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लखनऊ को नवाबों का शहर कहना इस्लामिक प्रोपागेंडा का चरमोत्कर्ष है*

*अयोध्या पुरी और लक्ष्मणपुरी ये दो शहर ऐसे ही आपस में जुड़े हुए थे जैसे भगवान राम और उनके स्वामिभक्त छोटे भाई लक्ष्मण का नाम आपस में जुड़ा हुआ है। श्री अयोध्या पुरी भगवान राम की सेवा में थी और लक्ष्मणपुरी की स्थापना श्री लक्ष्मण ने की थी ।*

*कांग्रेसी शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद के जमाने में तैयार की गई स्कूल की किताबों के माध्यम से बहुत मनोवैज्ञानिक तरीके से बच्चों के दिमाग में पीढ़ी दर पीढ़ी ये झूठ भर दिया गया कि लखनऊ नवाबों का शहर है ।*

*मनोवैज्ञानिक तरीके से झूठ दिमाग में डालने का सबसे अच्छा तरीका ये होता है कि पहले उस झूठ से जुड़ा हुआ एक सवाल तैयार किया जाए । और बच्चों के लिए सवाल क्या तैयार किया गया।*

*बच्चों ये बताओ कि नवाबों का शहर किसे कहते हैं ? तो बच्चों ने बोला… सर/मैडम… नवाबों का शहर लखनऊ को कहते हैं । अब जिस बच्चे को ये नहीं पता कि लखनऊ नवाबों का शहर है वो बच्चा बौड़म और मूर्ख कहा जाएगा । इस तरह हिंदुओं ने अपनी मूंछों पर ताव देते हुए खुद के बुद्धिमान होने का दंभ पालते हुए ये झूठ स्वीकार कर लिया कि हमें पता है कि नवाबों का शहर क्या है ? नवाबों का शहर लखनऊ है ।*

*जिहादी भले ही पंचर बनाता हो लेकिन उसकी पॉलिटिकल समझ बहुत जबरदस्त है । और इसलिए जब जिहादियों ने हिंदू शहरों पर कब्जा किया तो सबसे पहले उन हिंदू शहरों का नाम ही बदल डाला.. जैसे अयोध्या का नाम फैजाबाद… प्रयाग का नाम इलाहाबाद… बहुत से लोगों को जानकारी नहीं है कि औरंगजेब ने मथुरा का नाम इस्लामाबाद रख दिया था । मुगलों के जमाने के पुराने सरकारी दस्तावेजों में मथुरा को इस्लामाबाद लिखा गया है ! आपको ये जानकर हंसी आएगी कि श्री कृष्ण की नगरी वृंदावन को ये जिहादी मोमिनाबाद कहने लगे थे। ये तो भला हो जाट राजा सूरजमल का जिन्होंने मथुरा को आताताई मुगलों से मुक्त करवाया ।*

*यही पहचान-परिवर्तन का काम इन जिहादियों ने लक्ष्मणपुरी के साथ भी किया । इसीलिए अब बच्चों को स्कूल में ये पढ़ाया जाना चाहिए कि लखनऊ का नाम किसके नाम पर है ? तो जवाब आना चाहिए कि लखनऊ का नाम भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण के नाम पर है ।*
*दरअसल लक्ष्मण संस्कृत का शब्द है.. अवधी भाषा में यही शब्द लखन कहा जाने लगा । और लखन से ही बना है लखनऊ।*

*लखनऊ में आज भी लक्ष्मण टीला नाम की एक जगह मौजूद है ये काफी ऊंची भूमि है और यहां पर एक छेद भी मिलता है जो काफी गहराई तक गया है… हिंदू लोग बहुत प्राचीन काल से इस छिद्र पर फूल और जल अर्पित करते थे क्योंकि ये मानते थे कि ये छिद्र शेषनाग तक जाता है वही शेष नाग जिसके बारे में पौराणिक मान्यता है कि धरती शेषनाग के फन पर है ।*

*लेकिन इस स्थान पर अब एक मस्जिद बनी हुई है जिसे टीले वाली मस्जिद कहा जाता है दरअसल ये हिंदुओं का एक और पवित्र स्थल है जिसे जिहादियों के द्वारा हड़प लिया गया । इसी के सामने अब लक्ष्मण की मूर्ति बनाने की बात चल रही है जिसका जिहादी विरोध कर रहे हैं।*

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*राम राम जी*

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