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खतना कराना शैतान की चाल है !

वैसे तो सभी मुसलमान मानते हैंकि इंसान को अल्लाह ने बनाया है.और उसका अकार,रूप संतुलित और ठीकठाक बनाया है .उसे किसी तरह की कमी नहीं रखी.और यह भी दावा करते हैं कि अल्लाह ने कुरआन में सारी बातें खोल खोल कर साफ़ बता दी हैं.लेकिन जब उनसे खतना के बारे में पूछा जाता है ,तो वे बेकार के बहाने करने लगते हैं.एक व्यक्ति ने जब इसके बारे में सवाल किया तो इम्पेक्ट उर्फ़ सलीम ने कहा कि अप फल को छीलकर क्यों खाते हैं.हमने कहा अगर अल्लाह को छिला हुआ फल पसंद है तो फल का नाम भी बता देते ?लेकिन मेरा मुसलमानों से सवाल है कि वे एक भी आयत बताएं जिसमे खतना का हुक्म हो .या वे बता दें कि मुहम्मद ने कब खतना कराई थी ?.,इसकी कोई हदीस बता दें?

अब हम मुख्य विषय पर आते हैं कि यह अल्लाह का हुक्म नहीं !!

 1 -अल्लाह ने इंसान को उचित रूप में बनाया

“हमने तुम्हें बनाया तो ,ठीक अनुपात और आकार में बनाया और इस प्रकार की रचना बनाई जैसी होना चाहिए .सूरा अल इनफितार 82 :7 -8

“तुम क्यों नहीं मानते कि हमने ही तुम्हें पैदा किया और तुम्हारा आकार देने वाले हम हैं ,या तुम आकार देने वाले हो .सूरा अल वाकिया -56 :57

“हमने तुम्हारा अकार बनाया और अच्छा आकार बनाया .सूरा अल मोमिनीन -40 :64

“अल्लाह ने जो भी चीज बनाई व्यर्थ नहीं बनाई .सुरा आले इमरान -3 :191

“हमने इन्सान को अच्छे से अच्छी स्थिति में बनाया .सूरा अत तीन -95 :3

2 -अल्लाह के दिए आकार को बदलना शैतान की चाल है – 

“शैतान ने अल्लाह से कहा ,मैं तेरे बन्दों को बहकाऊँगा ,उनको वासना के मायाजाल में फंसऊँगा ,फिर वे अपने चौपायों के कान फडवाएंगे और अलाह की रचना में बदलाव करेंगे ,और पशुओं को देवताओं के नाम छोड़ देंगे ,ऐसा करने वाले शैतान के मित्र हैं “सूरा अन निसा -4 :119a

इस आयत की तफ़सीर में “अल्लाह की रचना “में बदलाव का उदहारण दिया गया है जैसे -नसबंदी करना .किसी को बाँझ करना ,परिवार नियोजन करना, आजीवन ब्रह्मचारी रहना ,और किसी को हिजड़ा बनाना है .इसी आयत कि बदौलत मुसलमान परिवार नियोजन नहीं करते हैं .इसे गुनाह मानते है .

 3 -खतना कराना यहूदिओं की नक़ल है –

वैसे तो मुसलमान यहूदिओं को रोज गालियाँ देते हैं .लेकिन उनकी नक़ल करके छोटे छोटे बच्चों की खतना कर देते है .जब वह नादान होते है .कुरआन में ऐसा कोई आदेश नहीं है ,यह बाईबिल का आदेश है –

” खुदा ने कहा तू और तेरे बाद तेरे वंशज पीढी दर पीढी हरेक बच्चे का खतना कराये,और उनके लिंग की खलाड़ी काट दे   जो तेरे   में पैदा हो या जिसे मोल से खरीदा हो सबका खतना कर

“बाइबिल -उत्पत्ति अध्याय -17 :9 से 14

  4 -मूसा और उसके पुत्रों का खतना नहीं हुआ

” मिस्र निकालने बाद जितने लोग पैदा हुए किसी का खतना नहीं हुआ -यहोशु-5 :5

“अपना नहीं बल्कि अपने ह्रदय का खतना करो “बाइबिल व्यवस्था -10 :16

यहाँ तक तो लड़कों के खतना की बात है .लेकिन मुहम्मद ने अल्लाह से आगे बढ़ कर औरतों के खतना का हुक्म दे डाला

 5 -औरतों का खतना -female genital mutilation

यह मुहमद के दिमाग की खुराफात है .इसका कुरान में कोई जिक्र नहीं है चूँकि यहूदी लड़कों का खतना करते थे मुहम्मद उसका उलटा करा चाहता था .उसे यहूदिओं से नफ़रत थी .उसने कहा –

“रसूल ने कहा कि काफिर और यहूदी जैसा करते हैं ,उम उसका उलटा करो .

बुखारी -जिल्द 7 किताब 72 हदीस 780

एक दिन मदीना में उम्मे अत्तिया लड़किओं की खतना करने जा रही थी ,मुहम्मद ने उस से कहा कि लड़की की योनी को गहराई से मत छीलो .ऐसा न हो कि वह उसके पति को अच्छी न लगे -अबू दाऊद-किताब 41 हदीस 5149 ,5151 और 5152

“रसूल ने कहा कि लड़किओं की सिर्फ भगनासा clitoris और आस पास के भागोस्ष्ठ छील दो बुखारी जिल्द 7 किताब 72 हदीस 779

 6 -महिला खतना में क्या होता है

भगनासा को बिलकुल निकाल देना -removal clitoris भगोष्ठ को छील देना या काट देना trimming of labia majora .और cutting

महिला खतना अरब में अधिक है .लेकिन भारत के मुसलमान भी अपनी औरतो की खतना इस लिए करा देते है कि उनकी औरतें किसी गैर मुस्लिम के साथ न भाग जाए ,क्योंकि सिर्फ मुस्लिम ही ऎसी बर्बाद और बिद्रूप औरत को रख सकता है.

( नोट -यह लेख भंडाफोडू ब्लॉग में 30 अगस्त 2010 को प्रकाशित हुआ था . जिसमे हमने जब सलीम नामके जकरिया समर्थक से खतना के बारे में कुरान का आदेश पूछा था तो उसे सांप सूँघ गया था ,इसलिए यह लेख फिर से प्रकाशित किया है . ताकि लोग मुल्लों की असलियत समझ सकें .और जो लोग कुरान के आदेश के बिना खतना करते हैं उन्हें काफिर क्यों नहीं माना जाये )

http://sheikyermami.com/2009/09/30/are-you-a-sponsor-of-female-genital-mutilation/

http://bhaandafodu.blogspot.in/search/label/%E0%A4%B6%E0%A5%88%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%A8

One reply on “खतना कराना शैतान की चाल है !”

Dekhiye bhai khatna ka jikr kahi bhi quran me nahi hai lekin qattar muslim samaj me isko byapak roop me kar raha hai iski wajah kya hai sach kab inlogo ki samaj me aayegi ye sirf ek ladko ki ulonghon aur sharm pakriya hai us samay ladka apni mansik santrulan khatam ho jata hai jeevan ek sharm ban jate hai khatna na hona ghar ke liye padosi ke liye charcha ho jata hai khatna us ladka ke liye abhisap ho jata hai halaki ye ek niji mamla hai ladko ka wo khud tai kare kya karna hai ye hamari personal matter hai log isko ulonghon karte hai yesa hona chahiye kya ghar me bhi dusro ko bhi pata na chalna chahiye.sharm ki baat hai isko band karni chahiye

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