धूर्तो की बातों में आकर उन्हें शरण दे दी! फिर क्या था,सारी राक्षसियों ने उनको हलाल कर दिया।

अब आप भारत की स्थिति देखिये!

636 ईस्वी में खलीफा ने भारत पर पहला हमला बोला! एक भी आक्रान्ता जीवित वापस नहीं जा पाया,जब खलीफा की गद्दी पर उस्मान आया तब उसने हाकिम नाम के सेनापति के साथ विशाल इस्लामी टिड्डिदल भारत भेजा।
भारतीय वीरों ने सेना का सफाया कर, हाकिम का बुरा हाल करके वापस अरब भेजा,ताकि उसकी सेना की दुर्गति का समाचार उस्मान तक पहुंँच जाए।
जितने भी ख़लीफ़ाओं ने भारत की तरफ बुरी नजर से देखा हिन्दू सैनिकों ने उनका सिर कन्धे से नीचे उतार दिया।
7 वीं सदी में इस्लाम ने अरब,अफ्रीका, ईरान, यूरोप, सीरिया, मोरक्को, ट्यूनीशिया, तुर्की पर अपना कब्जा कर लिया था उस समय भारत में महाराणा प्रताप के पूर्वज बप्पा रावल का जन्म हो चुका था।
उसअद्भुत योद्धा ने अफगानिस्तान को इस्लाम से मुक्त करके खलीफा की गद्दी पर कब्जा कर लिया,खलीफा को बप्पा से अपने प्राणों की भिक्षा माँगनी पड़ी।
उसके बाद भी नागभट्ट प्रतिहार द्वितीय ने पूरे भारत की रक्षा करते हुए पूरे संसार में हमारी शक्ति का डंका बजाया।
836 में विश्वविजेता मुसलमान हमारे वीरों के पराक्रम से थर-थर कांपने लगे क्योंकि गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिरभोज ने मुसलमानों को केवल 5 गुफाओं तक सीमित कर दिया,यह वही समय था, जिस समय मुसलमान किसी युद्ध में केवल विजय हासिल करते थे,और वहाँ की प्रजा को मुसलमान बना देते थे।
पृथ्वीराज चौहान के शासनकाल यानी 400 वर्ष बाद तक हिन्दू सैनिकों ने इस्लाम नाम की बीमारी भारत को नहीं लगने दी।
अन्तिम वीर दुर्गादास जी राठौड़ ने जोधपुर का किला मुगलों से जीतकर हिन्दू धर्म की गरिमा को बढ़ाया।
मुगलों ने 20 वर्ष से कम समय में ही ज्यादातर देशों को मुस्लिम बना लिया, लेकिन भारत में 800 वर्ष राज करने के बाद भी मेवाड़ के शेरों ने अपने राज्य पर इस्लाम की कुत्सित छाया नहीं पड़ने दी।
महाराणा प्रताप, दुर्गादास राठौड़, मिहिरभोज, रानी दुर्गावती, अपनी मातृभूमि के लिए जान पर खेल गए!
एक समय ऐसा आ गया था, लड़ते लड़ते राजपूत केवल 2% पर आकर ठहर गए! एक बार पूरा विश्व देखें, और आज अपना वर्तमान देखें! जिन मुसलमानों ने 20 वर्ष में विश्व की आधी जनसंख्या को मुसलमान बना दिया,वह भारत में केवल पाकिस्तान बाङ्ग्लादेश तक सिमट कर ही क्यों रह गए?
राजा भोज, विक्रमादित्य, नागभट्ट प्रथम और नागभट्ट द्वितीय, चन्द्रगुप्त मौर्य, बिन्दुसार, समुद्रगुप्त, स्कन्द गुप्त, छत्रसाल बुन्देला, आल्हा-उदल, राजा भाटी, भूपत भाटी, चाचादेव भाटी, सिद्ध श्री देवराज भाटी, कानड़ देव चौहान, वीरमदेव चौहान, हठी हम्मीर देव चौहान, विग्रह राज चौहान, मालदेव सिंह राठौड़, विजय राव लाँझा भाटी, भोजदेव भाटी, चूहड़ विजयराव भाटी, बलराज भाटी, घड़सी, रतनसिंह, राणा हमीर सिंह,महाराणा अमर सिंह, अमर सिंह राठौड़, दुर्गादास राठौड़, जसवन्त सिंह राठौड़, मिर्जा राजा जयसिंह, राजा जयचंद, भीमदेव सोलङ्की, सिद्ध श्री राजा जय सिंह सोलङ्की, पुलकेशिन द्वितीय सोलङ्की, रानी दुर्गावती, रानी कर्णावती, राजकुमारी रतनबाई, रानी रुद्रा देवी, हाड़ी रानी, रानी पद्मावती, जैसी अनेको रानियों ने लड़ते-लड़ते अपने राज्य की रक्षा हेतु अपने प्राण न्योछावर कर दिए!
अन्य योद्धा तोगा जी,वीरवर कल्लाजी,जयमल जी,जेता कुपा,गोरा बादल,राणा रतन सिंह, पजबन राय जी कच्छावा, मोहन सिंह मँढाड़, राजा पोरस, हर्षवर्धन बेस, सुहेलदेव बेस, राव शेखाजी, राव चन्द्रसेन जी दोड़, राव चन्द्र सिंह जी राठौड़, कृष्ण कुमार सोलङ्की, ललितादित्य मुक्तापीड़, जनरल जोरावर सिंह कालुवारिया, धीर सिंह पुण्डीर, बल्लू जी चम्पावत, भीष्म रावत चुण्डा जी, रामसाह सिंह तोमर और उनका वंश, झाला राजा मान, महाराजा अनङ्गपाल सिंह तोमर, स्वतंत्रता सेनानी राव बख्तावर सिंह, अमझेरा वजीर सिंह पठानिया, राव राजा राम बक्श सिंह, व्हाट ठाकुर कुशाल सिंह, ठाकुर रोशन सिंह, ठाकुर महावीर सिंह, राव बेनी माधव सिंह, डूङ्गजी, भुरजी, बलजी, जवाहर जी, छत्रपति शिवाजी,गुरुगोविन्द सिंह जी ऐसे हिन्दू योद्धाओं का संदर्भ हमें हमारे इतिहास में सेक्यूलर सरकारों ने कभी नहीं पढ़ाया।
*जबकि अकबर को महान फिर हुमायूँ, बाबर,शाहजहाँ,औरङ्गजेब, ताजमहल, कुतुब मीनार,लालकिला,चारमीनार आदि के बारे में ही पढ़ाया गया!

अगर हिन्दू सङ्गठित नहीं रहते, तो आज ये देश भी पूरी तरह सीरिया और अन्य देशों की तरह पूर्णतया मुस्लिम देश बन चुका होता!
हिन्दू वीरों का यह विश्लेषण समाज तक पहुंचना अनिवार्य है! हर वर्ग और समाज में वीरों की गाथाओं को बताकर उन्हें गर्व की अनुभूति कराओ।

प्रस्तुति: देवेंद्र सिंह आर्य एडवोकेट,
चेयरमैन भारत समाचार पत्र

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