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Continue to Chatक्रोध करने का अभिप्राय अन्याय करने जैसा है : स्वामी विवेकानंद परिव्राजक जी महाराज https://www.ugtabharat.com/64519/
क्रोध करने का अभिप्राय अन्याय करने जैसा है : स्वामी विवेकानंद परिव्राजक जी महाराज https://www.ugtabharat.com/64519/