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10 से लेकर 2000 तक के नोटों पर छपे हैं इन ऐतिहासिक धरोहरों के चित्त

रविराज वर्मा

भारत देश अलग-अलग धर्म, संस्कृति और परंपराओं का घर है। देश की विरासत इसकी ऐतिहासिक धरोहरों में साफ झलकती है। भारतीय रिज़र्व बैंक हर करेंसी नोट के सामने की ओर राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी की तस्‍वीर छापता है जबकि नोट के पीछे की तरफ देश के किसी एक मॉन्‍यूमेंट की तस्‍वीर छापी जाती है । नये रंगीन नोटों की सीरीज़ में हर नोट के पीछे अलग-अलग तस्‍वीर छपी दिखाई देगी ‘आप इनमें से कितने स्‍मारकों को पहचानते हैं?

कोणार्क का सूर्य मंदिर
ओड़िशा में स्थित कोणार्क का सूर्य मंदिर एक भव्य मंदिर है। रथ के आकार में बना यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है. इसके रथ में 24 पहिए हैं जो दिन के 24 घंटों को दर्शाते हैं और 7 घोड़े सप्ताह के दिनों को दर्शाते हैं. सन 1984 में सूर्य मंदिर को UNESCO द्वारा ‘भारत का विश्व धरोहर स्थल’ घोषित किया गया था। कोणार्क के सूर्य मंदिर की तस्‍वीर 10 रुपये के बैंक नोट पर छपी रहती है।

एलोरा की गुफाएं
महाराष्‍ट्र में स्थित एलोरा की गुफाएं दुनिया की सबसे बड़ी चट्टानों को काटकर बनाई गई संरचनाओं में से एक हैं। यहां लगभग 34 गुफाएं हैं जिसमें कैलाश मंदिर गुफा हिमालय के कैलाश पर्वत श्रृंखला को समर्पित है । इन गुफाओं का निर्माण लगभग 600 ईस्वी से 1000 ईस्वी पूर्व में किया गया है. UNESCO द्वारा ‘भारत में विश्व धरोहर स्थल’ घोषित यह अमूल्‍य धरोहर तीन प्रमुख धर्मों- हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों के सह-अस्तित्व और धार्मिक सहिष्णुता की भावना का प्रतीक है। इसका चित्र 20 रुपये के बैंक नोट के पीछे छपा रहता है।
हम्‍पी
कर्नाटक में स्थित, हम्पी शहर लगभग 250 प्राचीन स्मारकों और मंदिरों का घर है I 1500 ईस्वी में, हम्पी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी और उस समय दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर कहा जाता है । समय बीतने के साथ, हम्पी ने राजधानी के रूप में अपना महत्व खो दिया और अब पर्यटक हम्पी के खंडहरों में उस इतिहास को खोजते हैं जो लगभग 500 स्मारक और मंदिरों में फैला हुआ है। हम्पी को 1986 में UNESCO द्वारा भारत में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। हम्‍पी का चित्र 50 रुपये के नोट के पीछे छापा जाता है।
रानी की वाव
UNESCO विरासत स्थलों द्वारा संरक्षित, रानी की वाव भारत में सबसे भव्य बावड़ियों में से एक है।गुजरात में सरस्‍वती नदी के तट पर स्थित इस धरोहर को सबसे पुराने बावड़ियों में से एक माना जाता है । इसमें नक्काशीदार खंभों और दीवारों पर 800 से अधिक मूर्तियां खूबसूरती से उकेरी गई हैं जो भगवान विष्णु के अवतारों पर आधारित हैं I जटिल रूप से तराशे गए डिज़ाइन और आकर्षक ज्‍योमेट्री पैटर्न शिल्प कौशल देखते ही बनता है। इसकी तस्‍वीर 100 रुपये के नोट के पीछे छपती है।

सांची का स्‍तूप
मध्य प्रदेश में स्थित सांची का स्तूप बौद्ध धर्म की एक ऐतिहासिक धरोहर है.सांची स्तूप के निर्माण के पीछे एक दिलचस्प कहानी है । सम्राट अशोक ने 262 ईसा पूर्व में कलिंग की लड़ाई लड़ी थी। युद्ध में रक्तपात देखने के बाद उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाने और दुनिया में शांति फैलाने का फैसला किया। सांची स्तूप उनके आदेश पर और बुद्ध के अवशेषों पर बनाया गया था। यह भारत की सबसे पुरानी पत्थर की संरचनाओं में से एक है । वर्ष 1989 में, सांची स्तूप को UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया. इसकी तस्‍वीर 200 रुपये के नोट के पीछे छपती है।

लाल किला
देश की राजधानी दिल्‍ली में स्थित लाल किला ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्‍वपूर्ण है। लाल ईंट से बने इस किले का निर्माण मुगल साम्राज्‍य के 5वें सम्राट शाहजहां ने कराया था। देश के प्रधानमंत्री हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्रचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और देश को अपना संबोधन देते हैं। इसे UNESCO द्वारा वर्ल्‍ड हेरिटेज साइट माना गया है और इसका चित्र 500 रुपये के नोट के पीछे छपा रहता है।

मंगलयान

मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM), जिसे ‘मंगलयान’ भी कहा जाता है, देश की अंतरिक्ष में ऐतिहासिक छलांग का एक प्रतीक है । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा 24 सितंबर 2014 को लॉन्‍च किया गया मंगलयान हमारे पड़ोसी ग्रह मंगल की परिक्रमा कर रहा है। मंगल मिशन ने रोस्कोस्मोस, नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बाद इसरो को मंगल की कक्षा में पहुंचने वाली चौथी अंतरिक्ष एजेंसी बना दिया I इसके साथ ही भारत मंगल की कक्षा में पहुंचने वाला पहला एशियाई देश और अपने पहले प्रयास में ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बना है. इसे सम्‍मानित करने के लिए 2000 के नोट के पीछे मंगलयान का चित्र छापा जाता है ।

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